छोटे साहिबज़ादों का अद्वितीय बलिदान मानवता को ज़ुल्म, दमन और बेइन्साफ़ी के खि़लाफ़ लडऩे के लिए प्रेरणा देता रहेगा-मुख्यमंत्री  

मानवता के इतिहास में छोटे साहिबज़ादों का बलिदान बेमिसाल

मेजर ध्यान चंद स्टेडियम, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में छोटे साहिबज़ादों को श्रद्धाँजलि भेंट की

नई दिल्ली : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि छोटे साहिबज़ादों का महान और अद्वितीय बलिदान मानवता को ज़ुल्म, दमन और बेइन्साफ़ी के खि़लाफ़ लडऩे के लिए प्रेरित करता रहेगा। यहाँ मेजर ध्यान चंद स्टेडियम में हुए समारोह के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दसवें पातशाह श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के छोटे साहिबज़ादे बाबा ज़ोरावर सिंह और बाबा फ़तेह सिंह ने छोटी उम्र में शहादत प्राप्त कर सरहिन्द के सूबे के अत्याचार के खि़लाफ़ बेमिसाल साहस और निडरता का सबूत दिया।

उन्होंने कहा कि साहिबज़ादों को दसमेश पिता, जिन्होंने मानवता के कल्याण के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया, से साहस और बलिदान का जज़्बा विरासत में मिला था। भगवंत मान ने कहा कि आज समूची दुनिया छोटे साहिबज़ादों के इस महान बलिदान के आगे सिर झुका रही है, जिसकी विश्व के इतिहास में कोई अन्य मिसाल नहीं है। छोटे साहिबज़ादों और माता गुजरी जी के बलिदान के आगे नतमस्तक होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मानवता के इतिहास में यह बलिदान बेमिसाल है। उन्होंने कहा कि आज समूचा विश्व इस अद्वितीय बलिदान पर गर्व महसूस कर रहा है और यह न केवल पंजाबियों और हमारे देश-वासियों, बल्कि दुनिया के कोने-कोने में बैठे लोगों के लिए गर्व की बात है।

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब का इतिहास अनगिनत बलिदानों से भरा पड़ा है और इन बलिदानों का दौर श्री गुरु अर्जुन देव जी, श्री गुरु तेग़ बहादुर जी और श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी से शुरू होता है, जिन्होंने मानवता की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर कर दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहाँ एक तरफ़ लाखों की संख्या में संगत छोटे साहिबज़ादों को नमन करने के लिए फतेहगढ़ साहिब में जा रही है, वहीं पंजाबियों द्वारा यह महीना ‘शोक के महीने’ के तौर पर मनाया जा रहा है। भगवंत मान ने याद करते हुए बताया कि छोटे साहिबज़ादों और माता गुजरी जी के शहादत के शोक के तौर पर इन दिनों में उनके दादा-दादी ज़मीन पर सोते थे। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को इस अतुलनीय शहादत के बारे में जागरूक करने की ज़रूरत है, जिससे उनको मुल्क के लिए अपना सब-कुछ कुर्बान करने के प्रति प्रेरित किया जा सके।

आज का यह समारोह करवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रयास हमारी युवा पीढ़ी को छोटे साहिबज़ादों की महान विरासत के बारे में अवगत करवाने में सहायक साबित होगा। उन्होंने कहा कि छोटे साहिबज़ादों के महान बलिदान को याद करना आज के समय की आवश्यकता है, जिससे मानव अधिकारों एवं नैतिक-मूल्यों को और मज़बूत किया जा सके। भगवंत मान ने कहा कि यह प्रयास छोटे साहिबज़ादों के अतुलनीय बलिदान संबंधी प्रेरित करता रहेगा।

भगवंत मान ने पवित्र नगरी अमृतसर में शिक्षा और रोज़गार पर प्रतिष्ठित जी-20 सम्मेलन के दो सत्र आयोजित करने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि पंजाब को दुनिया भर में उसकी गरिमापूर्ण मेज़बानी के कारण जाना जाता है और इस सम्मेलन में शिरकत करने के लिए विदेशों से पंजाब आने वाले प्रतिनिधियों के स्वागत में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत मान ने कहा कि यह सत्र अमृतसर की पवित्र धरती पर करवाए जाएंगे, जहाँ लाखों श्रद्धालू श्री दरबार साहिब, दुरग्याना मंदिर, श्री राम तीर्थ, जलियांवाला बाग़ आदि के दर्शनों के लिए आते हैं।

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