चंडीगढ़, 8 मार्च:
पंजाब के खेल और युवक सेवाएं मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने ध्यान चंद राष्ट्रीय खेल सम्मान के साथ नवाज़े गए अंतरराष्ट्रीय एथलीट श्री ईशर सिंह देयोल (91) के अकाल देहांत पर दुख प्रकट किया है। बीती देर शाम इस नाशवान संसार को अलविदा कह गए श्री देयोल का संस्कार आज जालंधर में किया गया।
राणा सोढी ने परिवार और सगे-संबंधियों के साथ दुख साझा करते हुए परमात्मा के समक्ष अरदास की कि वह दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और परिवार को ईश्वरीय आदेश मानने का बल प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सन् 1951 से खेल के मैदान में अपना खेल दिखाते हुए देश और राज्य के लिए कई पदक जीतने वाले श्री देयोल को सन् 2009 में आजीवन खेल के लिए योगदान देने के लिए ध्यान चंद राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित किया गया। लगातार 30 साल पंजाब एथलैटिक्स एसोसिएशन के महासचिव और कई वर्ष एथलैटिकल फेडरेशन ऑफ इंडिया के वाइस प्रैज़ीडेंट और चयन समिति के मैंबर रहने वाले, खिलाडिय़ों के लिए मार्गदर्शक श्री देयोल के चल जाने से खेल जगत में सूनापन पसर गया है।
जि़ला लुधियाना के गाँव रंगूवाल 7 सितम्बर, 1929 को जन्मे श्री देयोल ने एन.ए.सी. हाई स्कूल, मिंटगुमरी, पाकिस्तान से 10वीं और ख़ालसा कॉलेज अमृतसर से ग्रेजुएशन की। एन.आई.एस. पटियाला से एथलैटिक्स कोचिंग सर्टीफिकेट लिया। उन्होंने थोड़े समय के लिए पैप्सू पुलिस में बतौर ए.एस.आई. सेवा निभाई और फिर स्टेट स्पोर्टस कॉलेज जालंधर चले गए, जहाँ से वह 1987 में प्रिंसिपल (कार्यकारी) सेवामुक्त हुए।
श्री देयोल ने पहले तीन एशियाई खेलों में हिस्सा लिया और फि़लीपीन्ज़ की राजधानी मनीला में 1954 के दौरान हुए दूसरे एशियाई खेलों में काँस्य पदक जीता। 1957 में मिंटगुमरी, पाकिस्तान में हुई अंतरराष्ट्रीय एथलैटिक मीट में उन्होंने 46 फूट 11.2 इंच गोला फेंक कर एशिया का नया रिकार्ड स्थापित किया। श्री देयोल 1951 से 1960 तक लगातार गोला फेंकने और डिस्क थ्रो में हिस्सा लेते रहे। वह पाँच साल लगातार ऑल इंडिया पुलिस मीट में 1952 से 1957 तक स्वर्ण पदक जीतते रहे। 1982 में सिंगापुर में पहली एशियन वैटर्न एथलैटिक मीट दौरान उन्होंने गोल्ड मैडल जीते। इसके अलावा वह देश-विदेशों में हुए विभिन्न प्रतिष्ठित खेल टूर्नामेंटों के दौरान अहम भूमिकाएं निभाईं।
-NAV GILL