-आवश्यकता पडऩे पर 10 वैंटीलेटरों और 25 बैडों वाला हस्पताल सरकार को देने की पेशकश
चंडीगढ़, 22 अप्रैल: पंजाब सरकार द्वारा तालाबन्दी / लॉकडाउन संबंधी उठाए गए कड़े कदमों की सराहना करते हुए इंडियन मैडीकल एसोसिएशन (आई.एम.ए.) ने कोविड-19 के खतरे की तुरंत पहचान, जांच और रोकथाम रणनीति अपनाकर इस महामारी से निपटने के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग की कारगुजारी की बढ़ाई की है।
इंडियन मैडीकल एसोसीएशन ने अपने बयान में कहा है कि पंजाब में 4 मार्च को कोरोना से पीडित होने का पहला केस सामने आया था, परन्तु विभाग जनवरी 2020 से वाहगा और करतारपुर गलियारे पर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और अंतरराष्ट्रीय चैक पोस्टों पर आने वाले यात्रियों की जांच संबंधी पहले ही चैकस रहा है।
इसके अलावा, विभाग की सक्रिय कार्यप्रणाली इस तथ्य से स्पष्ट है कि यात्रियों की जांच चंडीगढ़ में शुरू कर दी गई थी और भारत सरकार से भी पहले चैक पोस्टों पर स्क्रीनिंग करनी शुरू कर दी गई थी।
सक्रिय निगरानी के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा कोविड-19 के पहले केस का पता लगाया गया जिससे इसको आगे फैलने से रोकने में सहायता मिली।
आई.एम.ए. ने जालंधर कोविड हस्पताल के पास 10 वैंटीलेटरों और 25 बैडों वाला हस्पताल स्थापित किया है, जिसको जरूरत पडऩे पर राज्य सरकार को सौंपे जाने की पेशकश की है। इसके साथ ही आई.एम.ए. द्वारा कई जिलों में पीपीई किटें दी जा रही हैं और कोविड-19 के मरीजों के प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है और सिविल अस्पतालों में जांच के लिए एंबुलेंस सेवा भी मुहैया करवाई जा रही है।
आईएमए ने संतुष्टि जाहिर करते हुए आगे कहा कि एस.बी.एस नगर और मोहाली जिले के डेराबस्सी में राज्य के दो हॉटस्पॉटों में राज्य की टीमों द्वारा पूरे गाँव और आसपास के इलाकों की घेराबन्दी की गई और पॉजिटिव मामलों के सभी संपर्कों की तुरंत ट्रेसिंग करके जांच की गई।
महामारी के प्रभाव के विश्वव्यापी पैमाने के मद्देनजर राज्य की साझी प्रतिक्रिया को देखते हुए आई.एम.ए. ने विशेष तौर पर स्वास्थ्य विभाग के आइसोलेशन सुविधाएं तैयार करना, गंभीर मामलों के प्रबंधन के लिए मानशक्ति का पुनर्गठन और सामथ्र्य निर्माण और आई.ई.सी. द्वारा कोरोना वायरस से बचाव संबंधी जागरूकता के लिए बड़ी मुहिम के अलावा जागरूकता गतिविधियां करने के लिए भी सराहना की।
विभाग द्वारा उठाए गए कदमों की सफलता एस.बी.एस. नगर के पठलावा गाँव में वायरस फैलने की रोकथाम के सभ्यक यत्नों में स्पष्ट तौर पर दिखाई देती है जहाँ बहुत कम समय में 19 केस सामने आए थे। तुरंत टेस्टिंग और रोकथाम के यत्नों से एस.बी.एस. नगर से 25 मार्च के बाद अब तक कोई नया केस सामने नहीं आया है। सभी मरीज तंदुरुस्त घोषित किए जा चुके हैं, जबकि रहते एक मरीज की भी एक दिन बाद छुट्टी होने की संभावना है।
आई.एम.ए. ने पंजाब को अपने पूरे समर्थन और सहयोग का भरोसा देते हुए कहा कि पूरे राज्य में निजी अस्पतालों में ओपीडी की सुविधा देने और उनके पास आने वाले मरीजों के प्रबंध को यकीनी बनाकर यह संस्था अपने पूरे सामथ्र्य से राज्य की सहायता कर रही है। आई.एम.ए. पंजाब ने राज्य सरकार को इस महामारी को रोकने के लिए हर तरह के सहयोग के लिए वचनबद्धता जताई है।
जिक्रयोग्य है कि आई.एम.ए. पंजाब ने कोविड-19 को कंट्रोल करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी संबंधी विचार-विमर्श करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव और डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं से कई मुलाकातें की। उन्होंने 28 मार्च से कोविड-19 के केंद्र पठलावा (एस.बी.एस. नगर) और सब्जी मंडी में कैंप लगाए। आई.एम.ए. के सभी जिला अध्यक्ष सिविल सर्जनों से तालमेल बनाए हुए हैं।