-सरकारी डाक्टरों और पैरा -मैडीकल स्टाफ की सेवाओं में 30 सितम्बर तक वृद्धि
-मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को सम्बन्धित जिलों में स्थिति का जायज़ा लेने और स्थानीय प्रशासन के साथ मीटिंगें करने के लिए कहा
-प्रस्ताव में लोगों को बड़े भीड़-भाड़ वाले स्थानों से दूर रहने, विवाह में 50 से अधिक व्यक्तियों का जलसा न करने की की अपील
-सभी प्राईवेट और सरकारी बसों में सैनीटाईजऱ उपलब्ध करवाने के लिए कहा
-धार्मिक नेताओं और डेरा मुखियों को ज़्यादा जलसा न करने के लिए भी कहा
चंडीगढ़,16 मार्च:
कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की तरफ से आज लोगों को कोरोनावायरस के खतरे से न घबराने की अपील करते हुये कहा कि सभी ज़रूरी सावधानियां बरतने के लिए कहा। इसके साथ ही लोगों को भीड़ वाले स्थानों और सामुहिक जलसों से संकोच करने की भी अपील की गई।
मुख्यमंत्री का नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने कोविड -19 के प्रकोप के साथ निपटने के लिए राज्य की तैयारियों और स्थिति का जायज़ा लिया। मंत्रीमंडल की तरफ से इस खतरे से निपटने के लिए किये गए बचाव कामों का जायज़ा लेने के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्रा की अध्यक्षता अधीन बनाए गये 7 सदस्यीय मंत्री समूह (जीओएम) की रिपोर्टों का भी जायज़ा लिया। इस मंत्री समूह में ओम प्रकाश सोनी, तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा, रजिया सुल्ताना, बलबीर सिंह सिद्धू, विजय इंद्र सिंगला और भारत भूषण आशु शामिल हैं।
मीटिंग में पास किये गए एक प्रस्ताव सम्बन्धी मंत्रीमंडल ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में पंजाब सरकार के साथ काम कर रहे डाक्टरों और पैरा मैडीकल स्टाफ की सेवाएं 30 सितम्बर, 2020 तक बढ़ाने के मुख्यमंत्री के फ़ैसले को मंज़ूरी दे दी है।
हालाँकि, पंजाब में अब तक कोरोनावायरस का एक मामला सामने आया है परन्तु इस बीमारी, जिसको विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक विश्वव्यापी महामारी घोषित किया है, के फैलाव को रोकने के लिए राज्य सरकार की तरफ से हर यत्न किया जायेगा। पंजाब सरकार के सभी विभागों के यत्नों की सराहना करते हुये मंत्रीमंडल ने लोगों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की तरफ से समय -समय दी जा रही सलाह अनुसार पूरी तरह तैयार रहने और सभी सावधानियां बरतने की अपील की।
मंत्रीमंडल ने अपने प्रस्ताव के द्वारा लोगों को भीड़ वाले स्थानों और सामुहिक जलसों में न जाने, हाथ और साँस वाले अंगों की सफ़ाई बनाई रखने और अपने आसपास की सफ़ाई को यकीनी बनाने की अपील की। मंत्रीमंडल की मीटिंग के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि लोगों को साबुन और पानी या हैड सैनीटाईजऱ के साथ बार -बार अपने हाथ धोने की सलाह दी जाती है और उनको अपने चेहरे को हाथ लगाने से परहेज़ करना चाहिए।
इसके अलावा प्रस्ताव में लोगों को ग़ैर -ज़रूरी यात्रा से परहेज़ करने की सलाह दी गई है। प्रस्ताव में कहा गया है कि जिन लोगों को खाँसी, छींक और बुख़ार है, उनको तुरंत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की 104 -मैडीकल हैल्पलाइन या अपने सम्बन्धित जि़लेे के कंट्रोल रूमों के साथ संपर्क करना चाहिए।
मीटिंग में विचार-विमर्श के बाद मंत्रीमंडल ने लोगों को विवाह की रस्मों को मुलतवी करने या विवाह में 50 से अधिक व्यक्ति इकठ्ठा न करने की अपील की। धार्मिक नेताओं और डेरा मुखियों को अपने धार्मिक समागमों को सीमित करने और अपने अनुयायियों को कोरोनावायरस के खतरे के प्रति जागरूक करने की अपील भी की गई।
मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को कहा कि वह प्रशासनिक और सिविल अधिकारियों के सहयोग के साथ स्थिति का नजदीकी से जायज़ा लेने और अपने सम्बन्धित जिलों में रोकथाम उपायों के लागूकरन को यकीनी बनाऐं। उन्होंने समूह मंत्रियों से अपील की कि वह अपने जिलों में इस स्थिति के बारे में स्पष्टता बनाये रखें और लोगों में विश्वास बढ़ाने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ बाकायदा मीटिंगें करें।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को एमरजैंसी स्थिति से निपटने के लिए सभी जि़ला अस्पतालों में वैंटीलेटरों की उपलब्धता को यकीनी बनाने की हिदायत की। उन्होंने प्राईवेट और सरकारी बसों में वाहनों की सफ़ाई और सवारियों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए बसों में सवारियों के प्रयोग के लिए हैड सैनीटाईजऱ रखने के आदेश भी दिए।
जि़क्रयोग्य है कि राज्य में सभी सरकारी और निजी स्कूल पहले ही 31 मार्च तक बंद कर दिए गए हैं। हालाँकि, मैडीकल कॉलेजों (सीनियर सालों वाले विद्यार्थियों के लिए) को खुला रखा गया है जिससे एमरजैंसी में इनकी सहायता ली जा सके। मंत्रीमंडल ने फ़ैसला किया कि एम.बी.बी.एस. के विद्यार्थियों, जिनको नौकरी नहीं मिली, के साथ संपर्क किया जाये और विभाग की तरफ से उनको स्वैइच्छुक के आधार पर तैयार रहने के लिए कहा जाये।
प्रवक्ता ने बताया कि 14 मार्च से अगले हुक्मों तक राज्य के सभी सिनेमा घरों, जिम्म और स्विमिंग पुल बंद करने के लिए भी निर्देश जारी किये गए हैं। खेल, कान्फ्ऱेंसों, संस्कृतिक समागमों, मेले और प्रदर्शनियों, विवाह समागम समेत सभी बड़े जनतक जलसों पर भी अगले आदेशों तक पाबंदी लगाई गई है। प्रवक्ता ने आगे बताया कि मंत्रीमंडल ने शॉपिंग माल और मैरिज पैलेसों को बंद करने का फ़ैसला मंत्री समूह को दे दिया है।
मीटिंग के दौरान अवगत करवाया गया कि 19 से 26 मार्च तक डिप्टी कमिशनर सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों, जिनको इस मंतव्य के लिए प्रशिक्षण दिया गया है, के साथ मिल कर घर -घर जाकर जागरूकता मुहिम चलाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। जिलों के समूह विभागों के सभी स्टाफ का प्रशिक्षण 18 मार्च, 2020 तक पूरी हो जायेगा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, अनुराग अग्रवाल ने इस सम्बन्धी विस्तृत पेशकारी के द्वारा मंत्रीमंडल को अवगत कराया गया। ए और बी दर्जा अधिकारियों के नेतृत्व में दो से तीन कर्मचारियों की टीमें भी 18 मार्च, 2020 तक बनाईं जाएंगी। इन टीमों को आबादी के मद्देनजऱ गाँव /क्षेत्र /इलाका /वार्ड /कलोनियां सौंपी जाएंगी। यह टीमें अपने निर्धारित क्षेत्रों में लोगों को शिक्षित करने के लिए घर -घर जाएंगी और हर व्यक्ति को सावधानियों संबंधी जागरूक करेंगी। यह टीमें इस बीमारी के लक्षणों वाले व्यक्ति को सम्बन्धित सूचना भी देंगी। यह प्रक्रिया 26 मार्च, 2020 तक मुकम्मल हो जायेगी।
श्री अग्रवाल ने कहा कि अब तक कोविड -19 के एक मरीज़ की पुष्टि हुई है जो इटली की यात्रा करके आया है और इस मरीज़ को जी.एम.सी. अमृतसर में दाखि़ल करवाया गया है और अब उस की हालत स्थिर है। उसकी पत्नी और बेटो के टैस्ट नेगेटिव हैं परन्तु वह भी निगरानी अधीन हैं।
पेशकारी के अनुसार अमृतसर और मोहाली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के साथ-साथ वाहगा बॉर्डर और करतारपुर गलियारे पर स्थापित अंतरराष्ट्रीय जांच चौकियों पर अब तक 91689 यात्रियों की जांच की गई है। इन स्थानों पर जांच के दौरान 8 यात्रियों में लक्षण पाये गए और जी.एम.सी. अमृतसर में इनमें से एक यात्री का टैस्ट पोज़ेटिव पाया गया और बाकी सभी के नेगेटिव पाये गए।
मंत्रीमंडल को यह भी बताया गया कि अब तक 100 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं, जिनमें से कोविड -19 के लिए केवल एक पोज़ेटिव पाया गया और 95 नेगेटिव पाये गए जबकि चार नमूनों के नतीजों की अभी भी इन्तज़ार किया जा रहा है।
यात्रियों की जांच के लिए दोनों हवाई अड्डों पर सुरक्षा कर्मचारियों के साथ मैडीकल टीमें तैनात की गई हैं। सभी यात्रियों की लाजि़मी तौर पर जांच की जा रही है और 13 मार्च से किसी भी देश की यात्रा करने सम्बन्धी हरेक यात्री से स्वै-घोषणा पत्र लिया जा रहा है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि राज्य के 22 जि़ला अस्पतालों और 3 सरकारी मैडीकल कालेजों में कोविड -19 के मरीज़ों को अलग रखने के लिए 1077 बैड तैयार किये गए हैं। इसके अलावा गंभीर मामलों से निपटने के लिए तीन सरकारी मैडीकल कालेजों और दो जि़ला अस्पतालों में 24 वेंटिलेटर उपलब्ध करवाए गए हैं। प्राईवेट अस्पतालों में मरीज़ों को अलग रखने के लिए अन्य 376 बैड और 290 वेंटिलेटर भी उपलब्ध करवाए गए हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के पास कोविड -19 से निपटने के लिए पीपीईज़ (निजी सुरक्षा उपकरण), एन 95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क और दस्तानों का उपयुक्त स्टाक उपलब्ध है। इसके अलावा अन्य पीपीई, एन 95 मास्क और ट्रिपल लेयर मास्क की खरीद प्रक्रिया अधीन है।
स्थिति पर दिन -रात कड़ी नजऱ रखने के लिए राज्य और जि़ला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किये गए हैं और राज्य और जि़ला स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीमें (आर.आर.टीज़) निगरानी और रोकथाम के लिए तैयार की गई हैं और इन टीमों को इस सम्बन्धी प्रशिक्षण दिया गया है। मीटिंग को अवगत करवाया गया कि समूह ग्रामीण मैडीकल अफसरों को जिलों के सिवल सर्जनों के साथ लगाया जा रहा है और सभी जि़ला टीमें को नमूना एकत्रित करने, आईसीएमआर के प्रोटोकोल के अनुसार शक्की मरीज़ों को ले जाने सम्बन्धी प्रशिक्षण दिया गया है।
इसके अलावा, सरकारी मैडीकल कालेज अमृतसर और पटियाला में वायरोलौजी लैबोरेटरियाँ अब कोविड -19 के नमूनों की जांच कर रही हैं। सभी जिलों की स्वास्थ्य टीमें अलग-अलग देशों से पंजाब लौटे यात्रियों के साथ संपर्क कर रही हैं जिनकी दिल्ली या अन्य हवाई अड्डों पर जांच की गई है। वायरस के लक्षण न पाये जाने पर भी यात्रियों को सावधानी के लिए निगरानी अधीन रखा गया है।
इस वायरस को रोकने सम्बन्धी विभाग की योजना संबंधी बताते हुये श्री अग्रवाल ने कहा कि एस.ओ.पीज़ को सभी डिप्टी कमीशनरों के साथ सांझा किया गया है और कोविड-19 की रोकथाम सम्बन्धी तैयारियों के लिए सभी जिलों में मोक ड्रिल्लें चलाईं गई हैं। इसी तरह जि़ला, ब्लॉक और गाँव स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किये गए हैं। राज्य और जि़ला आपदा प्रबंधन कमेटियां रोज़ाना स्थिति की समीक्षा कर रही हैं और कोविड -19 से निपटने की तैयारियों के लिए अंतर-क्षेत्रीय तालमेल बरकरार रखा गया है। सभी विभागों और जिलों को आम लोगों और स्टाफ की जागरूकता के लिए एडवाईजऱी जारी की गई है।
प्रमुख सचिव ने मंत्रीमंडल को यह भी बताया कि ऐपीडैमिक डिसीज़ एक्ट, 1897 के अंतर्गत कोविड -19 को नोटीफायी करने वाला पंजाब पहला राज्य था। इन नियमों के अंतर्गत डिप्टी कमीश्ररों को कोविड -19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए कोई भी कार्यवाही करने का अधिकार है।