वंदना
कोरोना एक ऐसा वायरस जिसने आज सारी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है जिस पर काबू पाने के लिए भी रिसर्च चल रही है | डॉ. जोगिन्दर टाइगर के अनुसार यह वायरस कोई ज़िन्दा चीज़ नहीं है, इसलिये इसे माराना संभव नहीं है बल्कि यह ख़ुद ही रेज़ा-रेज़ा (कण-कण) होकर ख़त्म होता है। यह एक निर्जीव कण है जिस पर चर्बीनुमा सुरक्षा-परत चढ़ी हुई है।
किस जगह पर, कितनी देर तक रहता है बाक़ी
डॉ हरशिंदर कौर ने बताया कि कोरोना वायरस कपड़ों पर एक से तीन घण्टे तक रह सकता है | ताम्बे के बर्तनों पर चार घण्टे तक, कार्डबोर्ड पर चौबीस घण्टे तक,अन्य धातुओं पर 42 घण्टे तक और प्लास्टिक पर 72 घण्टे तक साथ ही अख़बार के कागज़ , नोटों पर चार दिन तक रह सकते है | इस समय के बाद कोरोना वायरस ख़ुद-ब-ख़ुद विघटित हो जाता है। लेकिन इस समयावधि के दौरान अगर कोई इंसान ने उन संक्रमित चीज़ों के संपर्क में आता है और अपने हाथों को अच्छी तरह धोये बिना नाक, आँख या मुंह को छू लेता है तो यह वायरस शरीर में दाख़िल हो एक्टिव हो जाता है।
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कैसे खत्म हो कोरोना वायरस
कोरोना वायरस कब और कैसे खत्म हो इसका दारोमदार उस जगह की परिस्थितियों पर निर्भर करता है यानी कि इसके आसपास कितनी गर्मी है , नमी है या जहाँ ये मौजूद है, उस जगह की परिस्थितियां क्या हैं?
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कोरोना वायरस ठण्डक में खत्म नहीं होता चाहे ठण्डक क़ुदरती हो या ए सी की | साथ ही यह अंधेरे और नमी (Moisture) वाली जगह पर भी ज़्यादा देर तक बना रहता है। यानी इन जगहों पर ज़्यादा देर तक विघटित नहीं होता। सूखा, गर्म और रोशनी वाला माहौल कोरोना वायरस को जल्दी खत्म करने में मददगार है इसलिये जब तक इसका प्रकोप है तब तक एसी या एयर कूलर का इस्तेमाल नहीं करने में ही भलाई है |
साबुन से बार बार हाथ धोने से
कोरोना वायरस के ऊपर चढ़ी चर्बी की सुरक्षा-परत यदि फाड़ दी जाए तो यह ख़त्म हो सकता है। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका साबुन या डिटर्जेंट से 20 सेकंड या उससे ज़्यादा देर तक हाथों को रगड़ कर धोना है | जिससे इसकी सुरक्षा-परत फट जाती है और ये नष्ट हो जाता है। इसलिये अपने शरीर के खुले अंगों को बार-बार साबुन व पानी से धोना चाहिये, ख़ास तौर से उस समय जब आप बाहर से घर में आए हों।
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एल्कोहल मिले पानी (सैनीटाइजर) से
एल्कोहल मिले पानी (सैनीटाइजर) को हाथों पर अच्छी तरह से रगड़ने से काफी हद तक कीटाणुओं से सुरक्षा होती है | सैनीटाइजर में एल्कोहल की मात्रा 65 पर्सेंट से ज़्यादा होनी चाहिये तभी यह कोरोना पर चढ़ी चर्बी की सुरक्षा-परत को पिघला सकता है।
गरम पानी के इस्तेमाल से
गर्मी चर्बी को जल्दी पिघला देता है। इसलिए गुनगुने से थोड़ा तेज़ गर्म पानी से शरीर के अंगों और कपड़ों को धोना चाहिये। पानी कम से कम 25 डिग्री से अधिक गर्म होना चाहिए | जो रूमाल या कपडे का मास्क छींकते या खाँसते वक़्त हो उसे 25 डिग्री या इससे ज़्यादा गर्म पानी से धोना चाहिये। सब्ज़ियों को भी पकाने से पहले 25 डिग्री तक गर्म पानी में डालकर धोना चाहिये। इस गरम पानी में नमक या बेकिंग पाउडर डाल कर 10 मिनट तक रखने से भी वाइरस खत्म हो जाता है |
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सूरज की तेज धूप से
सूरज की धूप में मौजूद अल्ट्रावायलेट किरणें कोरोना वायरस को तेज़ी से विघटित कर देती है यानी खत्म कर देती है क्योंकि सूरज की तेज़ धूप में उसकी सुरक्षा-परत पिघल जाती है। इसीलिये चेहरे पर लगाए जाने वाले फेसमास्क या रुमाल को अच्छे डिटर्जेंट से धोने और तेज़ धूप में सुखाने के बाद दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
ब्लीचिंग केमिकल युक्त पानी से
पानी में ब्लीच की मात्रा 20% से अधिक होने पर ही कारगर सिद्ध होता है। ब्लीच में मौजूद क्लोरीन व अन्य केमिकल कोरोना वायरस की सुरक्षा-परत को तोड़ सकते हैं। इस ब्लीचिंग-युक्त पानी का सभी जगहों पर स्प्रे करना चाहिये | ब्लीचिंग-युक्त पानी में भिगोकर निचोड़े गये कपड़े से या सैनीटाइजर से टीवी के रिमोट, लैपटॉप और मोबाइल फ़ोन को भी साफ़ करना चाहिये।
तंदुरुस्त त्वचा से कोरोना संक्रमण नहीं हो सकता। अगर त्वचा पर कहीं कट लगा है या घाव है तो इसके संक्रमण की संभावना है।सिरका कोरोना वायरस की सुरक्षा-परत को नहीं तोड़ सकता। इसलिये सिरका वाले पानी से हाथ-मुंह धोने से कोई फ़ायदा नहीं है।
कीटाणुनाशक दवाओं से नहीं होता है खत्म
कीटाणु सजीव होते हैं इसलिये उनको एंटीबायोटिक यानी कीटाणुनाशक दवाओं से ख़त्म किया जा सकता है लेकिन वायरस निर्जीव कण होते हैं, इन पर एंटीबायोटिक दवाओं का कोई असर नहीं होता। यानी कोरोना वायरस को एंटीबायोटिक दवाओं से ख़त्म नहीं किया जा सकता इसलिए दवा से ज्यादा परहेज जरूरी है |
क्या खायें
कच्ची हल्दी ,दूध में उबालकर दिन में दो बार जरूर पीना चाहिए | नाक पर नारियल तेल दिन में दो बार जरूर लगाना चहिये | इम्युनिटी स्ट्रांग करने के लिए फलों और सबिजयों का प्रयोग जरूर करें | खाने में अदरक , लहसुन,धनिया जरूर शामिल करें |स्टीम भी लें | अजवायन ,लॉन्ग, तुलसी, पुदीना,छोटी इलायची का प्रयोग भी काढ़े के रूप में कर सकते हैं| थोड़ी सी भी तबियत ख़राब होने पर डॉ. की सलाह जरूर लेनी चाहिए |