उच्च मानक के फलों की पैदावार के लिए पंजाब के 4 जिलों में स्थापित होंगी बाग़बानी एस्टेट्स: फौजा सिंह सरारी

कहा कि बाग़बानी के अधीन क्षेत्रफल बढ़ाने से सालाना प्रति एकड़ होगी 86 लाख लीटर पानी की बचत  

जालंधर में ऐरोपानिक यूनिट और टिशू कल्चर लैब को जल्द स्थापित करने के दिए आदेश  

चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व अधीन राज्य सरकार द्वारा बाग़बानी विभाग के द्वारा इस साल पंजाब के 4 जिलों फिऱोज़पुर, गुरदासपुर, फरीदकोट और लुधियाना में बाग़बानी एस्टेट स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे वहाँ के बाग़बानों को नवीनतम तकनीक की जानकारी और मशीनरी आदि की सुविधाएं दी जाएंगी, जिससे उनकी फ़सल पैदावार के खर्चे घटने के साथ-साथ उच्च मानक के फलों की पैदावार करने में मदद मिलेगी।

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यह जानकारी आज यहाँ फौजा सिंह सरारी, बाग़बानी, फूड प्रोसेसिंग, सैनिक सेवाओं और स्वतंत्रता सेनानी मंत्री, पंजाब द्वारा बाग़बानी विभाग के अधिकारियों के साथ पंजाब भवन में मीटिंग के दौरान साझा की गई। मीटिंग में अलग-अलग जिलों के प्रमुखों को संबोधित करते हुए उन्होंने अधिकारियों को मौजूदा गेहूँ-धान के फ़सलीय चक्र में से निकालकर अधिक से अधिक क्षेत्रफल बाग़बानी फसलों के अधीन लाने की हिदायत की। उनकी तरफ से बाग़बानी के अधिकारियों को पंजाब में दिन-ब-दिन नीचे जा रहे भूजल की बचत करने संबंधी भी कहा।

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उन्होंने बताया कि पंजाब में उगाई जा रही गेहूँ और धान की फ़सल पैदा करने के लिए क्रमवार 40.00 लाख और 64.00 लाख लीटर प्रति एकड़ पानी का उपभोग होता है, जबकि बाग़बानी की फसलों की पैदावार के लिए केवल 17.00 लाख लीटर प्रति एकड़ पानी इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह 86 लाख लीटर पानी की प्रति एकड़ बचत होती है। बाग़बानी अधिकारियों को इस तरह होने वाली पानी की बचत सम्बन्धी बाग़बानी फसलों के अधीन क्षेत्रफल लाने वाले जमीदारों को वित्तीय सहायता देने के लिए एक प्रस्ताव बनाकर भेजने संबंधी हिदायत की गई।

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उनकी तरफ से यह भी बताया कि पंजाब के 57 ब्लॉकों में होने वाले पानी रिचार्ज की तुलना में 200 प्रतिशत तक पानी धरती में से निकाल कर फ़सल पैदावार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जोकि एक चिंता का विषय है और पंजाब के पानी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने की सख़्त ज़रूरत है। बाग़बानी मंत्री द्वारा यह भी बताया गया कि अगले 5 सालों के दौरान 1.5 लाख हेक्टेयर बाग़बानी फसलों के अधीन क्षेत्रफल लाने से 39,772 करोड़ रुपए पंजाब की जी.डी.पी. में वृद्धि होगी।

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विभाग में चलाई जा रही स्कीम एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के अंतर्गत पंजाब में 1600 करोड़ के नये प्रोजैक्ट लगने से 365 करोड़ रुपए इस स्कीम के अंतर्गत मंजूर हुए हैं। बाग़बानी मंत्री सरारी ने यह भी जानकारी दी कि पंजाब में आलू बीज देश में सबसे अधिक पैदा होता है और भविष्य में माँग को मुख्य रखते हुए इस साल बजट में पास किये 10 करोड़ रुपए से जालंधर में स्थापित होने वाले ऐरोपानिक यूनिट और टीशू कल्चर लैब को जल्द से जल्द बनाने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को हिदायत की। इसके अलावा मंत्री जी ने हरेक जिले में एक-एक सरकारी नर्सरी खोलने की हिदायत की, जिससे किसानों को उच्च मानक बीज, फलदार और सजावटी पौधे सस्ते दाम पर उपलब्ध करवाए जा सकें।

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जिससे किसानों का ख़र्च कम होगा और आमदन में वृद्धि होगी। मीटिंग के अंत में सरवजीत सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव ने माननीय मंत्री जी का धन्यवाद किया और उनकी तरफ से दिए गए हुक्मों की यथावत पालना का आश्वासन दिया। इस मीटिंग में, शैलिन्दर कौर, डायरैक्टर बाग़बानी, पंजाब के अलावा संयुक्त डायरैक्टर बाग़बानी, दिनेश कुमार और समूह जिलों के प्रमुख भी उपस्थित थे।

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