चंडीगढ़, 7 मई:
कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण बढ़ रहे खतरे के मद्देनजऱ पंजाब सरकार द्वारा प्रात:काल 8 बजे से दोपहर 2 बजे (सोमवार से शनिवार) तक ई-संजीवनी ओपीडी मोबाइल ऐप के द्वारा मरीज़ों को गायनीकोलॉजी, जनरल और मनोवैज्ञानिक बीमारियों सम्बन्धी टेली-कंसलटेशन ओपीडी सेवाएं दीं जा रही हैं।
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यह जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री स: बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि राज्यभर के लोगों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन ढंग से माहिर डॉक्टरों की सेवाएं मरीजों को उपलब्ध करवाना अस्पतालों में मरीजों की भीड़ को घटाने में मददगार सिद्ध हुआ है।
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स. सिद्धू ने कहा कि पहले लोग अपने लैपटॉप/कंप्यूटर पर कम से कम 2 एम.बी.पी.एस. की सीमित इन्टरनेट स्पीड के कारण ई-संजीवनी ओपीडी सेवा का लाभ लेने में मुश्किलों का सामना कर रहे थे, परन्तु अब ऐंड्रॉयड मोबाइल ऐप भी मरीजों के लिए उपलब्ध है, इसलिए अब लैपटॉप / कंप्यूटर पर निर्भर होने की ज़रूरत नहीं है। वह सीधे अपने स्मार्टफोन का प्रयोग करके टेली कनसलटेशन का लाभ ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि ई-संजीवनी ओपीडी मोबाइल ऐप आसानी से गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड की जा सकती है।
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सरल और साधारण रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया बारे बताते हुए मंत्री ने कहा कि पहले मरीज़ को अपने नंबर की तस्दीक ई-संजीवनी ओपीडी मोबाइल ऐप पर करनी पड़ती है और रजिस्टर होने के बाद टोकन तैयार होता है। फिर लाभपात्री को एक नोटिफिकेशन प्राप्त होता है जिसके बाद लॉगइन प्रक्रिया से गुजऱना होता है और अपनी बारी आने का इंतज़ार करना होता है। फिर मरीज़ इलाज सम्बन्धी माहिर डॉक्टर की सलाह ले सकता है और डॉक्टर की तरफ से सुझाए ई-प्रिसिपशन (सिफ़ारिश की दवा) को डाउनलोड करता है। जिसको जन औषधि स्टोरों या किसी भी कैमिस्ट की दुकान से लिया जा सकता है।
ई-संजीवनी ओपीडी की विशेषताओं बारे अधिक जानकारी देते हुए श्री सिद्धू ने कहा कि टैलीमेडिसन भविष्य में भी राज्यभर के मरीजों के लिए एक वरदान सिद्ध होगी क्योंकि बहुत से लोगों को दिन प्रति दिन पुरानी बीमारियों के लिए डॉक्टरी सलाह-मशवरे की ज़रूरत होती है। जनरल मैडिसन के लिए टैलीमेडीसन की सुविधा के अलावा स्वास्थ्य विभाग ने माँ और बच्चे के स्वास्थ्य (एम.सी.एच.) सम्बन्धी देखभाल को यकीनी बनाने के लिए यह सेवा गायनीकोलॉजी और मानसिक रोग ओपीडी के लिए भी शुरू की है जिससे मनोरोगियों की समस्याओं का निवारण किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजऱ अस्पतालों में भीड़ से बचने के लिए ऐसे प्रयास बहुत मददगार साबित हो सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे बताया कि गर्भावस्था की पहली तिमाही दौरान गर्भवती महिलाओं को संक्रमण का ख़तरा बहुत ज़्यादा होता है और उनको अस्पताल में अनावश्यक आने-जाने से परहेज़ करना चाहिए। इसलिए गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को जन्म से पहले की देखभाल और गायनीकोलॉजीकल सेवाएं प्रदान करने हेतु पंजाब सरकार की तरफ से ई-संजीवनी ओपीडी के द्वारा एम.सी.एच. सेवाएं दीं जा रही हैं।
मंत्री ने लोगों से अपील की कि घर रहना सुरक्षित है और अस्पतालों या भीड़ वाले अन्य स्थानों पर अनावश्यक आने-जाने से परहेज़ करें और ऐंड्रॉयड मोबाइल ऐप का प्रयोग करके या वैबसाईट पर जाकर ई-संजीवनी ओपीडी टेली-कंसलटेशन सेवा का अधिक से अधिक प्रयोग किय जाए।
-Nav Gill