पानी की बचत के लिए किसानों को धान की सीधी बीजाई करने के लिए प्रेरित किया

चंडीगढ़, 7 मई:

राज्य में धान की सीधी बीजाई को प्रफुल्लित करने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, पंजाब के द्वारा किसानों के साथ आनलाइन विचार-विमर्श करके उनको पेश मुश्किलें सुनी गई।

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अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) अनिरुद्ध तिवारी की अध्यक्षता अधीन हुई इस विचार-विमर्श के दौरान उन्होंने कृषि अधिकारियों को आदेश दिए कि प्रगतिशील किसानों की मदद से कलस्टर बना कर दिए निश्चित हुए लक्ष्य पूरे किये जाएँ और कृषि विभाग के अधिकारी/कर्मचारी निजी तौर पर खेतों में जाकर किसानों को इस विधि के अधीन धान की बीजाई करने के लिए प्रेरित करें।

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इस मौके पर राज्य के सभी ब्लाकों में कृषि विभाग के दफ्तरों के द्वारा लगभग 700 किसानों ने हिस्सा लिया, जिस दौरान किसानों ने धान की सीधी बीजाई सम्बन्धी पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी, लुधियाना और कृषि विभाग के माहिरों के साथ खुल कर विचार-विमर्श किया और माहिरों के द्वारा मौके पर किसानों की इस विधि सम्बन्धी मुश्किलों का हल किया गया।

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इस दौरान कृषि कमिशनर डा. बलविन्दर सिंह सिद्धू ने कहा कि राज्य में भूजल का स्तर लगातार गिरता जा रहा है और कोविड-19 महामारी के चलते लेबर की कमी के कारण किसानों को धान की सीधी बीजाई करनी चाहिए। उनके द्वारा यह भी बताया गया है कि इस साल सरकार की तरफ से 25 मई से 2 जून तक इस विधि के लिए पूरा खेत में पानी देने की क्रिया करने के लिए स्पैशल बिजली सप्लाई दी जा रही है।

कृषि विभाग के डायरैक्टर डा. सुखदेव सिंह सिद्धू ने बताया कि पिछले साल राज्य में लगभग 5 लाख हेक्टेयर में धान की सीधी बीजाई की गई थी, इस साल इस विधि के अधीन 12 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल लाने के लक्ष्य निश्चित गए हैं। उन्होंने आगे बताया कि इस विधि को प्रफुल्लित करने के लिए राज्य में 10 गाँवों के कलस्टर में एक कैंप लगा कर जहाँ वैज्ञानिकों ने विचार सांझे किये, वहीं सफल किसानों की तरफ से भी इन कैंपों में अपनी सफलता के बारे खुल कर विचार प्रकट किये। उन्होंने यह भी कहा कि इस विधि से जहाँ पानी की बचत होती है, वहीं इन खेतों में बरसातों का पानी भी ज्यादा समाहित होता है।

मीटिंग के दौरान पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी, लुधियाना के फसल विज्ञान विभाग के प्रमुख डा. मक्खन सिंह भुल्लर के द्वारा पेशकारी के द्वारा किसानों को धान की सीधी बीजाई के बारे तकनीकी सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि इस विधि को कामयाब करने के लिए जमीन को तर-वतर और लेजर लेवल करना बहुत जरूरी है और बीजाई के समय खरपतवार नाशक दवाओं का प्रयोग करना जरूरी है। फसल विज्ञानी डा. जसबीर सिंह गिल के द्वारा सीधी बीजाई की मशीनों के बारे जानकारी दी गई।

डा. नीना सिंगला, प्रमुख जीव विज्ञान विभाग, पी.ए.यू, लुधियाना के द्वारा इस विधि में चूहों की रोकथाम सम्बन्धी सुझाव दिए गए। अंत में डा. बलदेव सिंह, संयुक्त डायरैक्टर कृषि के द्वारा समूह किसानों का धन्यवाद किया गया।

Nav Gill

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