धर्मेन्द्र संधू
पूरे देश में भगवान गणेश को समर्पित मंदिर मौजूद है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान, पूजा व धार्मिक कार्य से पहले भगवान गणेश की स्तुति करने का विधान है। भगवान गणेश को कई नामों से जाना जाता है। भगवान गणेश के मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। भगवान गणेश को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर महाराष्ट्र में स्थित है जो श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है।
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सिद्धिविनायक मंदिर
प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर महानगरी मुंबई के स्थित है। मुंबई के प्रभादेवी इलाके में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर हर वर्ग, हर धर्म के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। खासकर महाराष्ट्र राज्य के लोगों में भगवान गणेश के प्रति अथाह श्रद्धा है। गणेश चतुर्थी पर मुंबई व पूरे राज्य में श्रद्धा के साथ भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है और धूमधाम से इस प्रतिमा का विसर्जन भी किया जाता है।
क्यों कहते हैं भगवान गणेश को सिद्धिविनायक ?
मान्यता है कि भगवान गणेश की प्रतिमा की सूंड अगर दायीं ओर को मुड़ी हो तो वह सिद्ध पीठ से जुड़ी हुई होती है। ऐसे रूप वाले भगवान गणेश व उनके मंदिरों को सिद्धिविनायक कहा जाता है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि सिद्धिविनायक गणेश भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। जो सच्चे मन से प्रार्थना करता है उससे भगवान गणेश जल्द प्रसन्न होते हैं और साथ ही जल्दी ही कुपित भी हो जाते हैं।
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मंदिर का निर्माण
सरकारी दस्तावेजों के अनुसार सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण संवत् 1802 में हुआ था। लेकिन मान्यता व विश्वास है कि सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण 1692 में किया गया था। 1991 में महाराष्ट्र सरकार ने मंदिर के निर्माण व विस्तार के लिए 20000 वर्ग फीट जमीन दी थी क्योंकि इससे पहले मंदिर का आकार बहुत छोटा था। आज यह मंदिर 5 मंजिला है। मंदिर के मुख्य गर्भ गृह में भगवान गणेश अपनी पत्नियों संग विराजमान हैं। इस गर्म गृृह का निर्माण इस ढंग से किया गया है कि भक्त सीधे ही भगवान गणेश के दर्शन कर लेते हैं। गर्भ गृृह में जाने के लिए श्रद्धालुओं के लिए तीन दरवाजों का निर्माण किया गया है। इन दरवाजों पर अष्टविनायक, अष्टलक्ष्मी और दशावतार की प्रतिमाएं उकेरी गई हैं। इस मंदिर की एक खास बात है जो इसे अन्य गणेश मंदिरों से अलग करती है, वह यह है कि इस मंदिर की दूसरी मंजिल पर एक अस्पताल भी बना हुआ है। इस अस्पताल में मरीजों का मुफ्त में इलाज किया जाता है।
मंदिर में स्थापित है भगवान गणेश की भव्य प्रतिमा
सिद्धिविनायक मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा ढाई फुट ऊंची है। भगवान गणेश के साथ उनकी दो पत्नियां रिद्धि और सिद्धि भी विराजमान हैं। यह अद्भुत प्रतिमा चार भुजाओं वाली है। भगवान गणेश के ऊपर वाले दाएं हाथ में कमल का फूल है और बाएं हाथ में अंकुश है। भगवान गणेश के नीचे वाले दोनों हाथों में से दाएं हाथ में मोतियों की माला है और बाएं हाथ में मोदक से भरा हुआ एक बर्तन। इस अद्भुत प्रतिमा के मस्तक पर बिल्कुल वैसा ही त्रिनेत्र है जैसा भगवान शिव के मस्तक पर होता है। भगवान गणेश के गले में किसी आभूषण या हार की बजाए सांप लिपटा हुआ है।
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सिद्धिविनायक मंदिर तक कैसे पहुंचें ?
प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई के प्रभादेवी इलाके में पड़ता है। मुंबई रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 8 किलोमीटर के करीब है साथ ही छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से यह मंदिर तकरीबन 10 किलोमीटर दूर है। वैसे तो रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान गणेश का आशीर्वाद हासिल करने के लिए पहुंचते हैं लेकिन मंगलवार के दिन भक्तों की इतनी भीड़ होती है कि लाइन में खड़े होकर चार-पांच घंटे तक भगवान गणेश के दर्शनों के लिए इंतजार करना पड़ता है।