अमन अरोड़ा द्वारा एन.एच.पी.सी. को पंजाब के लिए कम्प्रेस्ड बायोगैस प्रोजैक्टों को प्राथमिकता देने की अपील

राज्य के पास सी.बी.जी. प्रोजैक्टों के लिए भरपूर संसाधन उपलब्ध: कैबिनेट मंत्री

एन.एच.पी.सी. के प्रतिनिधिमंडल ने सौर और पन-ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए रूचि दिखाई

चंडीगढ़ : नेशनल हाईड्रो-इलैकट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एन.एच.पी.सी.) को राज्य में कम्प्रेस्ड बायोगैस (सी.बी.जी.) प्रोजैक्ट स्थापित करने सम्बन्धी संभावनाएं तलाशने की अपील करते हुए पंजाब के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि कृषि प्रधान राज्य होने के कारण पंजाब के पास साफ़-सुथरी ऊर्जा के उत्पादन के लिए बड़ी मात्रा में कृषि अवशेष मौजूद है। पंजाब के जि़ला संगरूर में कृषि अवशेष आधारित एशिया का सबसे बड़ा सी.बी.जी. प्लांट पहले ही कार्यशील हो चुका है।

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यहाँ पेडा भवन में एन.एच.पी.सी. के प्रतिनिधिमंडल ने इंडिपैंडेंट डायरैक्टर प्रो. (डॉ.) अमित कांसल के नेतृत्व में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री के साथ मुलाकात की और उन्होंने सौर और पन ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने में रूचि ज़ाहिर की। एन.एच.पी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय, चंडीगढ़ के कार्यकारी डायरैक्टर श्री सुरजीत कुमार संधू और सी.ई.ओ. श्री ए.के. पाठक ने एन.एच.पी.सी. के देश भर में चल रहे प्रोजैक्टों के बारे में प्रस्तुति दी।

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उन्होंने कैबिनेट मंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि एन.एच.पी.सी. के हाईड्रो, सोलर और पवन ऊर्जा प्रोजैक्ट जम्मू-कश्मीर, लद्दाख़, उत्तराखंड, मणिपुर, सिक्किम, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, अंडमान और निकोबार एवं सरहद पार नेपाल और भूटान में भी कार्यशील हैं।

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प्रतिनिधिमंडल को राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहयोग का आश्वासन देते हुए श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब में ग़ैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की बहुत बड़ी संभावना है और मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पर्यावरण को बचाने के लिए साफ़-सुथरी और पर्यावरण-पक्षीय ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। पेडा द्वारा पराली का स्थायी और टिकाऊ हल विकसित करने के लिए पराली और अन्य कृषि अवशेष पर आधारित 492.58 टन प्रतिदिन (टी.डी.पी.) की क्षमता के 42 सी.बी.जी. प्रोजैक्ट भी आवंटित किए गए हैं।

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मीटिंग में पेडा के मुख्य कार्यकारी डॉ. सुमित जारंगल, डायरैक्टर एम.पी. सिंह, एन.एच.पी.सी. के जनरल मैनेजर (इलैक्ट्रिकल) एस.पी. राठौर और पेडा के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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