-डॉ.धर्मेन्द्र संधू
इंसान के ज़िन्दा रहने के लिए भोजन बेहद जरूरी है। भोजन के बिना इंसान कुछ दिन ही जीवित रह सकता है। लेकिन आजकल लोग भोजन के अलावा भी बाजार में मिलने वाले पदार्थ खाते हैं। यह पदार्थ खाने में तो स्वादिष्ट होते ही हैं लेकिन इनका अधिक सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसके साथ ही घर पर भी हम भोजन के रूप में कुछ ऐसी चीजें खाते हैं अगर उन्हें सही तरीके से ना पकाया और खाया जाए तब भी सेहत संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
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आज हम आपको कुछ ऐसे ही पदार्थों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका सेवन या फिर गलत तरीके से प्रयोग करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
खाने के तेल का करें सावधानी से इस्तेमाल
भोजन बनाने के लिए सही तेल का इस्तेमाल भी जरूरी है। आम तौर पर लोग रिफाइंड यानि सोयाबीन के तेल का प्रयोग करते हैं। रिफाइंड तेल सेहत के लिए काफी नुकसानदायक है। इसमें फाइटोस्ट्रोजन नामक तत्व की मात्रा ज्यादा होती है। इसके कारण इस तेल के अधिक प्रयोग से पुरुषों व महिलाओं के हार्मोनस पर बुरा प्रभाव पड़ता है जिससे कई प्रकार के रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए जहां तक हो सके सोयाबीन के तेल में भोजन बनाने से परहेज़ करें। इसके स्थान पर तिल, नारियल या सरसों का तेल इस्तेमाल करना फायदेमंद रहता है।
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पहले के बने हुए या ठंडे चावलों के सेवन से बचें
पूरे भारत में या यूं कहें कि पूरे विश्व में चावल को भोजन के रूप में खाया जाता है। चावल अगर गर्म व ताजे़ पकाकर खाए जाएं तो इससे अच्छा कोई भोजन ही नहीं है। लेकिन पहले के बने हुए चावल खाना पाचन तंत्र में गड़बड़ी कर सकता है। अकसर लोग रात को बने हुए चावल दिन में दोबारा गर्म करके खा लेते हैं। चावल ठंडे होने पर इनमें बैस्लिस सेरियस नामक जीवाणु पैदा हो जाता है। ठंडे चावलों को आप कितना भी गर्म क्यों न कर लें यह जीवाणु नष्ट नहीं होते। यह जीवाणु चावल को विषैला कर देते हैं और इन चावलों का सेवन पेट की समस्याओं जैसे दस्त, पेट दर्द के साथ ही उल्टी को कारण भी बन सकता है।
अंडा हमेशा पूरी तरह से पका कर खाएं
अंडा खाना सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। लेकिन अधिक मात्रा में किया गया अंडे का सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता क्योंकि इससे कोलेस्ट्राल का लेवल बढ़ता है। जिसके चलते दिल के रोग होने का खतरा बना रहता है। इसके साथ ही कुछ लोग अंडा कच्चा या आधा पकाकर खाते हैं। ध्यान रखें कि अंडा हमेशा पूरी तरह से पकाकर ही खाएं । नहीं तो शरीर में जहरीले तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है जिससे पेट से संबंधित समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
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आर्टीफीशियल रंगों वाले पदार्थों से करें परहेज़
बाजार में मिलने वाले पदार्थों खासकर मिठाईयों को आकर्षक बनाने के लिए रंगों का प्रयोग किया जाता है। यह रंग प्राकृतिक न होकर आर्टीफीशियल होते हैं। यह रंग सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक माने जाते हैं। इन रंगों को बनाने के लिए हानिकारक केमिकलस का इस्तेमाल होता है। इन रंगों को मिलाकर बनाए गए पदार्थों जैसे मिठाई, चाकलेट, टाफी, केक, आइसक्रीम और पीने वाले रंगदार पदार्थ शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर बुरा प्रभाव डालते हैं। खासकर बच्चों के लिए यह रंग बेहद नुकसानदायक हैं। हो सके तो बच्चों को इन रंगों के इस्तेमाल से बने हुए पदार्थों से दूर रखें।
आचार का करें कम प्रयोग
अकसर लोग भोजन के साथ आचार खाते हैं। ज़ायकेदार आचार भोजन के स्वाद को और भी बढ़ देता है। लेकिन आचार का अधिक सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसका कारण है आचार का निर्माण अधिक मसाले, सिरका या तेल डालकर किया जाता है। जिससे आचार में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है। सोडियम के कारण ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्राल का लेवल बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्राल का लेवल बढ़ने से और भी कई रोग हो सकते हैं। इस लिए जहां तक हो सके आचार का सेवन बहुत कम मात्रा में केवल स्वाद के लिए ही करें।
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