बारदाने की कमी बढ़ा सकती है किसानों की मुश्किलें

फतेहगढ़ साहिब, 1 नवंबर
केंद्र के अड़ब रवैये कारण माल गाड़ियां चलने कारण लोगों और अपने हकों के लिए जूझ रहे किसानों की मुश्किलों में बढ़ोतरी हुई है। कोले की सप्लाई न होने कारण जहां बिजली संकट खड़ा है, वहीं बारदाने की कमी कारण धान की खरीद प्रभावित होने लगी है। प्राप्त जानकारी अनुसार 22.05 करोड़ बोरियां माल गाड़ियां न चलने कारण दिल्ली और मुरादाबाद में पड़ी है और पंजाब का किसान केंद्र के रवैये कारण मंडियों में रुलने के लिए मजबूर है। इसके साथ ही कच्चा माल न आने कारण आद्योगिक क्षेत्र भी प्रभावित हो रहा है और प्रदेश में आर्थिक संकट ओर गंभीर होने का अंदेशा बन गया है।
इस संबंधी बातचीत करते हुए जिला आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान साधू राम भट्टमाजरा ने कहा कि केंद्र के रवैये कारण बारदाना पंजाब नहीं पहुंच रहा और किसान परेशान हो रहे है। उन्होंने बताया कि खाद्य की सप्लाई भी माल गाड़ियों पर निर्भर होने कारण यूरिया और डीएपी का संकट बनने के आसार बन गए है। मार्केट कमेटी सरहिंद के चेयरमैन गुलशन राय बॉबी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरिंदर मोदी सख्त रवैया अपना रहे है, जिस कारण किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। किसानी मांगों कारण केंद्र द्वारा अपनाया यह रवैया निंदनीय है और ऐसा देश में पहले कभी नहीं हुआ।
पंजाब क किसानों ने देश का अंन्न भंडार भरने के लिए अपने स्रोत खत्म कर लिए और अब जब किसानी हकों की बात उठी है तो केंद्र सरकार घटिया राजनीति पर उतर आई है। बड़ी बात यह है कि किसान आंदोलन दौरान किसान जत्थेबंदियों द्वारा जरूरी सामान की लोडिंग-अनलोडिंग के लिए रेलवे ट्रैक खाली करने के बाद केंद्र द्वारा रेलवे ट्रैंकों की सुरक्षा की शर्त लगाकर माल गाड़ियों के पंजाब में आवागमन पर रोक लगा दी गई है, जिसका खामियाजा किसानों, व्यापारियों, उद्योगपतियों और अन्य रेल ट्रांसपोर्ट से जुड़े वर्गों को भुगतना पड़ रहा है।
मार्केट कमेटी सरहिंद के वाइस चेयरमैन बलविंदर सिंह मावी ने कहा कि देश की आर्थिकता किसानी से जुड़ी हुई है और यदि किसान ही घाटे में रहेंगे तो देश की आर्थिकता भी मंदहाली में चली जाएगी और इस बात के लिए प्रधानमंत्री नरिंदर मोदी ही जिम्मेवार है, क्योंकि उन्होंने किसानों की बात सुनने की जगह माल गाड़ियां रुकवा दी है। उन्होंने यह भी कहा कि इसका असर सिर्फ पंजाब पर ही नहीं, बल्कि पूरे देश पर पड़ेगा।
-Nav Gill

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