पानी की गुणवत्ता प्रभावित राज्य के सभी गाँवों को 2021 तक साफ़ पीने वाला पानी मुहैया करवाया जाएगा

चंडीगढ़, 21 दिसम्बर:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा है कि पानी की गुणवत्ता प्रभावित राज्य के 1634 गाँवों के निवासियों को अगले एक साल के अंदर साफ़ पीने वाला पानी मुहैया करवाया जायेगा। प्रांतीय जल और सेनिटेशन मिशन की अध्यक्षता करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार फ्लोराइड, आर्सेनिक और अन्य भारी तत्वों से प्रभावित पंजाब के ऐसे सभी गाँवों को साफ़ पीने वाला पानी मुहैया करने के लिए वचनबद्ध है जिसके लिए राज्य सरकार अल्पकालिक और दीर्घकालिक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि साफ़ पीने वाला पानी हासिल करना प्रत्येक व्यक्ति का मूल अधिकार है, चाहे वह अमीर हो या गरीब। साफ़ पीने वाला पानी स्पलाई करना राज्य सरकार की जि़म्मेदारी बनती है।

 

इतिहास के पन्नों में 21 दिसंबर 2020

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने आगे विस्तार में जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे कदमों पर पंजाब सरकार 1191 करोड़ रुपए ख़र्च कर रही है। व्यक्तिगत घरों और कम्युनिटी स्तर दोनों स्थानों पर सभी उठाए गए अल्पकालिक कदम जून 2021 तक पूरे होने की संभावना है। दीर्घकालिक कदम जिनमें नहरी पानी आधारित नयी स्कीमों और आर्सेनिक और आयरन निष्कासन प्लांट शामिल हैं, अगले 2-3 सालों में पूरे हो जाएंगे।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि इसके अलावा राज्य में 35 लाख ग्रामीण घरों को जल जीवन मिशन के अंतर्गत मार्च 2022 तक पाईप लाईनों के द्वारा साफ़ पीने वाला पानी मुहैया करवाया जायेगा। 22.63 लाख ग्रामीण घर पहले ही स्कीम के अंतर्गत कवर हो चुके हैं जबकि तीन जिलों एस.ए.एस. नगर (मोहाली), रूपनगर और शहीद भगत सिंह नगर के गाँव के 100 प्रतिशत घर कवर हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग राज्य भर में पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए बहु स्तरीय विश्व व्यापक लैबोरेटरी भी बनाने जा रही है। लैबोरेटरी में परखे जाने वाले सैंपल का हर स्तर पर ट्रैक रखने के लिए एक उचित प्रबंधन सूचना प्रणाली तैयार की जायेगी। जल स्पलाई मंत्री रजिया सुल्ताना ने कहा कि नहरी पानी पर आधारित पहली 24 घंटे वाली बहु-ग्राम जल आपूर्ति योजना जनवरी 2021 में मोगा में शुरू हो रही है। 232 करोड़ रुपए की लागत के साथ विश्व बैंक की सहायता प्राप्त डी.ओ.बी.टी. पर आधारित इस स्कीम अधीन 85 गाँव कवर होंगे जिनमें से कई गाँवों के पानी में युरेनियम का पता चला है और इस क्षेत्र के करीब 3 लाख लोगों को 24 घंटे नल के द्वारा पानी की स्पलाई मिलेगी। इसके अलावा अन्य कई नहरी पानी आधारित बहु ग्रामीण योजनाएं पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, अमृतसर और तरन तारन जिलों में प्रगति अधीन हंै जो दिसंबर 2022 तक पुरी हो जाएंगी। उन्होंने आगे बताया कि फाजिल्का, फिऱोज़पुर, होशियारपुर और रूपनगर जिलों के पानी की कमी वाले इलाकों में भी नयी जल स्पलाई स्कीमों को प्रस्तावित किया जा रहा है।
जल स्पलाई मंत्री ने कहा कि विभाग ‘हर घर नल, हर घर जल’ के मिशन को पूरा करने के लिए दृढ़ है। मिशन द्वारा ग्राम पंचायत जल और सेनिटेशन समितियों के नुमायंदों के द्वारा समुदाय की भागीदारी के साथ बहु-ग्राम जल आपूर्ति स्कीमों के प्रबंधन के लिए विभाग अधीन स्पैशल पर्पज़ व्हीकल की स्थापना को भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। मिशन द्वारा वाटर क्वालिटी कोष के निर्माण के लिए भी सहमति दे दी गई जिससे राज्यभर के ग्रामीण इलाकों में पीने वाला साफ़ पानी मुहैया करवाने और उसकी निगरानी और जांच को यकीनी बनाया जा सकेगा।
मिशन ने स्वस्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के सुझाव के साथ भी सहमति अभिव्यक्त की कि छोटी जल स्पलाई स्कीमें जहाँ पानी का स्तर कुछ ऊँचा है, को पहल के आधार पर पंप सैटों को सौर ऊर्जा पर किया जाना चाहिए। इससे एक ओर जहाँ बिजली की बचत होगी वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग का खर्च घटाने में भी मदद मिलेगी।
विभाग ने यह जानकारी दी कि जल स्पलाई और सेनिटेशन विभाग की तरफ से चलाईं जा रही स्कीमों के पावरकॉम के साथ बकाए के एक मुश्त निपटारे के लिए प्रस्ताव को राज्य सरकार ने अपनी सहमति दे दी है और पी.एस.ई.आर.सी की मंज़ूरी से 200 करोड़ रुपए की राशि काट दी गई है। विभाग ने जल स्पलाई स्कीमों को विशेष कैटागरी के तौर पर पावरकॉम अधीन कम टैरिफ के साथ पी.एस.ई.आर.सी से इस बारे में सर्टिफिकेट भी हासिल हो चुका है जिससे जल स्पलाई स्कीमों को और भी स्थिरता के साथ चलाया जा रहा है। प्रवक्ता ने आगे बताया कि बकाए के निपटारे के लिए पावरकॉम को 250 करोड़ रुपए अदा किये जा चुके हैं।
साफ़ सफ़ाई के सम्बन्ध में राज्य ने मार्च 2018 में राज्य को खुले में शौच से 100 प्रतिशत मुक्त होने का दर्जा हासिल कर लिया था। अब राज्य में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण का दूसरा चरण शुरू किया जा चुका है जो खुले में शौच से मुक्त की स्थिति बरकरार रखने, ठोस अवशेष प्रबंधन, तरल अवशेष प्रबंधन और कम्युनिटी सेनिटेशन कम्पलैक्सों के निर्माण पर केंद्रित है।
मीटिंग में जल स्पलाई मंत्री रजिया सुल्ताना, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्य सचिव विनी महाजन और जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के प्रमुख सचिव जसप्रीत तलवार उपस्थित थे।
-Nav Gill

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