Sunday, November 17, 2024
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भगवान शिव के आंसू से बना था पाकिस्तान स्थित मंदिर में यह कुंड

इन देशों में बने भव्य मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठित हैं भगवान शिव ?? -नेपाल, पाकिस्तान, श्री लंका के मंदिर पर्यटन का बड़ा केंद्र भारतीय पुरातन संस्कृति को जानने के लिए हर किसी के मन में हमेशा ही उत्सुक्ता बनी रहती है।...

शिवलिंग और परमाणु रिएक्टर संरचना में है गहन समानताएं

-शिवलिंग, परमाणु रिएक्टर दोनों से ही होती है उर्जा प्रवाहित -सभी ज्योतिर्लिंगों, परमाणु रिएक्टर्स के पास पाई जाती है सबसे अधिक रेडियो एक्टिविटी - बिल्व पत्र, आक, आकमद, धतूरा, गुड़हल में है न्यूक्लिअर एनर्जी सोखने की क्षमता भारतीय प्राचीन हिंदू संस्कृति में...

आराध्य की आरधना में किए हवन का है धार्मिक, वैज्ञानिक महत्व

-मानव जीवन के अलावा वातावरण शुद्धि के लिए लाभदायक है हवन हिन्दू धर्म में पुण्य प्राप्ति के लिए आराध्य की पूजा अर्चना की जाती है। परमात्मा की कृपा प्राप्त करने के लिए विधिवत पूजा अर्चना व धार्मिक अनुष्ठान किए जाते...

17 तत्वों से निर्मित सूक्ष्म शरीर शिव लिंग में समाहित है समूची सृष्टि 

  -लिंग के मूल में भगवान ब्रह्रमा, मध्य में भगवान श्री विष्णू और उपर जागृत अवस्था में भोले नाथ हैं विराजमान -शिवलिंग की वेदी, महावेदी और लिंग ही हैं भगवान शंकर देवताओं में भोले नाथ को देवों के महादेव के रुप में...

हिंदू परंपराओं के पीछे क्या हैं वैज्ञानिक तर्क ??

  प्रत्येक संस्कृति के अपने रीति रिवाज़, अपनी परम्पराएं, अपने विश्वास होते हैं। जो पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ते रहते हैं। भारतीय संस्कृति के भी अपने विश्वास, रीति रिवाज़, मान्यताएं एवं परम्पराएं हैं जो एक पीढ़ी, दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित...

इस पर्वत पर ज्योतिर्लिंग के रूप में हुए प्रकट देवों के देव महादेव भगवान...

-माता पार्वती, भोले शंकर का समावेष है ज्योतिर्लिंग श्री मल्लिकार्जुन इस सृष्टि के रचियता कहे जाने वाले त्रिदेव भगवान ब्रह्मा, श्री हरि विष्णू और महादेव भोले शंकर मृत्य़लोक में विभिन्न रुप धर कर सभी के पाप व कष्टों को दूर...

सृष्टि रचियता ब्रह्मा, माता गंगा, सरस्वती, वरुण देव का हैै इसमें वास

-शंख समाप्त करता है ग्रहों के दुष्प्रभाव -शंख से जुड़े चमत्कारी धार्मिक व वैज्ञानिक तथ्य -शंख पूजन से कैसे बरसेगा धन भारतीय संस्कृति में शंख को विशेष महत्व प्रदान किया गया है। शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान प्राप्त हुए 14...

गुरु नानक देव जी की पावन स्मृतियों हैं यहां सुशोभित

  -बहन नानकी जी का कशीदाकारी किया रुमाल डेरा बाबा नानक में है सुशोभित -देश ही नहीं विदेश में मौजूद ही गुरु साहिब की पावन निशानियां श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश समय ही यह स्पष्ट हो गया था कि यह...

श्री गुरु नानक देव जी; एक परिचय

गुरु नानकजी ने अपने व्यक्तित्व में संत, योगी, पैगम्बर, दार्शनिक, राजयोगी, गृहस्थ, त्यागी, धर्म-सुधारक, समाज-सुधारक, कवि, संगीतज्ञ, देशभक्त, विश्वबन्धु आदि सभी के गुण उत्कृष्ट मात्रा में समेटे हुए थे। पंजाब के तलवंडी नामक स्थान में 15 अप्रैल, 1469 को एक...

देवता भी “स्वाहा” से पहले नहीं ग्रहण कर पाते यज्ञ आहूति

--“भगवान अग्नि देव की पत्नी हैं स्वाहा” -“स्वाहा” का उच्चारण है अनुष्ठान की महत्वपूर्ण क्रिया किसी भी हवन यज्ञ, अनुष्ठान के दौरान मंत्रोच्चारण के बाद अग्नि में आहूति अर्पित करने के अंत में स्वाहा शब्द का उच्चारण किए जाने की परंपरा...