ये सच है शेषनाग के फन पर टिकी है यह धरती
-वेद, पुराण, महाभारत में भी है नागों का उल्लेख
नागों के बारे वेद, पुराण, महाभारत में भी उल्लेख है। नागों में आलौकिक शक्तियों का होना भी माना गया है। नागों को तो इच्छाधारी शक्ति से आसीन भी माना गया है।...
भगवान श्री राम से पहले लक्ष्मण जी ने किया था मृत्युलोक से प्रस्थान…
-सरयू नदी से जल समाधि लेकर किया था बैकुंठ धाम को प्रस्थान
इस धरती को मृत्युलोक भी कहा जाता है। क्योंकि इस धरती पर जो भी जन्म लेता है, उसकी मृत्य भी अवश्य होती है। चाहे वह नर हो या...
भगवान श्री कृष्ण के आशीर्वाद से बर्बरिक कैसे बने कृष्णावतार…
-राजस्थान में खाटू श्याम जी के रुप में होती है पूजा
किसी ने सच ही कहा है कि प्रभु का यदि आशीर्वाद मिल जाए, तो पत्थर भी पानी में तर जाते हैं। इतना ही नहीं इंसान भी भगवान के रुप...
महाबली भीम और घटोत्कच यहां खेलते थे इन विशाल गोटियों से शंतरज
-हिडिंबा के वंशज आज भी दीमापुर में करते हैं वास
कुछ लोग महाभारत को एक काल्पनिक कथा कहते हैं। परंतु इसे सच नहीं माना जा सकता है। क्योंकि महाभारत काल से संबंधित शहरों, गांवों के अस्तित्व होने के अलावा धरती...
दशम पिता की बाल रुप निशानियों का साक्षात गवाह है श्री पटना साहिब
-पंघूडा, शस्त्र, कुंआ, पादुकाएं गुरुद्वारा साहिब में सुशोभित
किसी ने सच ही कहा है कि पूत के पांव पालने में ही दिखाई दे जाते हैं। यह कहावत अजीम शख्सीयत के मालिक एक महान योद्धा, कवि, संत, गुरु, दशम पिता, सरबंसदानी,...
एक योद्धा, कवि, संत की अजीम शख्सीयत गुरु गोबिंद सिंह
-1699 में की खालसा पंथ की स्थापना
खालसा पंथ की स्थापना कर एक नए इतिहास का सृजन करने वाले गुरु गोबिंद सिंह एक एेसी शख्सीयत थी, जिनके नाम के साथ एक योद्धा, कवि, संत, गुरु, दशम पिता, सरबंसदानी, कलगीधर, संत...
स्वर्ग में निर्मित रहस्यमयी शिव मंदिर धरती पर है स्थापित
-मंदिर के रहस्य समक्ष विज्ञान भी नतमस्तक
यह पूर्णतया सच है कि शिव को समझना है, शिव को पाना है तो सर्वप्रथम शिव में लीन होना होगा। इस धरती पर देवों के देव महादेव शिव, लिंग रुप में विराजमान है।...
महाभारत काल के प्राचीन शहरों, गांवों का आज भी है अस्तित्व
-धरती के गर्भ से आज भी मिल रहे हैं महाभारत काल के अवशेष
महाभारत की रचना महाकाव्य रूप हुई। इसे भारत का ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ भी माना जाता है। विश्व के सबसे बडे़ इस महाकाव्य ग्रंथ में लगभग एक...
बरनावा में है आज भी मौजूद महाभारत के लाक्षागृह अवशेष
-लाक्षागृह के पास बनी सुरंग से मिली प्राचीन मूर्तियां
महाभारत काल में कौरवों की ओर से पांचों पांडवों को लाक्षागृह में मारने की योजना के बारे सभी जानते हैं। परंतु समय रहते जानकारी मिलने के कारण पांचों पांडव कौरवों की...
मकर सक्रांति को भीष्म पितामह ने त्यागी थी देह
-अर्धकुंभ मेले में पहला शाही स्नान 15 जनवरी
सदियों से हिंदू मकर सक्रांति को अपने प्रमुख पर्व के तौर पर मनाते आ रहे हैं। इस साल मकर सक्रांति का पर्व हिंदूओं के लिए यादगार पलों में से एक होने जा...