कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मृत्यु दर जांचने के लिए कोविड से होने वाली हरेक मृत्यु की विस्तृत जांच के आदेश दिए

-मुख्यमंत्री ने ए.आई.सी.सी. की मीटिंग में बताया कि राज्य सरकार ने विशेषज्ञों के ग्रुप के नेतृत्व में रोकथाम उपाय मजबूत किए
चंडीगढ़, 23 अप्रैल: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को कहा कि उन्होंने राज्य में उच्च मृत्यु दर को समझने और इसे रोकने के लिए विशेषज्ञों द्वारा कोविड से होने वाली हरेक मृत्यु की जांच करवाने के हुक्म दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार माहिर टीम के नेतृत्व में महामारी को रोकने के लिए रोकथाम उपायओं को मजबूत कर रही है।
मुख्यमंत्री यह जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनीया गांधी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान दे रहे थे जिसमें उन्होंने पार्टी लीडरशिप को बताया कि राज्य सरकार कोविड संकट से निपटने के लिए विशेषज्ञों के ग्रुप के नेतृत्व से काम कर रही है। विशेषज्ञों के इस ग्रुप में पी.जी.आई. के पूर्व डायरैक्टर डॉ. के.के. तलवार, बाबा फरीद मैडीकल यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साईंसिज फरीदकोट के उप कुलपति डॉ. राज बहादुर, पी.जी.आई. के जन स्वास्थ्य स्कूल के पूर्व प्रमुख डॉ. राजेश कुमार से पी.जी.आई. और जोहन हौपकिंज यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ शामिल हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राज्य में उच्च मृत्यु दर का कारण पीडि़तों को कोरोना के साथ अन्य बीमारियों का होना और लोगों का स्वास्थ्य सम्बन्धी व्यवहार है जहाँ मरीज हस्पताल में देरी से आते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 6.2 प्रतिशत की उच्च मृत्यु दर के बावजूद पंजाब में कोविड-19 के वृद्धि की दर भारत के मुकाबले कम है क्योंकि पंजाब में 16 दिनों बाद मामलों की संख्या दोगुनी हुई है जबकि राष्ट्रीय औसत के अनुसार 9 दिनों में मामलों की संख्या दोगुनी हो रही है। उन्होंने राज्य में कोविड-19 की प्रभावशाली रोकथाम का खुलासा करते हुए बताया कि 31 मार्च तक भारत के कुल मामलों में से पंजाब का हिस्सा 2.57 प्रतिशत था जोकि तीन हफ्तों बाद अब कम होकर 22 अप्रैल तक 1.22 प्रतिशत रह गया है। इसी तरह कोविड-19 की स्थिति पंजाब में बाकी देश की अपेक्षा बेहतर है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने नवांशहर का उदाहरण दिया जहाँ प्रभावशाली ढंग से पाबंदियाँ लगाकर बेहतर नतीजे सामने आए हैं जिसकी मीडिया से भारत सरकार ने भी सराहना की है। उन्होंने मीटिंग में जानकारी देते हुए बताया कि नवांशहर जो देश के पहले हॉटस्पॉट क्षेत्रों में से एक था, में 18 कोरोना पीडि़त मरीज ठीक होकर अपने घर चले गए हैं। शुरुआत में ग्रंथी बलदेव सिंह की मृत्यु जरूर हुई थी परन्तु 26 मार्च 2020 के बाद कोई नया केस सामने नहीं आया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की तुलना केरला और गुजरात से की जानी चाहिए क्योंकि वह भी और ज्यादा एन.आर.आई. आबादी वाले राज्य हैं। उन्होंने बताया कि प्रति मिलियन आबादी के मामलों के हिसाब से गुजरात की अपेक्षा पंजाब बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और यहाँ तक केरला की अपेक्षा भी कम मामले हैं (पंजाब में प्रति मिलियन 9 और केरला में प्रति मिलियन 12 मामले हैं)।
पंजाब में इस समय 257 पॉजिटिव केस हैं और 16 मृत्यु हुई हैं और दो मरीजों की हालत नाजुक है जिनमें से एक वेंटिलेटर पर और दूसरा एच.डी.यू. पर है जबकि 53 मरीज इस रोग से मुक्त हुए हैं। राज्य में सीमित क्षेत्रों वाले तीन जोन हैं (जहाँ 15 से अधिक केस हैं) जिनमें जवाहरपुर, सफाबादी गेट-पटियाला, बुढलाडा शामिल हैं। इसी तरह तीन जिले फिरोजपुर, फाजिल्का और बठिंडा ग्रीन जोन में हैं जहाँ कोई केस नहीं है। राज्य के पास मौके के मुताबिक आइसोलेशन हस्पताल हैं।
टेस्टिंग के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 7887 टैस्ट किये गए हैं और सरकारी मैडीकल कॉलेज अमृतसर और सरकारी मैडीकल कॉलेज पटियाला में प्रति दिन 400-400 टैस्ट, सरकारी मैडीकल कॉलेज फरीदकोट और इमटैक्क चंडीगढ़ में प्रति दिन 150 टैस्ट और पी.जी.आई. चंडीगढ़ में प्रति दिन 60 टैस्ट करने की व्यवस्था है। इसके अलावा प्राईवेट अस्पतालों में भी टेस्टिंग सुविधाएं उपलब्ध हैं जिनमें डी.एम.सी. लुधियाना में प्रति दिन 40 और तुली डायग्नॉस्टिक लैब अमृतसर में प्रति दिन 100 टैस्ट करने की सुविधा है। उन्होंने बताया कि सी.एम.सी. हस्पताल लुधियाना और एस.जी.आर.डी. मैडीकल कॉलेज, अमृतसर को टेस्टिंग की सुविधा देने की प्रक्रिया जारी है। इस समय राज्य में टेस्टिंग दर प्रति मिलियन 248 है जो राष्ट्रीय औसत की अपेक्षा मामूली कम है। राष्ट्रीय टेस्टिंग प्रति मिलियन 309 है (रैपिड टेस्टिंग को छोडक़र)।
रैपिड टेस्टिंग संबंधी मुख्यमंत्री ने बताया कि आई.सी.एम.आर. द्वारा यह टैस्ट रोक देने बारे निर्देश देने से पहले राज्य में 3502 केस की जांच की गई थी। आई.सी.एम.आर. द्वारा राज्य को अब तक 10500 रैपिड टेस्टिंग किटों की सप्लाई की जा चुकी है जबकि राज्य सरकार द्वारा 10000 किटों का ऑर्डर दिया गया है जो अभी सप्लाई अधीन हैं। सरकार द्वारा और 5000 किटों के लिए भी टैंडर जारी किये गए हैं।

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