-कल से शुरू होगी गेहूँ की खरीद
-गेहूँ की खरीद के लिए 1867 खरीद केंद्र और 1824 राइस मिलों को किया मंडी यार्ड घोषित
-पंजाब के सभी जिलों को ज़रूरत के अनुसार बारदाना किया गया स्पलाई
-गेहूँ की बोली लगाने का समय प्रात:काल 10.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक किया गया निर्धारित
पंजाब राज्य में 15 अप्रैल, 2020 से रबी सीजन 2020-21 की गेहूँ की फ़सल की खरीद प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, इस सम्बन्धी समूचे प्रबंध कर लिए गए हैं। उक्त प्रगटावा आज यहाँ पंजाब के खाद्य एवं सिविल सप्लाई मंत्री श्री भारत भूषण आशु ने किया।
उन्होंने बताया कि इस सीजन के दौरान भारत सरकार द्वारा गेहूँ की खरीद के लिए निश्चित किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य-1925/- रुपए और समूह खरीद एजेंसियों समेत एफ.सी.आई. के द्वारा गेहूँ की खरीद की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, पंजाब द्वारा राज्य की मंडियों में 135 लाख मीट्रिक टन गेहूँ आने की संभावना जताई गई है, जिसके मद्देनजऱ पनग्रेन 26 प्रतिशत (35.10), मार्कफैड 23.50 प्रतिशत (31.72), पनसप 21.50 प्रतिशत (29.02), वेयर हाऊस 14 प्रतिशत (18.90) और एफ.सी.आई 15 प्रतिशत (20.25) के बीच गेहूँ की खरीद के शेयर /लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोविड-19 की महामारी के मद्देनजऱ किसानों की स्वास्थ्य सुरक्षा को यकीनी बनाने के मकसद से राज्य सरकार द्वारा गेहूँ की खरीद के लिए 1867 खरीद केंद्र और 1824 राइस मिलों को मंडी यार्ड घोषित किया है, जिनकी लिंकिंग प्लान के अनुसार खरीद एजेंसियों के बीच अलॉटमैंट किया जा चुका है।
श्री आशु ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा रबी सीजन 2020-21 के दौरान सैंट्रल पूल के लिए गेहूँ की खरीद करने सम्बन्धी एजेंसियों द्वारा 50 किलो की नई जूट /एच.डी.पी.ई/पी.पी बोरियों का अपेक्षित प्रबंध किया गया है और नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के अंतर्गत बाँटी जाने वाली गेहूँ की भराई के लिए ज़रूरी 30 किलो क्षमता की बोरियों का प्रबंध पनग्रेन द्वारा किया गया है। इस प्रबंध के अंतर्गत हर एक जिले में ज़रूरत के अनुसार बारदाना सप्लाई किया जा रहा है। उन्होंने कहा राज्य सरकार की हिदायतों के अनुसार मंडी बोर्ड द्वारा मंडीवाईज़, आढ़तीए वाइज़ जारी किए गए टोकन के अनुसार ही बारदाना मंडी में भेजते हुए सम्बन्धित आढतियों को जारी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार की हिदायतों के अनुसार गेहूँ की बोरियाँ और नीले रंग की छाप, नीले रंग के धागों से सिलाई करने सम्बन्धी हिदायतें जारी कर दी गई हैं।
श्री आशु ने कहा कि कोविड-19 के कारण पैदा हुए हालातों के मद्देनजऱ राज्य सरकार द्वारा गेहूँ की खरीद का सीजन दिनाँक-15 अप्रैल, 2020 से शुरू करने का फ़ैसला लिया गया था और यह खरीद प्रक्रिया 15 जून, 2020 तक जारी रहेगी। खाद्य मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा राज्य की मंडियों में टोकन सिस्टम लागू किया गया है, जिससे किसानों द्वारा मंडियों में योजनाबद्ध तरीके द्वारा गेहूँ लाई जा सके। इसके अलावा पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा राज्य की मंडियों में सख़्ती से सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रयास किये गए हैं, जिसके अनुसार मंडियों में 2 मीटर का फासला रखते हुए 30&30 फुट के बॉक्स के निशान लगाए गए हैं, जिनमें गेहूँ की ढेरी उतारी जाएगी और सीजन के दौरान सरकार द्वारा गेहूँ की बोली का समय प्रात:काल 10.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक का निर्धारित किया गया है। गेहूँ की बोली लगाने के समय उचित दूरी रखते हुए गेहूँ की बोली लगाने की हिदायतें जारी की गई हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए लेबर/ढुलाई के ठेकेदारों द्वारा लेबर को ज़रुरी मास्क मुहैया करवाए जाएंगे। खरीद एजेंसियाँ /मंडी बोर्ड के नुमायंदों द्वारा मंडियों में काम कर रही लेबर पर ध्यान रखा जाएगा, कि किसी लेबर को खाँसी, ज़ुकाम और बुख़ार आदि न हो। एक मंडी से एक स्टोरेज प्वाइंट के बीच ही एक रूट पर गेहूँ की ढुलाई और समय-समय पर सैनेटाईज़ करवाने, ट्रक चालक /हैल्पर को भी मुँह ढकने के लिए मास्क मुहैया करवाने के लिए हिदायतें जारी की गई हैं। रबी सीजन 2020-21 के दौरान खरीद की गई गेहूँ की अदायगी ऑनलाइन विधि के साथ Anaaj Kharid Portal के द्वारा की जाएगी।
श्री आशु ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समूह डिप्टी कमिश्नर, पंजाब राज्य को राज्य की मंडियों में गेहूँ की खरीद के समूचे प्रबंध करने, सरकार द्वारा निश्चित समय के दौरान गेहूँ की कटाई करने, चेयरमैन बिजली बोर्ड पंजाब को राज्य के घोषित किए गए 1867 खरीद केंद्र, 1824 राइस मिल-कम-मंडी यार्डों में 24 घंटे बिजली की सप्लाई जारी रखने और जनरल ऑफ पुलिस पंजाब को इन खरीद केन्द्रों में सीजन के दौरान सिक्योरिटी का प्रबंध करने के लिए लिखा जा चुका है, जिससे खरीद के काम को सुचारू ढंग से चलाया जा सके। किसानों की सुविधा के लिए जि़ला स्तर पर कंट्रोल रूम और मंडीवाईज़ शिकायत निवारण करने के लिए कमेटियां बनाई गई हैं, जिससे प्राप्त शिकायतों का मौके पर ही निपटारा किया जाएगा। इसके अलावा खाद्य एवं सिविल सप्लाई विभाग द्वारा मुख्य कार्यालय के स्तर पर भी किसानों की शिकायतों के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।