कलोनियों के प्लाटों को राजस्व रिकार्ड में मिलेगा यूनिक नंबर- सरकारिया

-रिहायशी कलोनियों के नक्शे को राजस्व नक्शे पर किया जायेगा सुपरइम्पोज़
-स्वामित्व की उलझन को ख़त्म करने के लिए हरेक प्लाट की बनेगी अलग खेवट, सांझे खाते से मिलेगी निजात
-शहरों में जायदाद खरीदने के समय लोगों को परेशानी और ठगों से बचाने के लिए राजस्व विभाग का अहम फ़ैसला

चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा राज्य के निवासियों को पारदर्शी और सुचारू प्रशासन देने के किये गये वायदे के अंतर्गत राज्य के राजस्व विभाग ने एक और अहम कदम उठाया है। राजस्व विभाग ने शहरों में जायदाद खरीदने वाले लोगों को परेशानियों और ठगों से बचाने के लिए सरकारी और मंज़ूरशुदा कलोनियों के प्लाटों को राजस्व रिकार्ड में यूनिक नंबर देने का फ़ैसला किया है, जोकि खसरा नंबर के साथ-साथ प्लाट नंबर भी दिखाएगा। इससे हर एक प्लाट की अलग खेवट (स्वामित्व का नंबर) तैयार हो जायेगा और सांझे खाते वाली दिक्कतों से छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा कालोनी में सांझा स्थानों जैसे कि रास्तों, पार्क, गलियों -नालियों आदि के लिए छोड़ी गई ज़मीन आगे नहीं बेची जा सकेगी क्योंकि ऐसी ज़मीन सम्बन्धित राजस्व रिकार्ड में एक अलग खेवट दिखाई जायेगी। इस फ़ैसले को आज़मायशी तौर पर मोहाली के सैक्टर -79 में लागू करने के लिए गमाडा द्वारा कार्यवाही की जा रही है।

राजस्व मंत्री श्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने बताया कि कलोनाईजऱ द्वारा किसी प्लाट को आगे बेचे जाने पर रिकार्ड को इस तरीके से अपडेट किया जायेगा कि उस प्लाट सम्बन्धित ततीमा और फील्ड बुक तैयार की जायेगी, जिससे हरेक प्लाट को राजस्व रिकार्ड में एक यूनिक नंबर मिल जायेगा। उन्होंने बताया कि ऐसा करने के लिए रिहायशी कलोनियों के नक्शों को राजस्व नक्शे पर चढ़ाया (सुपरइम्पोज़) जायेगा। अब खरीददार के नाम खऱीदे गए विशेष प्लाट की ही रजिस्टरी होगी न कि पहले की तरह कालोनी के कुल क्षेत्रफल में से कुछ हिस्से। इससे ज़मीन के एक से अधिक बार बिकने या हिस्से से अधिक या सांझी जगह के बिकने का झंझट ख़त्म हो जायेगा। जब प्लाट आगे किसी को बेचा जायेगा तो खरीददार को स्वामित्व संबंधी राजस्व रिकार्ड को देखने और समझने में कोई दिक्कत नहीं आयेगी और बैंकों को क़र्ज़ देने के समय पेचीदा राजस्व रिकार्ड के कारण आती मुश्किलें ख़त्म हो जाएंगी।

राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव -कम -वित्तीय कमिश्नर राजस्व श्री एम.पी. सिंह ने बताया कि इस कदम से अनावश्यक मुकदमेबाज़ी से राहत मिलेगी और राजस्व रिकार्ड भी आम लोगों की समझ आऐगा। उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग राज्य निवासियों को पारदर्शी ढंग के साथ सेवाएं मुहैया कराने के लिए वचनबद्ध है। इसलिए कई सुधारवादी कदम उठाए गए हैं, जिसके अंतर्गत पंजाब भर में ज़मीन-जायदाद की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पहले ही शुरू की जा चुकी है। इसके अलावा अब कोई भी व्यक्ति राजस्व विभाग की वैबसाईट से मुफ़्त में विभिन्न तरह के वसीकोंं संबंधी फार्म डाउनलोड करके ख़ुद भर सकता है, जिससे लोगों की करार-नवीसों या वकीलों पर निर्भरता घटी है।

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