चंडीगढ़: पंजाब का राजस्व विभाग संपूर्ण ऑनलाईन होने की दिशा की तरफ तेज़ी के साथ बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा ‘डिजिटल पंजाब’ की कोशिशों के अंतर्गत राजस्व विभाग के कई कामों को ऑनलाईन कर दिया गया है और कई प्रोजेक्टों को प्रयोग के तौर पर शुरू किया जा चुका है।
इस संबंधी जानकारी देते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव -कम -वित्तीय कमिश्नर श्रीमती विन्नी महाजन ने बताया कि पूरे राज्य में ऑनलाईन रजिस्टरियाँ शुरू की जा चुकी हैं और राजस्व अदालतों को ऑनलाईन करने का पायलट प्रोजैक्ट भी अमलोह शहर से शुरू किया जा चुका है। इस प्रोजैक्ट की शुरुआत राजस्व मंत्री श्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने की थी। इसके इलावा ज़मीन की डिजिटल मैपिंग का प्रोजैक्ट भी एसएएस नगर के दो गाँवों से शुरू किया गया है जबकि 164 फ़र्द केन्द्रों में ऑनलाईन ज़मीनी रिकार्ड उपलब्ध करवाया गया है। इसके इलावा माडर्न रिकार्ड रूमों का काम प्रगति अधीन है।
उन्होंने बताया कि 27 जून से सभी पंजाब में ऑनलाईन रजिस्टरियां शुरू हो जाने से ऐसा करने वाला पंजाब देश का पहला राज्या बन गया है। क्लाउड -बेसड एन.जी.डी.आर.एस (नेशनल जैनरिक डाकूमेंट रजिस्ट्रेशन व्यवस्था) प्रणाली के द्वारा ऑनलाईन रजिस्टरियाँ सभी 22 जिलों के सब -रजिस्ट्रार कार्यालयों की रही हैं। अब तक 1,38,086 रजिस्टरियाँ ऑनलाईन हो चुकी हैं। इसके इलावा जायदाद की रजिस्टरी के लिए समय लेने की तत्काल सुविधा भी जल्द शुरू की जायेगी।
अमलोह (जि़ला फतेहगढ़ साहिब) की राजस्व अदालतों में ‘राजस्व अदालत प्रबंधन व्यवस्था’ के पायलट प्रोजैक्ट का आग़ाज़ किया जा चुका है। यह व्यवस्था राज्य के ज़मीनी रिकार्ड से जुड़ा हुआ है। कोई भी केस दायर होने के साथ ही संबंधित ज़मीन की जमाबन्दी के ‘टिप्पणी’ वाले कॉलम में संबंधित केस का विवरण दर्ज हो जायेगा। इसके साथ ही जहाँ ज़मीन-जायदाद के विवादों संबंधी मामले ऑनलाइन होंगे वहीं लोगों को अपने मामलों की आसानी से जानकारी मिलेगी। इस व्यवस्था के अंतर्गत जायदाद संबंधी सब जानकारियों के साथ-साथ पटीशनर और जवाबदेह पक्ष की भी सारी जानकारी ऑनलाइन दर्ज हो जायेगी।
जि़ला एसएएस नगर के दो गाँवों के क्षेत्रफल की डिजिटल मैपिंग के द्वारा हदबंदी का पायलट प्रोजैक्ट भी शुरू किया गया है। इससे ज़मीन मालिकों को अपनी जायदाद की निशानदेही करने में सुविधा होगी। धीरे -धीरे इस प्रोजैक्ट को पंजाब स्तर पर लेकर जाया जायेगा। एसएएस नगर के दो गाँवों मुंडी खरड़ और हरलालपुर के रकबे की आज़मायशी तौर पर डिजिटल मैपिंग की गई है। इस डिजिटल नक्शे पर मुरब्बा नंबर, किल्ला नंबर, किल्ला लाईन, मुरब्बा लाईन, रैफरैंस लाईन, सेहिद्दा और बुर्जियाँ दिखाईं गई हैं। सैटेलाइट और हदबंदी नक्शे के सुमेल से तैयार किये गए इस डिजिटल नक्शे की मदद से नागरिकों को अपनी जायदाद की निशानदेही में सुविधा होगी।
माडर्न रिकार्ड रूम स्थापित करने की योजना भी प्रगति अधीन है जिसके अंतर्गत पी.डबल्यू.डी. ने टैंडर माँग लिए हैं। पहले दौर में लुधियाना, जालंधर, बठिंडा, रूपनगर, कपूरथला और एसएएस नगर में माडर्न रिकार्ड रूम स्थापित किये जाएंगे जोकि लॉकरों जैसी आधुनिक सहूलतों से लैस होंगे। इन लॉकरों में रखा जाने वाला रिकार्ड पूरी तरह से कम्प्यूटराईडज़ होगा।