भारतीय प्राचीन सनातन सभ्यता का इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत ही नहीं विदशों में बनी गुफाओं में देवी देवताओं की प्रतिमाएं प्राण-प्रतिष्ठित हैं। इन गुफाओं में शताब्दियों से यह मंदिर बने हुए है। जो हमारी पुरातन कला का अद्वितीय उदाहरण हैं। आईए आज आपको सदियों पुरानी गुफाओं के बारे बताते हैं। जिन गुफाओं में हमारे ईष्ट विराजमान हैं।
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तमिलनाडू में वराह गुफाएं
तमिलनाडु में चेन्नई के महाबलीपुरम में वराह गुफाएं स्थित है। वराह गुफा में भगवान श्री हरि विष्णु का मंदिर बना हुआ है। चट्टानों को काटकर की गई नक्काशी दर्शनीय है। इन गुफाओं को यूनेस्को ने अपनी विश्व विरासत का हिस्सा बनाया हुआ है।
मलेशिया में भगवान मुरुगन की गुफा
पुरातन समय में मलेशिया हिंदू राष्ट्र हुआ करता था। वहां कई प्राचीन गुफाओं में मंदिर बने हुए है। इन गुफाओं में भगवान शिव व पार्वती के बेटे भगवान मुरुगन का मंदिर है। जो कि एक गुफा में स्थित है। यहां पर भगवान मुरुगन के जन्म दिवस से रूप में थैपुसम नामक उत्सव मनाया जाता है। गुफा में भगवान मुरुगन की लगभग 43 मीटर ऊंची मूर्ति स्थापित है।
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पाकिस्तान स्थित हिंगलाज माता मंदिर
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हिंगोल नदी के किनारे पहाड़ी गुफा में देवी सती का हिंगलाज मंदिर स्थापित है। जो बेहद प्राचीन है। देवी सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है हिंगलाज माता का यह मंदिर। इस मंदिर का उल्लेख कई धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है।
इंडोनेशिया की गोवा गजह गुफा
मलेशिया की तरह ही इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर हिंदूओं के कई प्राचीन मंदिर हैं। यहां पर एक गुफा मंदिर बेहद प्राचीन है। गुफा मंदिर को गोवा गजह गुफा और एलीफेंटा की गुफा भी कहा जाता है। वर्ष 1995 में इसे विश्व धरोहरों में शामिल किया गया। यह गुफा भगवान शंकर की है। यहां पर तीन शिवलिंग बने हैं।
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भगवान अमरनाथ की गुफा
भगवान अमरनाथ की गुफा हिंदू धर्म में सबसे खास तीर्थ स्थलों में से एक है। यहां पर भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरकथा सुनाई थी। हजारों वर्ष पुरानी इस गुफा में आज भी बर्फ का प्राकृतिक शिवलिंग निर्मित होता है। जिसके दर्शन करने के लिए हर साल लाखों भक्त यहां जाते हैं। इस गुफा को एक मुसलमान ने ढूंडा था। इस पावन गुफा की देखरेख का जिम्मा आज भी उसी मुसलमान के पूर्वजों के पास है।
कर्नाटक की बादामी गुफा
कर्नाटक की बादामी नामक चार गुफाओं में से दो गुफाएं भगवान विष्णु जी, एक गुफा भगवान शिव और एक गुफा जैन धर्म से संबंधित हैं। पहाड़ों को काटकर लाल पत्थर से बनाई गई ये गुफाएं अपनी सुंदरता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। पत्थरों को काट कर की गई नक्काशी दर्शनीय है।
पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में पाताल भुवनेश्वर गुफा भक्तों के लिए आज भी आस्था का केंद्र है। यह गुफा विशालकाय पहाड़ी के करीब 90 फीट भीतर बनी हुई है। यह पाताल भुवनेश्वर गुफा किसी आश्चर्य से कम नहीं है। कहा जाता है कि यहां पर भगवान श्री गणेश का कटा हुआ सिर रखा है।
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परशुराम महादेव गुफा मंदिर
राजस्थान के अरावली में परशुराम महादेव गुफा मंदिर है। इस गुफा मंदिर का निर्माण भगवान श्री विष्णु के अवतार भगवान परशुराम ने अपने फरसे से चट्टान को काटकर किया था। इस गुफा मंदिर के भीतर एक स्वयंभू शिवलिंग है। यहां पर भगवान परशुराम जी ने कठोर तपस्या की थी। तपस्या के बल पर उन्होंने भगवान शिव से धनुष और दिव्य फरसा प्राप्त किया था।
एलीफेंटा की गुफा
मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया से लगभग 12 किलोमीटर दूर एलीफेंटा नाम की गुफाएं स्थापित है। यह गुफा पहाड़ों को काटकर बनाई गई। सात गुफाओं में से सबसे महत्वपूर्ण महेश मूर्ति गुफा है। एलीफेंटा गुफाओं के क्षेत्र को घारापुरी के नाम से भी जाना जाता है। इस गुफा में अर्द्धनारीश्वर, भगवान शिव, रावण द्वारा कैलाश पर्वत को ले जाते हुए और नटराज शिव की प्रतिमाएं बनी हुई हैं। इस गुफा को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत का दर्जा दिया हुआ है।
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अजंता-एलोरा की गुफाएं
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित अजंता एलोरा का गुफाएं विश्व प्रसिद्ध हैं। अजंता में 29 बौद्ध गुफाएं और कई हिंदू मंदिर मौजूद हैं। यह गुफाएं अपनी चित्रकारी और दर्शनीय मंदिरों के लिए प्रसिद्ध हैं। इस गुफा में प्राचीन कैलाश मंदिर भी बना हुआ है। इस मंदिर का निर्माण चार हजार साल पहले किया माना जाता है।
प्रदीप शाही