महिलाओंं को नशों में धकेलने के लिए डी.एस.पी. दलजीत सिंह ढिल्लों सहित पंजाब पुलिस के दो कर्मचारी बर्खास्त

चंडीगढ़: महिलाओंं को नशों में धकेलने के गंभीर दोषों के मद्देनजऱ डी.एस.पी. दलजीत सिंह ढिल्लों सहित दो पुलिस कर्मचारियों को उनकी सेवाओं से बखऱ्ास्त कर दिया गया है।   फिऱोज़पुर के डी.एस.पी. दलजीत सिंह ढिल्लों के बखऱ्ास्तगी के आदेश भारतीय सविधान की धारा 311 की दूसरी प्रिविजऩ की क्लॉज (2) की उप-धारा (बी) के तहत पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा जारी किये गए हैं जबकि हैड कांस्टेबल इन्द्रजीत सिंह को भारतीय संविधान की धारा 311(2)(बी) जो पंजाब पुलिस नियम 1934 के नियम 16.1 के अनुसार है, के तहत जालंधर के पुलिस कमिश्नर द्वारा बखऱ्ास्त किया गया है।
    लुधियाना की एक लडक़ी को नशों में धकेलने के दोषों के कारण ढिल्लों को 28 जून 2018 को मुअत्तल किया गया था जबकि इन्द्रजीत सिंह को जालंधर की एक महिला द्वारा लगाए गए इसी तरह के दोषों में मुअत्तल किया गया था। इन्द्रजीत सिंह पर विवाह के बहाने शारीरिक शोषण करने का दोष लगाया गया था।
    पंजाब पुलिस अकैडमी फिलोर की डायरैक्टर अनीता पुंज आई.पी.एस. द्वारा की गई पड़ताल के बाद तथ्यों का कानूनी जायज़ा लिए जाने के बाद ढिल्लों की बर्खास्तगी के आदेश जारी किये गए हैं। यह तथ्य संबंधित लडक़ी के बयान पर आधारित हैं। पुलिस थाना स्टेट क्राइम में दलजीत सिंह ढिल्लों के विरुद्ध एक केस (एफ.आई.आर.नं. 2, तारीख़ 2 जुलाई 2018) भादंस 376 /376 -सी.आई.पी.सी.22 /27 -ए /27 /29 एन.डी.पी.एस. एक्ट 1885 दर्ज किया गया है।
    तरनतारन में तैनाती के दौरान इस अधिकारी को अवांछनीय और नैतिक भ्रष्टता की कार्यवाहियों में लिप्त पाया गया और उसने अपने सरकारी पद और शक्ति जोकि उसे एक गज़टिड पुलिस अफ़सर के तौर पर प्राप्त थी, का दुरुपयोग किया और लडक़ी के साथ बलातकार किया और उसे नशों के लिए भ्रमित किया।
    मामले की आगे की जांच आई.जी.पी. क्राइम अरुण पाल सिंह के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम और सनमीत कौर आई.पी.एस., ए.आई.जी. /इन्वेस्टिगेशन और रकेश कौशल कमांडैंट सहित द्वारा की गई।
    इंद्रजीत को बखऱ्ास्त करने की विस्तृत जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह पुलिस कर्मचारी सितम्बर 2017 से मुअत्तल था । इसको कुलजीत कौर उर्फ ज्योति नाम की लडक़ी द्वारा क्रमवार की गई शिकायतों के आधार पर मुअत्तल किया गया था। यह लडक़ी चाहे हर बार अपने बयान से पलटती रही जिसने दोषी के विरुद्ध जांच को मकाम तक पहुंचाने के लिए पंजाब पुलिस के लिए असंभव बनाया।
    प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस कमिशनर महसूस करते हैं कि मौजूदा हालत में विभागीय जांच करवाना या इंद्रजीत (नं.2159 /जालंधर) के विरुद्ध कोई अन्य कार्यवाही चलाना उपयुक्त तौर पर अनुप्रयुक्त नहीं है। इन हालतों में फ़ैसला लेते हुए पुलिस कमिशनर ने यह माना है कि दोषी सिपाही का लगातार दुवर््यवहार लाइलाज और वह इस संगठन में सेवा के लिए अयोग्य है।
    कुलजीत कौर उर्फ ज्योति बेटी गुरमेज सिंह निवासी बलवंत नगर जालंधर ने चार बार इंद्रजीत के विरुद्ध गंभीर दोष लगाए । 30 अगस्त, 2017 को कुलजीत कौर उर्फ ज्योति और पी.पी.एच.सी. इन्द्रजीत सिंह की कथित शादी संबंधीे एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। इसमें शादी के बहाने उसके साथ शारीरिक शोषण किये जाने का हैड कोंस्टेबल पर दोष लगा रही थी। जिसमें कहा गया कि उसने अपनी चमड़ी बचाने के लिए शादी की है और उसे नशों में धकेला है।
    इन दोषों के आधार पर इंद्रजीत को 4-9-2017 से मुअत्तल किया गया था और उसके विरुद्ध विभागीय जांच शुरू की गई थी जो श्रीमति सुदारविज़ी आई.पी.एस. ए.डी.सी.पी. सीटी 2 जालंधर ने की थी। कुलजीत कौर उर्फ ज्योति विभागीय जांच के दौरान भी अपने बयान से पलटी थी और इंकार किया था कि इंद्रजीत ने उसके साथ शादी की थी।
    कुलजीत कौर उर्फ ज्योति द्वारा इन्द्रजीत सिंह के विरुद्ध दायर की गई सभी शिकायतों के दोष गंभीर किस्म के थे परन्तु स्पष्ट असंगत कारणों के चलते यह जांच सम्पूर्ण न हो सकी।
    30 /06 /2018 को गुरजीत कौर माता कुलजीत कौर उर्फ ज्योति ने पुलिस थाना डिविजऩ नं:2जालंधर में एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई जिसमें दोष लगाया गया कि ज्योति को इंद्रजीत फिर कहीं ले गया जिस कारण उसे डर है कि उसकी अपनी बेटी की नशा छुड़वाने की कोशिशें नाकाम हो जाएंगी और पुलिस अफ़सर फिर उसे नशें में धकेल देगा।

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