पूर्व मुख्यमंत्री के फार्म हाऊस के साथ लगने वाली इस पंचायती ज़मीन पर 13 व्यक्तियों द्वारा अवैध कब्ज़ा किया गया था
सरकार द्वारा अवैध कब्ज़ों को हटाते समय ताकत का प्रयोग नहीं बल्कि कानूनी प्रक्रिया को अमल में लाया जाता है: ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री
एस.ए.एस. नगर: पंजाब सरकार द्वारा बड़ी कार्यवाही करते हुए चंडीगढ़ के बाहरी ओर बसे सिसवां गाँव की 125 एकड़ ज़ीमन को अवैध कब्ज़े से मुक्त करवा कर कब्ज़े अधीन लिया गया है। इस ज़मीन की कीमत सैंकड़ों करोड़ रुपए की बनती है, जिस पर 13 व्यक्तियों द्वारा अवैध रूप से कब्ज़ा किया गया था। यह जानकारी श्री कुलदीप सिंह धालीवाल कृषि, ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री द्वारा आज सिसवां डैम पर बुलाई गई प्रेस कॉनफ्रेंस के दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए दी गई।
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उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान द्वारा दी गई हिदायतों पर अमल करते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा सिसवां गाँव की इस पंचायती ज़मीन को कानूनी प्रक्रिया के द्वारा अवैध कब्ज़ों से मुक्त करवा कर राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के फार्म हाऊस के साथ लगने वाली इस ज़मीन को 13 व्यक्तियों ने अवैध कब्ज़े अधीन लिया हुआ था। उन्होंने बताया कि इस ज़मीन की कीमत अनुमानित 2 या 2.5 करोड़ प्रति एकड़ की बनती है।
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उन्होंने बताया कि आने वाले समय में सरकार द्वारा इस क्षेत्र में 8 हज़ार एकड़ की और ऐसी ज़मीन जिसको अवैध ढंग से कब्जाया गया है को कानूनी प्रक्रिया के द्वारा अवैध कब्ज़ों से मुक्त मलकीयत के अधीन लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा मई महीने में ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग को पंजाब की कृषि योग्य और कमर्शियल ज़मीनों जिन पर अवैध कब्ज़े किए गए हैं की सीमा रेखा करके इनको कब्जे से मुक्त करवाने के निर्देश दिए गए थे।
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उन्होंने बताया कि विभाग ने 1 मई को अपनी मुहिम शुरू की थी और जून महीने तक 5 हज़ार एकड़ ज़मीन को अवैध कब्जे से मुक्त करवाने का लक्ष्य निश्चित किया गया था, परन्तु विभाग द्वारा जून महीने तक 6100 एकड़ ज़मीन अवैध कब्ज़ों से मुक्त करवाया गया और अब सिसवां में 125 एकड़ ज़मीन को अवैध कब्ज़ों से मुक्त करवाने से अब तक 6225 एकड़ ज़मीन को अवैध कब्ज़ों से मुक्त करवा लिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा पंचायती ज़मीनों को अवैध कब्ज़ों से मुक्त करवाते समय किसी तरह का धक्का या ताकत का प्रयोग नहीं किया जा रहा, बल्कि पूरी कानूनी प्रक्रिया के द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
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उन्होंने बताया कि उनके विभाग द्वारा जस्टिस कुलदीप सिंह द्वारा पेश की गई रिपोर्ट की बारीकी से समीक्षा की गई है और उसमें जो बताया गया है उसके मुताबिक भी कार्यवाही शुरू की जाएगी। पूछे गए सवाल के जवाब में श्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि अवैध कब्ज़ों से मुक्त करवाई गई जिस ज़मीन को लीज़ पर दिया जा सकता होगा उसे लीज़ पर दिया जाएगा और यदि उस ज़मीन को बेचा जा सकता होगा तो सरकार पॉलिसी बनाकर उचित कार्यवाही की जाएगी। श्री धालीवाल ने पंजाब निवासियों को यह विश्वास भी दिलाया कि जहाँ पंचायती ज़मीनों पर किए गए अवैध कब्ज़ों को हटाया जाएगा, वहीं भविष्य में किसी को अवैध कब्ज़े करने की इजाज़त नहीं दी जाएगी।
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उन्होंने अवैध कब्ज़े करने वालों के विवरण साझे करते हुए बताया कि कैप्टन गुरप्रताप सिंह एंड अदर्स, मोहिन्दर सिंह, अरजेश कुमार पुत्र सुरिन्दर कुमार, राज मोहिन्दर सिंह पुत्र पृथ्वी पाल, फरजीन ख़ान पुत्र तुसली ख़ान, जीत महिन्दर सिंह पुत्र पृथ्वी, मनोहर पत्नी राज महिन्दर, सुखदर्शन सिंह पुत्र भरपूर सिंह, सुरजीत सिंह पुत्र बचन सिंह, गुरमुख सिंह, दविन्दर सिंह पुत्र दीदार सिंह, कैप्टन गुरप्रताप सिंह, राजिन्दर पाल पुत्र लेट मोहिन्दर पाल समेत कुल 13 व्यक्तियों द्वारा अवैध कब्ज़े किए गए थे।
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इस मौके पर ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक श्री गुरप्रीत सिंह खैहरा, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) श्री अमरदीप सिंह गुजराल, एस.डी.एम. खरड़ श्री रविन्दर सिंह, जि़ला विकास एवं पंचायत अधिकारी श्री अमरिन्दर सिंह, सैकरेटरी जि़ला परिषद् श्री रणजीत सिंह, ब्लॉक विकास एवं पंचायत अधिकारी माजरी श्रीमती निधि सिन्हा उपस्थित थे।