मुख्यमंत्री द्वारा राहत देने के लिए समर्थन मूल्य से कम मिली रकम सरकारी खाते में से भरने के निर्देश
एक हजार रुपए प्रति क्विंटल तक देने का ऐलान
खरीद के लिये मौजूदा मापदण्डों में भी दी ढील
चंडीगढ़: एक मिसाली फैसले के अंतर्गत पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मूंगी काश्तकारों का उत्साह बढ़ाने के लिए समर्थन मूल्य से कम पर बिकी मूंगी दाल के मूल्य की भरपायी सरकार की तरफ से करने के निर्देश दिए हैं, जिसके अंतर्गत कम मिले मूल्य की एवज़ में 1000 रुपए प्रति क्विंटल तक दिए जाएँगे।
यहां शनिवार को इस फैसले का ऐलान करते हुये मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग को यह यकीनी बनाने के निर्देश दिए कि किसानी की हितों के लिए दी इस राहत सम्बन्धी किसी किस्म का कोई टालमटोल न किया जाये और हर किसान को इसका लाभ मिले। उन्होंने कहा कि यह राशि सभी मूंगी काश्तकारों समेत उन किसानों को भी दी जा रही है, जिन्होंने अपनी फसल पहले ही बेच दी है। भगवंत मान ने कहा कि इस सम्बन्धी नियमों में जरूरी संशोधन भी कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2021-22 में मूंगी का कुल आवक 2.98 लाख क्विंटल थी, जबकि राज्य सरकार की तरफ से फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम. एस. पी) के ऐलान के बाद मौजूदा सीजन 2022-23 में 4 लाख क्विंटल मूंगी की आमद होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि इस साल मार्कफैड्ड की तरफ से पहली बार 7275 रुपए के प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर मूंगी की खरीद की जा रही है। भगवंत मान ने कहा कि उनको यह भी जानकारी मिली थी कि फसल के नुकसान हो जाने के कारण एम.एस.पी. पर खरीद नहीं की जा रही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी फसल नहीं बेच सके, उनको राहत देने के लिए राज्य सरकार की तरफ से यह राशि दी जा रही है। और जानकारी देते हुये उन्होंने बताया कि एम. एस. पी. पर खरीदी गई फसल के लिए कोई अतिरिक्त राशि नहीं दी जायेगी परन्तु 7000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिकने वाली फसल के लिए 275 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त समर्थन मूल्य दिया जा रहा है। भगवंत मान ने कहा कि जिन किसानों ने 6500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब के साथ अपनी फसल बेची है, उनको 775 रुपए और 6000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब के साथ फसल बेचने वाले किसानों को 1000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से अतिरिक्त राशि दी जायेगी।
किसानों को फसल बेचने के लिए पेश मुश्किलों के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले ही खराब हुयी मूंगी की फसल की खरीद के लिए मौजूदा मापदण्डों में ढील देने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि कच्ची, सिकुड़ी या अपरिपक्व मूंगी की खरीद मंजूरी सम्बन्धी मापदण्डों की अधिकतम सीमा 3 से 8 प्रतिशत कर दी है, खराब हुयी मूंगी के लिए 3 से 6 प्रतिशत और मामूली नुकसानी मूंगी के लिए 4 से 7 प्रतिशत तक कर दी गई है। भगवंत मान ने उम्मीद जाहिर करते हुये कहा कि यह पहलकदमियां राज्य के मेहनती किसानों को बहुत अपेक्षित सहायता प्रदान करेंगी, जिनका राष्ट्रीय अनाज भंडार में बड़ा योगदान डाल कर देश को अनाज उत्पादन में आत्म-निर्भर बनाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि को और लाभप्रद पेशा बनाने के लिए आने वाले समय में ऐसे और कदम भी उठाये जाएँगे। भगवंत मान ने आशा अभिव्यक्त की कि जहां यह फैसले किसानों की आय में विस्तार करने में मदद करेंगे और वहीं जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने और राज्य के कीमती पानी को बचाने में अहम भूमिका निभाऐंगे।