कैबिनेट की तरफ से मौजूदा औद्योगिक इकाईयों के विस्तार में सहयोग के लिए ‘पंजाब राइट टू बिजऩस रूल्ज, 2020 में संशोधन को मंजूरी

राज्य की अधीनस्थ अदालतों के लिए अतिरिक्त जि़ला और सैशन जजों के 25 और सिविल जजों के 80 पदों समेत कुल 810 पदोंं की सृजना को भी मंज़ूरी
पंजाब कृषि उपज, मंडियों एक्ट-1961 में संशोधन को भी दिखाई हरी झंडी
चंडीगढ़: राज्य में औद्योगिक विकास को एक और बढ़ावा देते हुये मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व अधीन पंजाब कैबिनेट ने शुक्रवार को मौजूदा औद्योगिक इकाईयों ( एम. एस. एम. इज़) के विस्तार को ‘पंजाब राइट टू बिजऩस एक्ट, 2020’ के घेरे तहत लाने के लिए ‘पंजाब राइट टू बिजऩस रूल्ज, 2020’ में संशोधन को मंजूरी दे दी। इस सम्बन्धी फ़ैसला मुख्यमंत्री की अध्यक्षता अधीन यहाँ पंजाब सिविल सचिवालय-1 में मंत्री समूह की हुई मीटिंग में लिया गया।
अन्य विवरण सांझा करते हुये मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में व्यापार को आसान बनाने के लिए 6 फरवरी, 2020 को ‘पंजाब राइट टू बिजऩस एक्ट, 2020’ नोटीफायी किया गया था और इस के बाद ‘पंजाब राइट टू बिजऩस रूल्ज, 2020’ को 29 जुलाई 2020 को नोटीफायी किया गया। यह नियम पंजाब की नयी लघु, छोटी और मध्यम औद्योगिक इकाईयों (एम. एस. एम. इज.) पर लागू होते थे परन्तु ‘राइट टू बिजऩस एक्ट, 2020’ का यह नया संशोधन राज्य में मौजूदा एम. एस. एम. इज. को अपने विस्तार के लिए तेज़ी से मंजूरियांं, छूटों और स्वै-घोषणा का मौका मुहैया करेगी।
इस अहम कदम से अपने विस्तार में लगे सभी मौजूदा कारोबारी अदारों को इस एक्ट के अधीन सात सेवाओं की सैद्धांतिक मंजूरी के लिए सर्टिफिकेट हासिल करने के योग्य बनाऐगा। इस संशोधन के मुताबिक विस्तार कर रही मौजूदा एम. एस. एम. इज. सैद्धांतिक मंजूरी का सर्टिफिकेट जारी होने के बाद अपने विस्तार को तेज़ी के साथ मुकम्मल करने के योग्य बनेंगी। इसके लिए फोकल प्वाइंटों में सैद्धांतिक मंज़ूरी पाँच कामकाजी दिनों और फोकल प्वाइंटों से बाहर 20 कामकाजी दिनों में मिलेगी।
अधीनस्थ अदालतों के लिए 810 पद सृजन करने की मंजूरी
मंत्रीमंडल ने राज्य की अधीनस्थ अदालतों के लिए 810 पद सृजित करने के लिए मंजूरी दे दी है, जिनमें सहायक स्टाफ के अलावा अतिरिक्त जि़ला और सैशन जजों के 25 पद और सिविल जज (जूनियर डिवीजऩ- कम-जुडिशियल के 80 पद शामिल हैं। इस कदम से राज्य में नयी अदालतों के गठन में महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी जिससे अधीनस्थ अदालतों में बकाए अदालती मामलों के तेज़ी से निपटारे के साथ लोगों को सुविधा मिलेगी। इन नये पदोंं से नौजवानों को रोजग़ार के नये मौके मिलेंगे और राज्य की न्याय प्रणाली और मज़बूत होगी।
मंत्रीमंडल ने पंजाब जल स्रोत खोज, ग्रुप-ए सरविसज़ रूल्ज- 2022 तैयार करने के लिए हरी झंडी दे दी है। यहाँ यह बताने योग्य है कि पंजाब जल स्रोत विभाग की प्रशासनिक ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए खोज अफसरों के 9 पद और सहायक खोज अफसरों के 26 पद स्वीकृत किये गये हैं परन्तु मौजूदा नियमों में सीधी या तरक्की कोटे के अनुपात के बारे कुछ स्पष्ट नहीं है। इस कदम के साथ विभाग की प्रशासकीय ज़रूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी जिससे लोगों को और बेहतर ढंग से सहूलतें मुहैया करवाई जा सकें।
मंत्रीमंडल ने बिल्डिंग फिसकल एंड इंस्टीच्यूशनल रीसायलैंस फॉर ग्रोथ प्रोजैक्ट के लिए विचार-चर्चा और भारत सरकार के वित्त मामलों संबंधी विभाग और विश्व बैंक (निर्माण और विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंक) के साथ करारनामा करने की मंजूरी दे दी है। इस प्रोजैक्ट से राज्य सरकार को अगले पाँच सालों में राज्य भर और शहरी स्तर में प्रमुख सुधारों के लिए मदद मिलेगी और पाँच विभाग लागूकरण वाली एजेंसियों के तौर पर काम करेंगे।
पंजाब कृषि उत्पाद मंडी एक्ट में संशोधन को मंजूरी
मंत्रीमंडल ने पंजाब कृषि उत्पाद एक्ट की धारा 12 में संशोधन करने की मंजूरी दे दी है, जिससे मौजूदा समय नामज़द मार्केट कमेटियों को भंग करके नये प्रशासक नियुक्त करने की व्यवस्था की गई है। इस फ़ैसले के मुताबिक राज्य सरकार भंग की मार्केट कमेटियों की जगह पर प्रशासक नियुक्त करेगी, जो एक साल के समय के लिए या नयी मार्केट कमेटियों की नामांकनों तक, जो भी पहले हो, ड्यूटी निभाते हुए अपनी शक्तियों का प्रयोग करेंगे। बताने योग्य है कि राज्य में 156 मार्केट कमेटियाँ हैं जिनमें चेयरमैन, उप चेयरमैन और मैंबर नामज़द किये जाते हैं परन्तु सरकार की नीतियों और प्रोग्रामों को तेज़ी से लागू करने के लिए मौजूदा कमेटियाँ भंग करके नये प्रशासकों की नियुक्ति करने का फ़ैसला लिया।
डी. पी. आई. ( कालेज), भाषा विभाग और पर्यटन और सांस्कृतिक मामले विभाग की सालाना प्रशासनिक रिपोर्टें मंज़ूर
पंजाब कैबिनेट ने डी. पी. आई. ( कालेज) की साल 2017- 18, 2018- 19, 2019- 20 और 2020- 21, भाषा विभाग पंजाब की साल 2016- 17, 2017- 18, 2018- 19, 2019- 20 और 2020- 21 की सालाना प्रशासनिक रिपोर्टों को भी मंज़ूरी दे दी। इसके अलावा पर्यटन, सांस्कृतिक मामले, पुरातत्व और अजायबघर विभाग की साल 2020- 21 की सालाना प्रशासनिक रिपोर्टों को स्वीकृत कर लिया है।

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