मछली का अधिक से अधिक उत्पादन करने और रोज़गार के साधन पैदा करने का आह्वान
चंडीगढ़:पंजाब के पशु पालन, मछली पालना और डेयरी विकास मंत्री स. तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने राज्य के मछली पालकों को हर वर्ष 21 नवंबर को दुनिया भर में मनाए जाते ‘‘विश्व मत्स्य पालन दिवस’’ की बधाई देते हुए मछली का अधिक से अधिक उत्पादन करने और रोज़गार के साधन पैदा करने का आह्वान किया है।स. बाजवा ने बताया कि इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक जल संसाधानों में मछली स्रोत को संभाल कर रखने और सही ढंग से इस्तेमाल करने के लिए लोगों को प्रेरित करना है जिससे इन स्रोतों को आने वाली पीढ़ियों के लिए संभाल कर रखा जा सके।
उन्होंने कहा कि पंजाब पाँच नदियों की धरती है, इसलिए पंजाब में इस दिवस की महत्ता और भी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इन प्राकृतिक साधनों को संभाल कर रखने के लिए और मछली हेतु छप्पड़ों में अधिक से अधिक मछली का उत्पादन करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों द्वारा ग्रामीण इलाकों में रोज़गार के साधन भी पैदा हो रहे हैं।मछली पालन मंत्री ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी के योग्य नेतृत्व में राज्य मछली पालन के क्षेत्र में लगातार तरक्की कर रहा है।
पंजाब में मछली पालन के लिए बुनियादी ढांचे के विकास और मछली के उत्पादन को बढ़ाने पर ख़ास ज़ोर दिया जा रहा है। इस सम्बन्ध में सरकार द्वारा एक और नया सरकारी मछली पूंग फार्म गाँव किल्यांवाली, ज़िला फाजिल्का में स्थापित किया जा रहा है। यह फार्म ज़िला फाजिल्का, श्री मुक्तसर साहिब और नज़दीक के अन्य जिलों के किसानों को बढ़िया किस्म का मछली पूंग रियायती दरों पर प्रदान करेगा। इसी तरह साफ़ सुथरी मछली को उपभोक्ता तक पहुँचाने के लिए सरकार द्वारा ज़िला पटियाला में एक होलसेल-कम-रिटेल फिश मार्केट स्थापित की जा रही है।
इसके अलावा सरकार द्वारा साफ़-सुथरी मछली की ढुलाई और युवाओं को रोज़गार के नये साधन मुहैया करवाने के लिए चौपहिया, तिपहिया और दोपहिया वाहन समेत आईस बॉक्स सब्सिडी पर प्रदान किये जा रहे हैं।उन्होंने बताया कि राज्य में मछली और झींगे पालन को उत्साहित करने के लिए नये तालाब तैयार करने और पहले वर्ष की खाद-ख़ुराक के लिए सरकार द्वारा इच्छुक किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
इन स्कीमों का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसान मछली पालन विभाग से सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने यह बताते हुए ख़ुशी ज़ाहिर की कि खारे पानी से प्रभावित राज्य के दक्षिण-पश्चिमी जिलों में झींगा पालन की शुरुआत एक एकड़ क्षेत्रफल से शुरू होकर किसानों के उद्यम के साथ 800 एकड़ का क्षेत्रफल पार कर गई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा आने वाले पाँच सालों के दौरान पाँच हज़ार एकड़ क्षेत्रफल झींगा पालन अधीन लाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
स. बाजवा ने ‘‘विश्व मत्स्य पालन दिवस’’ के अवसर पर राज्य के मछली पालक के प्रति अपनी वचनबद्धता प्रकट करते हुए कहा कि मछली पालक राज्य में मछली और झींगा दे उत्पादन को तेज़ी के साथ बढ़ाने और मछली पालन के संपूर्ण विकास के लिए कार्यशील हों जिससे प्राकृतिक साधन और बोझ को घटाया जा सके और मछली पालन के पेशे को प्रफुल्लित किया जा सके। उन्होंने किसान भाईयों से अपील की कि वह सरकार द्वारा मछली पालन के पेशे के लिए दी जाने वाली सुविधाओं का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करें।