चंडीगढ़, 28 सितम्बर:
राजस्व विभाग द्वारा पंजाब में ई-गिरदावरी शुरू करने की पहल की गई है। यह प्रोग्राम, जिसको गिरदावरी कहा जाता है जो कि साल में दो बार करवाई जाती है, के अंतर्गत फ़सल निरीक्षण के रिकॉर्ड करने में कार्यकुशलता, स्टीकता और पारदर्शिता यकीनी बनाई जाती है।
इस महत्वपूर्ण कार्य को पूरा करने के लिए राजस्व विभाग में पीएलआरएस की तकनीकी टीम ने फ़सल के विवरण हासिल करने के लिए सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप तैयार की है। पंजाब में 2.21 करोड़ से अधिक खसरा हैं और डाटा एंट्री की प्रक्रिया 17 अगस्त, 2021 को शुरू की गई थी।
विशेष मुख्य सचिव (राजस्व) श्रीमती रवनीत कौर ने वीडियो कान्फ्ऱेंस के द्वारा आयोजित मीटिंगों में सभी डिप्टी कमिश्नरों को इस कार्य को 30 सितम्बर, 2021 से पहले मुकम्मल करने के लिए विस्तृत निर्देश दिए।
डाटा एंट्री के काम की वीडियो कान्फ्ऱेंस के द्वारा नियमित तौर पर निगरानी की जाती है और इसके साथ ही डीएलआर-कम-मैंबर सचिव, पीएलआरएस की तरफ से एससीएस (राजस्व) के साथ पठानकोट, गुरदासपुर, एसबीएस नगर, होशियारपुर और अमृतसर के जिलों का दौरा भी किया गया।
पीएलआरएस के प्रशासन और डाटा एंट्री आपरेटरों ने डाटा एंट्री के कार्य को मुकम्मल करने के लिए दिन-रात काम किया। इस अभ्यास में शामिल सभी लोगों के अथक यत्नों के निष्कर्ष के तौर पर 2.21 करोड़ खसरा की डाटा एंट्री का यह काम निर्धारित तारीख़ से पहले 27 सितम्बर, 2021 को मुकम्मल किया गया और यह काम 800 से अधिक डाटा एंट्री ऑपरेटरों की सहायता से पूरा किया गया।
विशेष मुख्य सचिव (राजस्व) श्रीमती रवनीत कौर ने बताया कि डिजिटाइज्ड रिकॉर्ड बहुत जल्द नागरिकों के लिए पब्लिक डुमेन में उपलब्ध करवा दिया जायेगा और नागरिक गलत गिरदावरी संबंधी आनलाइन शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।
-Nav Gill