उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज अपने कार्यकाल के चार वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति सचिवालय ने एक ई-बुक का विमोचन किया है, जिसमें पिछले वर्ष के दौरान उनके कार्यक्रमों का विवरण प्रस्तुत किया गया है।
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कई भाषाओं में जारी की गई ई-बुक में बताया गया है कि उपराष्ट्रपति ने दस राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में वर्चुअल और व्यक्तिगत रूप से 133 कार्यक्रमों में भाग लिया, जिनमें से 22 उद्घाटन कार्यक्रम थे। पिछले एक वर्ष के दौरान श्री नायडू ने 53 व्याख्यान दिए, 23 पुस्तकों का विमोचन किया, 21 संस्थानों का दौरा किया, 7 दीक्षांत समारोहों को संबोधित किया, 4 पुरस्कार समारोहों में भाग लिया और 3 परियोजनाओं की आधारशिलाएं रखीं।
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पूरी दुनिया में जीवन और आजीविका में बाधा डालने वाली कोविड-19 महामारी के कारण पिछला साल मुश्किलों से भरा रहा। इस स्वास्थ्य संकट के बारे में विचार करते हुए, उपराष्ट्रपति ने इस अभूतपूर्व संकट के दौरान फेसबुक पोस्ट और लेख लिखकर लोगों को आशा और लचीलेपन का संदेश दिया है। उन्होंने विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर अपने कई लेखों और पोस्टों द्वारा सभी फ्रंटलाइन कोविड योद्धाओं के योगदान की सराहना करते हुए लोगों से लगातार कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का भी अनुपालन करने का भी अनुरोध किया। श्री नायडू स्वयं सबसे पहले टीका लगवाने वालों में शामिल थे और उन्होंने लोगों से भी टीका लगवाने के बारे में अपनी झिझक दूर करने का आग्रह किया। हैदराबाद में भारत बायोटेक सुविधा की अपनी यात्रा के दौरान भी उन्होंने स्वदेशी कोविड वैक्सीन विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की थी।
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साहस और आत्मविश्वास की प्रेरणात्मक कहानियों का स्मरण करते हुए उपराष्ट्रपति ने अंडमान की सेलुलर जेल में बंद 26 गुमनाम महिला स्वतंत्रता सेनानियों और 10 स्वतंत्रता सेनानियों की कम ज्ञात कहानियों के बारे में भी फेसबुक पोस्ट की एक श्रृंखला लिखी। इस साल अप्रैल में उपराष्ट्रपति ने ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के एक हिस्से के रूप में आयोजित 25 दिवसीय स्मारक दांडी पदयात्रा के समापन समारोह को भी संबोधित किया, जिसमें देश के भीतर छिपी सामूहिक शक्ति का स्मरण किया गया था।
उपराष्ट्रपति को भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के एक प्रबल समर्थक के रूप में भी जाना जाता है। पिछले साल उन्होंने इस महत्वपूर्ण विषय को उठाने के लिए हर मंच का उपयोग किया। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर उन्होंने 22 भारतीय भाषाओं में ट्वीट किये और मातृभाषा के महत्व पर 24 स्थानीय समाचारपत्रों में लेख लिखे। उन्होंने सभी सांसदों को उनकी मातृभाषा में पत्र भेजकर इसके प्रचार और संरक्षण के लिए काम करने का भी आग्रह किया। एक नई पहल के रूप में उपराष्ट्रपति ने सभी सांसदों को उनकी मातृभाषा में परंपरागत भारतीय नववर्ष की शुभकामनाएं भेजीं। जब एआईसीटीई ने भारतीय भाषाओं में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पेशकश करने का निर्णय लिया, तो उन्होंने इस निर्णय की भी सराहना की थी। उन्होंने भारतीय भाषाओं में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर देते हुए 24 भारतीय भाषाओं में और 33 स्थानीय समाचार पत्रों में लेख लिखे।
अपनी जन्मजात शक्तियों को दोबारा जोड़ने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में कृषि के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कोविड-19 महामारी के बावजूद रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन करने के लिए भारतीय किसानों की प्रशंसा भी की। उपराष्ट्रपति ने सीआरईएसटी, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स, सीसीएमबी और आईआईटी मद्रास सहित अनेक वैज्ञानिक संस्थानों का दौरा किया और अपने आपको अनुसंधान और विकास में हुई नवीन प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव-2020 के समापन सत्र को भी संबोधित किया।
अपने राजनयिक कार्यों के हिस्से के रूप में, उपराष्ट्रपति ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) परिषद के सरकार प्रमुखों की 19वीं बैठक की अध्यक्षता की, जिसका नई दिल्ली में वर्चुअल आयोजन किया गया था। उन्होंने बहरीन के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्लातिफ बिन राशिद अल ज़ायानी और अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) के अध्यक्ष, डुआर्टे पाचेको से उपराष्ट्रपति निवास में मुलाकात की।
राज्यसभा के सभापति के रूप में उपराष्ट्रपति देश में संसदीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के साथ मिलकर कोविड-19 महामारी के दौरान संसद के कामकाज के लिए विशेष प्रबंध किए। जिसके परिणामस्वरूप राज्यसभा की उत्पादकता जो 2017-18 के दौरान 48.17 प्रतिशत थी जो 2020-21 (2021 के बजट सत्र तक) के दौरान बढ़कर 95.82 प्रतिशत हो गई। वर्ष 2020-21 के दौरान राज्यसभा में 44 विधेयक पारित किए गए, जो पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक हैं और आठ राज्यसभा समितियों ने 74 रिपोर्ट प्रस्तुत की हैं, जो पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक हैं।
राज्यसभा के आधिकारिक चैनल आरएसटीवी ने उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू के नेतृत्व में नई ऊंचाइयों को छुआ है, इसके यूट्यूब चैनल के दर्शकों की संख्या का आधार पिछले चार वर्षों में 5 लाख से बढ़कर 59 लाख से अधिक हो गया है। इसके साथ ही राज्यसभा के सभापति द्वारा गठित एक समिति के बाद एक नया चैनल संसद टीवी, आरएसटीवी और एलएसटीवी को मिलाकर आकार ले रहा है। उपराष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल के चार वर्ष पूरे होने के अवसर पर आज संसद के प्रांगण में वृक्षारोपण भी किया।
-Nav Gill