चण्डीगढ़, 02 अगस्त:
पंजाब को पराली जलाने से मुक्त राज्य बनाने के लिए पंजाब सरकार ने धान की पराली का खेतों में निपटारा करने के लिए मौजूदा साल के दौरान 250 करोड़ रुपए की सब्सिडी पर किसानों को 25000 खेती मशीनें और खेती यंत्र मुहैया करवाने के लिए व्यापक मुहिम शुरु कर दी है।
आज यहाँ यह प्रगटावा करते हुये कृषि विभाग के डायरैक्टर सुखदेव सिंह सिद्धू ने बताया कि सहकारी सभाओं और पंचायतों को बेलर और अन्य खेती मशीनें पहल के आधार पर देने के लिए इनके 430 आवेदन स्वीकृत किये जा चुके हैं। पहले पड़ाव में 246 पंचायतों और 185 प्राईमरी कृषि सहकारी सभाओं को खेती मशीनों के लिए मंजूरी दे दी गई है जिससे खेती मशनीरी बैंक स्थापित किये जाएँ जिनको कस्टम हायर सैंटरों के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि किसानों को पराली के प्रबंधन के लिए खेती मशीनों पर 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत सब्सिडी मुहैया करवाई जा रही है जिसमें से सहकारी सभाओं, पंचायतों और किसान ग्रुपों को 80 प्रतिशत जबकि किसानों को व्यक्तिगत तौर पर 50 प्रतिशत सब्सिडी मिल रही है। उन्होंने बताया कि पंचायतों, सहकारी सभाओं और फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन (एफ.पी.ओज़) को सब्सिडी पर मशीनरी लेने का एक और मौका देने के लिए सिर्फ़ उनके लिए 2-4 अगस्त, 2021 से मशीनरी पोर्टल फिर खोला जा रहा है।
राज्य सरकार किसानों को उच्च दर्जे की मशीनरी प्रदान कर रही है जिनमें सुपर एस.एम.एस., हैपी सिडर, पैडी स्टरा, शरैडर, मलचर, हाइड्रोलिक रिवरसीबर मोलर बोर्ड प्लोअ और ज़ीरो टिल्ल ड्रिल शामिल हैं।
डायरैक्टर ने बताया कि किसानों को अपेक्षित मशीनरी सप्लाई करने के लिए कृषि विभाग धान के कटाई सीजन से पहले इन खेती यंत्रों के वितरण का कार्य मुकम्मल कर लेगा।
श्री सिद्धू ने आगे बताया कि कृषि विभाग ने सूचना, जागरूकता और संचार की गतिविधियां भी शुरू कर दीं हैं जिससे किसानों को पराली जलाने के बुरे प्रभावों संबंधी अवगत करवाया जा सके। विभाग ने किसानों को पराली जलाने के विरुद्ध सचेत करने और धान की सीधी बिजाई की तकनीक को उत्साहित करने के लिए 1015 ट्रेनिंग और जागरूकता कैंप लगाऐ हैं। इस जागरूकता मुहिम का पहला उद्देश्य किसानों को ट्रेनिंग देने के साथ-साथ पराली को खेतों में ही निपटाने के लिए खेती यंत्रों का खेतों में जाकर प्रदर्शन करना है।
कृषि डायरैक्टर ने किसानों को सब्सिडी पर दी जाने वाली खेती मशीनरी को अधिक से अधिक प्रयोग में लाने की अपील की जिससे पराली जलाने के अमल का ख़ात्मा करके लोगों के तंदुरुस्त स्वस्थ को यकीनी बनाने के साथ-साथ राज्य के वातावरण की संभाल की जा सके।
जि़क्रयोग्य है कि पंजाब में धान के तहत 27 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल है।
बीते सालों में किसानों को सब्सिडी पर मिलीं 76622 खेती मशीनें
साल 2018 -19, 2019 -20 और 2020 -21 के दौरान पराली का खेतों में और बाहर निपटारा करने के लिए किसानों को बेलर समेत 76622 खेती मशीनें 50 से 80 प्रतिशत सब्सिडी पर मुहैया करवाई गई। इन 76622 मशीनों में से 49196 मशीनें पंचायतों /सहकारी सभाओं के 19834 कस्टम हायरिंग सैंटरों और किसानों द्वारा स्थापित ग्रुपों /सोसाइटियों को जबकि बाकी 27426 खेती मशीनें किसानों को व्यक्तिगत तौर पर मुहैया करवाई जा चुकी हैं।
-Nav Gill