चण्डीगढ़, 21 जुलाई:
पंजाब अनुसूचित जाति भू-विकास और वित्त निगम द्वारा चलाई जा रही प्रत्यक्ष ऋण स्कीम के अंतर्गत ऋण लेने के लिए आय की ऋण सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 3 लाख की गई है। इससे अधिक से अधिक नौजवान स्व-रोजग़ार के लिए वित्तीय सहायता हासिल करने के हकदार होंगे।
पंजाब के सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मंत्री स. साधु सिंह धर्मसोत ने बताया कि राज्य सरकार ने लोगों की सुविधा को मुख्य रखते हुए ऋण मामलों के जल्द निपटारे के लिए 1 लाख रुपए तक के ऋण मंज़ूर करने का अधिकार जि़ला स्तर पर निगम के जि़ला मैनेजरों को दिए हैं। इसी तरह जि़ला स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी में संशोधन करके सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक अधिकारी की अध्यक्षता में नयी समिति गठित की गई है जिससे ज़रूरतमंदों को ऋण जल्द मुहैया करवाया जा सके।
स. धर्मसोत ने बताया कि एस.सी. निगम का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जातियों और अपंग व्यक्तियों को कम ब्याज दर पर स्व-रोजग़ार के धंधे जैसे कि डेयरी फार्म, किराना दुकान, कपड़े की दुकान, शटरिंग का काम, लकड़ी का काम, उच्च विद्या ऋण के लिए कम ब्याज दर पर ऋण मुहैया करवाना है, जिससे इनके आर्थिक स्तर को ऊपर उठाया जा सके और इनको गरीबी रेखा से बाहर निकाला जा सके।
सामाजिक न्याय मंत्री ने बताया कि एस.सी. कार्पोरेशन ने साल 2020-2021 दौरान कोविड के कठिन समय के दौरान भी 2116 लाभार्थीयों को 2293.73 लाख की वित्तीय सहायता दी है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2021-2022 दौरान एस.सी. कार्पोरेशन द्वारा 1400 कजऱ्दारों को 40 करोड़ का ऋण बाँटने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, इसके अंतर्गत अब तक 562 लाभार्थीयों को 624.81 लाख के ऋण-सब्सिडी बाँटे जा चुके हैं।
स. धर्मसोत ने आगे बताया कि मौजूदा पंजाब सरकार ने अपने लगभग चार सालों के कार्यकाल के दौरान 8590 योग्य और जरूरतमंद एस.सी. नौजवानों को 8066.23 लाख के ऋण मुहैया करवाए हैं। इसके साथ-साथ पंजाब सरकार ने 14260 कर्जदारों के 4540.80 लाख रुपए के ऋण माफ करके कजऱ्दारों को बड़ी राहत दी है।
-Nav Gill