-‘डायलॉग हाईवेज’ द्वारा वातावरण संरक्षण संबंधी करवाया तीसरा राष्ट्रीय संवाद
-कैबिनेट मंत्री द्वारा हर वर्ष संस्था को ऐच्छिक फंड में से पाँच लाख रुपए देने का ऐलान
-वातावरण को बचाने के लिए सभी एकजुट होकर कार्य करें: दविंद्र शर्मा
चंडीगढ़ :‘‘वातावारण परिवर्तन आने वाली पीढिय़ों पर बहुत बुरा प्रभाव डालेगी, इसके बुरे प्रभावों से बचने के लिए हमें आज के समय में ही वातावरण प्रणाली को दूषित होने से बचाना पड़ेगा जिसके लिए हमें लहर खड़ी करनी होगी। यह आज के समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है।’’ यह बात स्थानीयनिकाय और संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू ने आज यहाँ चंडीगढ़ में ‘डायलॉग हाईवेज’ द्वारा वातावरण संरक्षण संबंधी करवाए ‘तीसरे राष्ट्रीय संवाद’ के दौरान कही।
वातावरण को संकट से बचाने संबधी जागरूकता फैलाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए स. सिद्धू ने कहा कि दुनिया के हरेक कोने में यह जागरूकता फैलाने की ज़रूरत है और इसको लोगों की सक्रिय हिस्सेदारी वाली सामुहिक लहर को ज़रूरी बनाना चाहिए। कैबिनेट मंत्री ने खुलासा किया कि वातावरण मसलों संबंधी जागरूकता पैदा करके पंजाब बदल सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि लोग अधिक से अधिक पौधे लगाकर और वातावरणीय संतुलन को बरकरार रखने को यकीनी बनाकर अपने स्तर पर भी कोशिशें करें। उन्होंने यह भी कहा कि इस संसार में अगला युद्ध पानी और वातावरण से संबंधी अन्य पहलुओं पर होगा।
स.सिद्धू ने कहा कि हमारे धार्मिक गं्रथों में भी पवन-पानी, धरती को पवित्र दर्जा देते हुए हमारे गुरूओं, पीर -पैगंबरों ने इनकी अहमीयत संबंधी बात की है। सेहतमंद और मज़बूत समाज सृजन करने के लिए वातावरण के मसलों संबंधी लोगों की संवेदनशीलता को लहर में तबदील करने की वकालत करते हुए स. सिद्धू ने अपने द्वारा हर संभव मदद देने का यकीन दिलाया और अपने मंत्री के कार्यकाल के दौरान हर वर्ष पाँच लाख रुपए वातावरण को बढिय़ा बनाने हेतु देने का ऐलान किया।
इससे पहले ‘डायलॉग हाईवेज’ के मुख्य ट्रस्टी श्री दविंद्र शर्मा ने अपने भाषण में प्रदूषित हो रहे वातावरण संबंधी गंभीर चिंता प्रकट की और कहा कि स्थिति बहुत गंभीर है और विनाश की कगार पर है, पानी का स्तर नीचे जा रहा है, चौगिरदा खतरे में है, जो खाद्य श्रृंख्ला के चक्कर टूटने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने वातावरण बचाने वाले सभी भागीदारों को एकजुट होकर काम करने की बात दोहराई जिससे मानवीय जीवन के अस्तित्व बरकरार रह सके।
इस मौके पर केरला यूनिवर्सिटी की डायरैक्टर (अनुसंधान) पी.इंद्रा देवी, दिनेस मरोथिया समेत विभिन्न राज्यों से वातावरण माहिर भी उपस्थित हुए।