मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों के समूह को कोविड के नए रूप के संदर्भ में वैक्सीन के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए कहा

चंडीगढ़, 15 जून:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज डॉ. गगनदीप कंग के नेतृत्व वाले विशेषज्ञों के समूह को कोरोनावायरस के नए रूप के संदर्भ में वैक्सीन के प्रभाव का अध्ययन शुरू करने के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वायरस के हर महीने बदलते स्वरूप में यह देखा गया है कि चाहे मार्च में 95 प्रतिशत समस्या यू.के. वायरस के वेरिएंट के कारण थी और अप्रैल, 2021 में डेल्टा वायरस बढऩा शुरू हुआ और मई तक यह हावी होकर लगभग 90 प्रतिशत तक पहुँच गया। कोविड की मीटिंग का जायज़ा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यह चिंता का विषय है कि ब्राजील वायरस का रूप अप्रैल में एक प्रतिशत से बढऩा शुरू हुआ जो अब 8 प्रतिशत तक पहुँच गया है।

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उन्होंने कुछ अन्य सैंपलों का अध्ययन करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया, जिससे स्पष्ट तस्वीर सामने लाने के साथ-साथ ठोस कार्य योजना बनाई जा सके। राज्य के सलाहकार डॉ. के.के तलवाड़ ने कहा कि दूसरी लहर के दौरान वैंटीलेटर पर रहे मरीज़ों के ऑडिट का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञों के समूह का गठन किया जा रहा है, जिससे भविष्य के लिए इस सम्बन्ध में जानकारी एकत्रित की जा सके।
मुख्य सचिव विनी महाजन ने खुलासा किया कि डॉ. तलवाड़ पटियाला के राजिन्दरा अस्पताल में वायरस के सैंपलिंग के प्रबंधन की कोशिश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने ब्लैक फंगस के सभी केस जाँचने के आदेश दिए, जिसके राज्य में इस समय पर 441 केस हैं। मीटिंग के दौरान बताया गया कि इनमें से 51 का इलाज किया जा चुका है और 308 केस इलाज अधीन हैं। स्वास्थ्य सचिव हुसन लाल ने बताया कि कुल 441 मामलों में से 388 केस पंजाब से हैं, जबकि बाकी केस अन्य राज्यों से हैं। उन्होंने कहा कि बीमारी के इलाज के लिए दवाओं की उचित सप्लाई उपलब्ध है।

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मूलभूत लक्षणों की पहचान के द्वारा कोविड की संभावित तीसरी लहर के विरुद्ध समय पर बनते कदम उठाने का न्योता देते हुए मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य और मैडीकल शिक्षा विभागों को एक दिन में लगभग 50,000 टेस्टिंग जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हरेक पॉजि़टिव मरीज़ के कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग के लिए 15 व्यक्तियों की प्रक्रिया जारी रखने के लिए कहा, जबकि घरेलू एकांतवास के मामलों में निगरानी और प्रबंधन को मज़बूत करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग किटें, दवाएँ, फ़तेह किटें आदि की उचित आपूर्ति को यकीनी बनाने के लिए बनते कदम उठाने के आदेश देते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों और छोटे कस्बों में विशेष तौर पर उचित स्वास्थ्य सेवाएं बरकरार रखी जाएँ। उन्होंने कहा, ‘‘हमें हरेक हैल्थ एंड वैलनैस सैंटर में फ़तेह किटों और अन्य सुविधाएं मुहैया करवानी चाहीए हैं, जिससे इसकी समय पर उपलब्धता को यकीनी बनाया जा सके।’’
मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘कोरोना मुक्त ग्रामीण अभियान’ के अंतर्गत 1.6 करोड़ व्यक्तियों (38 लाख घरों) की लगभग स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिसमें से 6982 व्यक्ति पॉजि़टिव पाए गए, जिनको प्रोटोकॉल के मुताबिक सहायता मुहैया करवाई गई। उन्होंने कहा कि इस मुहिम को पूरी तरह जारी रखना चाहिए। हालाँकि, उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को यह यकीनी बनाने के लिए कहा कि ठीकरी पहरे और अन्य कदमों की पालना कायम रखी जाए, जिससे इन इलाकों में पॉजि़टिविटी को काबू में रखा जा सके। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि माईक्रो-कंटेनमैंट को बिना हटाए जारी रखना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने विभागों को भर्ती प्रक्रिया में तेज़ी लाने के आदेश दिए, जिससे सार्वजनिक और निजी सैक्टरों (ख़ास तौर पर जिन जिलों में मृत्यु दर अधिक है) के सभी एल-2 और एल-3 संस्थाओं में स्वास्थ्य देखभाल प्रोग्रामों को मज़बूत करने और सामथ्र्य बढ़ाकर पर्याप्त जनशक्ति को सुनिश्चित बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य को दूसरी लहर में 25 प्रतिशत से अधिक बिस्तरों के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को दूसरी और तीसरी लहर के दरमियान अंतर का प्रयोग करके स्पैशलिस्टों को जान बचाने वाले ऐनसथीजिया के स्किल्ज़ जैसे कमी वाले क्षेत्रों सम्बन्धी शिक्षित किया जा सके।
उन्होंने महामारी से निपटने के लिए लगातार सुधारों के लिए भारतीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ की गई गहरी विचार-चर्चा के लिए डॉ. के.के. तलवाड़ और उनकी टीम की सराहना की।

-NAV GILL

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