गांवों के छप्पड़ों में से गंदा पानी, कीचड़ निकालने और नवीनीकरण के लिए व्यापक मुहिम शुरू – तृप्त बाजवा

चंडीगढ़, 9 मई:

राज्य के गाँवों में आगामी बरसात के मौसम को ध्यान में रखते हुये गाँवों में पानी के निकास की समस्या से निपटने के लिए राज्य भर में छप्पड़ों की सफाई की व्यापक मुहिम शुरू की जा रही है। आज यहाँ से जारी बयान में जानकारी देते हुये राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायतें मंत्री श्री तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा ने बताया कि पिछले साल की तरह इस साल भी गाँवों में छप्पड़ों का गंदा पानी निकालने, कीचड़ निकालने और नवीनीकरण का काम पहल के आधार पर किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पिछले साल राज्य के 14919 छप्पड़ों में से 12244 छप्पड़ों में गंदा पानी निकालने का काम कराया गया था और 7345 छप्पड़ों में गाड़ निकाली गई थी। इसी तर्ज पर इस साल भी मई और जून महीने में छप्पड़ों की सफाई की मुहिम राज्य भर में शुरू की जा रही है।

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पंचायत मंत्री बाजवा ने बताया कि यह प्रोजैक्ट मगनरेगा के अंतर्गत मुकम्मल किये जाएंगे तो कोरोना महामारी के चलते लागू पाबंदियों के दौरान गाँवों के लोगों को रोजगार के मौके मुहैया करवाए जा सकें। उन्होंने बताया कि पिछले साल छप्पड़ों की सफाई के दौरान 21,22,032 मानवीय दिहाडिय़ां पैदा की गई थी। जिससे गाँवों के गरीब लोगों को रोजगार मुहैया करवा के उनकी अधिक से अधिक सहायता की जा सके। कोविड पाबंदियों के चलते मगनरेगा के अंतर्गत रोजगार के लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के लिए राज्य भर के अधिकारियों को मगनरेगा कामगारों की रजिस्ट्रेशन मुहिम चलाने के लिए भी हिदायत की गई है।

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पंचायत मंत्री बाजवा ने राज्य के अधिकारियों को उक्त प्रोजेक्टों के बारे समर्पण की भावना से काम करने की अपील की है जिससे गाँवों में रह रहे लोगों की समस्याओं का निवारण किया जा सके। इस प्रोजैक्ट को तुरंत लागू करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव कम विभाग की वित्तीय कमिशनर श्रीमती सीमा जैन की तरफ से जिला और ब्लाक स्तर के अधिकारियों को वीडियो कान्फ्रेंस के द्वारा हिदायतें जारी कर दी गई हैं। श्रीमती सीमा जैन ने बताया कि इन कामों पर पंचायतों को अपने वित्तीय स्रोतों से प्राप्त हुई आमदन में से खर्च करने की मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने साथ ही बताया कि गाँवों में आवारा पशुओं से होने वाले हादसों से निजात दिलाने के लिए उनको रेडियम रिफलेक्टर वाले स्टरैप डालने की मुहिम भी शुरू की जा रही है। इसी तरह आवारा कुत्तों की समस्या को हल करने के लिए उनकी नसबंदी का काम भी मुहिम के तौर पर शुरू किया जा रहा है।

-NAV GILL

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