चंडीगढ़, 3 मईः
सरकारी स्कूलों के शिक्षा मानक में और सुधार लाने और स्कूलों में बढ़िया बुनियादी ढांचा मुहैया करवाने के लिए शिक्षा मंत्री श्री विजय इंदर सिंगला द्वारा की गई कोशिशों के परिणामस्वरूप अब तक तकरीबन 13000 स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदल दिया गया है। परिणामस्वरूप सरकारी स्कूलों में पिछले सालों से दाखि़लों में विस्तार हो रहा है। चालू शैक्षणिक सत्र 2021-22 दौरान यह विस्तार अब तक पिछले साल के मुकाबले 15 प्रतिशत से भी और ज्यादा हो गया है।
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इसकी जानकारी देते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 12,976 स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदल दिया गया है। श्री सिंगला ने यह प्रोजैक्ट लागू करने के लिए सितम्बर 2019 में स्मार्ट स्कूल नीति लागू की थी जिसका मुख्य उद्देश्य स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार करना और शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाना था। इस मुहिम अधीन दो सालों से भी कम समय में तकरीबन 13 हज़ार स्कूलों के 41336 क्लास रूमों को स्मार्ट क्लास रूम बनाया जा चुका है।
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प्रवक्ता के अनुसार स्मार्ट स्कूलों को अमल में लाने के लिए गाँवों की पंचायतों, विभिन्न नेताओं, भाईचारों, दानी सज्जनों, स्कूल प्रबंधन समितियों, प्रवासी भारतीयों और स्कूलों के स्टाफ द्वारा बहुमूल्य योगदान दिया गया है। स्कूलों के कमरों, खेल मैदानों, शिक्षा पार्कों, साईंस लेबोरेटरियों और पखानों की स्थिति में सुधार लाया गया है। ये स्मार्ट स्कूल आम स्कूलों की अपेक्षा पूरी तरह अलग हैं। स्मार्ट स्कूल प्रौद्यौगिकी आधारित सीखने वाली संस्थाएं हैं जोकि विद्यार्थियों के समूचे विकास के अलावा समाज आधारित सूचना और ज्ञान के लिए बच्चों को तैयार करती हैं। प्रत्येक स्मार्ट स्कूल के विद्यार्थी-अध्यापक अनुपात के अनुसार हर सैक्शन के लिए अलग क्लास रूम है। यह काफ़ी खुले, हवादार और हरे/सफ़ेद बोर्डों वाले हैं।
NAV GILL