पटियाला, 26 जनवरी:
विरासती शहर पटियाला के सर्वपक्षीय विकास को यकीनी बनाने और शहर को सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को पटियालवियों को देश के 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर अहम तोहफ़ा देते हुए 213.37 करोड़ रुपए के विकास प्रोजैक्टों का डिज़ीटली आग़ाज़ किया।
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इन प्रोजैक्टों में पटियाला शहरी योजना और विकास प्राधिकरण द्वारा 208.33 करोड़ रुपए की लागत के साथ विकसित की जाने वाली वाली शहर की दो अहम नदियाँ (बड़ी नदी और छोटी नदी) को पुनर्जीवित करने और पटियाला की सुंदरता को निखारने वाले केंद्र बिंदु विरासती राजिन्द्रा झील की 5 करोड़ रुपए की लागत के साथ पुनर्जीवित करने के बाद में इसको शहर निवासियों को समर्पित किया जाना शामिल है।
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मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के मुताबिक इन दोनों नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए 22 अक्तूबर, 2020 को शुरू हुआ प्रोजैक्ट अगले 24 महीनों में मुकम्मल कर लिया जायेगा। इसका काम पी.एस.एस.सी.-जी.ई.सी.पी.एल. (जे.वी) को 165 करोड़ रुपए के साथ अलॉट किया गया है और यह प्रोजैक्ट पटियाला शहरी योजना और विकास प्राधिकरण द्वारा जल संसाधन एवं पंजाब जल आपूत्र्ति और सिवरेज बोर्ड की सहायता के साथ विकसित किया जायेगा।
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शहर के अंदर 8.65 किलोमीटर लंबे पड़ाव में बहती बड़ी नदी के सौंद्रीयकरण के काम को फोकल प्वाइंट के नज़दीक दौलतपुरा पुल के पास से शुरू किया जायेगा। गंदे पानी की सफ़ाई के लिए इस पर 15 एम.एल.डी. का एस.टी.पी. और 2.5 एम.एल.डी. का सी.ई.टी.पी. लगाया जायेगा। जबकि छोटी नदी का काम पटियाला रेलवे स्टेशन तफज्जलपुरा से शुरू करके डियर पार्क तक, इसके 4.50 किलोमीटर लंबे पड़ाव के सौंद्रीयकरण का काम शुरू किया जा चुका है।
इस पर गाँव घलोड़ी में 26 एम.एल.डी का एस.टी.पी. लगाया जायेगा। दोनों नदियों की कंक्रीट लाइनिंग, पैदल सैर करने के लिए और साईकलिंग के लिए ट्रैक बनाने के अलावा सौंद्रीयकरण और नवीनीकरण के साथ जहाँ यह नदियाँ वातावरण की शुद्धता के लिए मददगार होंगी, वहीं मौजूदा समय में इनकी गन्दगी के कारण पैदा होने वाली बीमारियों से भी छुटकारा मिलेगा और भूजल को रिचार्ज भी किया जा सकेगा।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने पटियाला से लोक सभा मैंबर श्रीमती परनीत कौर की मौजूदगी में पटियाला निवासियों को एक नया तोहफ़ा देते हुए और शहर निवासियों के साथ अपना किया वायदा पूरा करते हुए शहर की विरासती राजिन्द्रा झील, जिसको 1885 में महाराजा भुपिन्दर सिंह ने अपने पिता महाराजा राजिन्दर सिंह की याद में बनवाया था, के सौंद्रीयकरण का काम मुकम्मल होने के बाद में इसको पटियाला के लोगों को समर्पित किया। मुख्यमंत्री ने इस प्रोजैक्ट में निजी रूचि लेते हुए आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग के द्वारा 5.04 करोड़ रुपए ओ.यू.वी.जी.एल. के अंतर्गत इस बेहद प्रसिद्ध प्रोजैक्ट के लिए जारी करवाए, जिसको लोक निर्माण विभाग, इलैक्ट्रिकल और जल निकास विभाग द्वारा पूरा किया गया है।
इसी दौरान पटियाला के डिप्टी कमिश्नर श्री कुमार अमित ने मुख्यमंत्री को राजिन्द्रा झील के सौंद्रीयकरण समेत कई अन्य विकास प्रमुख प्रोजैक्टों संबंधी अवगत करवाया। उन्होंने आगे बताया कि इस झील में भाखड़ा मेन लाईन से साफ़ पानी की सप्लाई यकीनी बनाने के लिए 23 नंबर फाटक के नज़दीक रैगूलेशन गेट उस हँसली पर स्थापित किया गया है, जिसके द्वारा पहले गुरुद्वारा दूख निवारण साहिब और गुरुद्वारा श्री मोती बाग़ साहिब के पवित्र सरोवरों के लिए पानी की सप्लाई की जाती है।
इससे पहले अपने संबोधन में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपनी सरकार की उन उपलब्धियों का जि़क्र किया जिनके द्वारा पंजाब को तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लुधियाना में भगवान परशुराम जी, बठिंडा में महाराजा अग्रसेन जी, अमृतसर में ग़दर आंदोलन के संस्थापक बाबा सोहन सिंह भकना की प्रतिमा और बाबा महाराज सिंह की प्रतिमा उनके जद्दी गाँव में स्थापित करने का फ़ैसला किया गया है।
घर-घर रोजग़ार और कारोबार मिशन के अंतर्गत मार्च 2017 से अब तक 17 लाख नौजवानों को रोजग़ार के योग्य बनाया गया और अब राज्य सरकार द्वारा मौजूदा वर्ष में 10 लाख से अधिक नौजवानों को नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से एक लाख सरकारी नौकरियाँ और तीन लाख प्राईवेट नौकरियाँ देनी हैं, जबकि विभिन्न स्व-रोजग़ार उद्यमों के अंतर्गत पाँच लाख नौजवानों को सहायता मुहैया करवाई जायेगी।
समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए शुरू की गई स्कीमों का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा एस.सी. स्कॉलरशिप स्कीम बंद कर देने से एस.सी. विद्यार्थियों का भविष्य अंधेरे में चला गया था। राज्य सरकार द्वारा अपने स्तर पर एस.सी. स्कॉलरशिप स्कीम शुरू करने के फ़ैसले के बाद केंद्र सरकार को अपना फ़ैसला बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में औरतों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण किया गया। इसके अलावा राज्य सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत राज्य भर में 1.41 करोड़ लोगों को सब्सिडी पर राशन मुहैया करवा रही है और अब राज्य सरकार के फंडों में से 9 लाख के करीब और लोगों को राशन दिया जा रहा है। बसेरा स्कीम के अंतर्गत राज्य में एक लाख झुग्गी झोंपड़ी वालों को जायदाद के मालिकाना हक दिए जा रहे हैं।
4200 के करीब ख़ुशहाली के रक्षक (जी.ओ.जी.) राज्य में विकास कार्यों पर सख़्त निगरानी रख रहे हैं, जिसके साथ पारदर्शिता और जवाबदेही में वृद्धि हुई है, जिससे विकास स्कीमों का योग्य लाभार्थियों को सीधा फ़ायदा पहुँचना यकीनी बनाया जा सके।
स्कूल शिक्षा संबंधी बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लगातार दूसरे साल हमारे सरकारी स्कूलों के दसवीं और बारहवीं के बोर्ड के नतीजे प्राईवेट स्कूलों की अपेक्षा बेहतर आए, जोकि सराहनीय बात है। उन्होंने कहा कि मोहाली में दो विश्व स्तरीय उच्च शिक्षा संस्थाएं पलाक्शा यूनिवर्सिटी और अमिटी यूनिवर्सिटी स्थापित की जा रही हैं। इसके अलावा राज्य के 12,921 सरकारी स्कूलों में नर्सरी कक्षाओं की शुरुआत की और इन कक्षाओं में 2.50 लाख विद्यार्थी दाखि़ल भी हो गए। 7842 से अधिक स्मार्ट स्कूल खोले गए। 6000 सरकारी स्कूलों में अंग्रेज़ी मीडियम की शुरुआत की, जिनमें 1.46 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने अंग्रेज़ी को पढ़ाई के माध्यम के तौर पर चुना।
वातावरण संरक्षण के लिए की गई पहलकदमियों का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर 77 लाख पौधे लगाए गए। हरेक गाँव /म्युनसीपल कमेटी में 550 पौधे लगाए गए। इसी तरह अब नौवीं पातशाही श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर 60 लाख पौधे लगाए जा रहे हैं, जिनमें से हरेक गाँव/म्युसीपल कमेटी में 400 पौधे लगाए जाएंगे। अप्रैल 2017 से वन अधीन क्षेत्रफल में 11,363 हेक्टेयर की वृद्धि हुई है और इसको और प्रभावशाली बनाने के लिए मिशन तंदुरुस्त पंजाब को नये सिरे से बनाया गया है।
-Nav Gill