डेंगू और पानी से होने वाली बीमारियों के लिए बनाई च्स्टेट टास्क फोर्सज् की स्वास्थ्य मंत्री द्वारा की गई अगुवाई
जनता और मीडिया इस तथ्य से बेख़बर हैं कि मरीज़ों के अस्पताल में दाखि़ल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग का काम शुरू होता है: स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाईं जा रही ३३ लैबों में लगभग २२००० मरीज़ों का किया गया मुफ़्त टैस्ट
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा १५.५ लाख घरों का दौरा और लगभग ३७००० घरों में लारवा मिलने पर स्थानीय निकाय विभाग को दी सूचना
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने राज्य में डेंगू के बढ़ रहे मामलों और इसको काबू करने के लिए जि़म्मेदार विभागों की तरफ से सुचारू कारगुज़ारी न करने के लिए फटकार लगाई कि स्वास्थ्य विभाग के सचेत करने के बावजूद भी सम्बन्धित विभागों द्वारा समय पर मच्छरों को काबू करने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई जिस कारण हर साल राज्य में डेंगू के मामलों में विस्तार हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने स्थानीय निकाय और ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से स्वास्थ्य विभाग की हिदायतों का पालन न करने के लिए आलोचना भी की।
स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से सीधे तौर पर कहा गया कि डेंगू के मामलों को काबू करने के लिए निर्धारित की गई जि़म्मेदारी को ज़्यादातर विभागों की तरफ से नहीं निभाया जा रहा है। उन्होंने स्टेट टास्क फोर्स की मीटिंग में हिस्सेदार विभागों के अफसरों द्वारा किये गए प्रबंधों का जायज़ा भी लिया।
श्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने कहा कि हर साल मीडिया और आम लोगों द्वारा डेंगू के मामले सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग को निशाना बनाया जाता है जबकि ना ही मीडिया और ना ही लोग इस तथ्य से अवगत हैं कि स्वास्थ्य विभाग की जि़म्मेदारी डेंगू से पीडि़त मरीज़ के अस्पताल दाखि़ल होने से शुरू होती है जिसमें मरीज़ को स्वास्थ्य सेवाएं और इलाज मुहैया करवाया जाता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को पता होना चाहिए कि डेंगू के मामलों और पीने वाले पानी से होने वाली बीमारियों के मामलों को रोकने और काबू करने के लिए स्थानीय निकायों और ग्रामीण विकास विभाग की अहम भूमिका होती है।
श्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने कहा कि यह तथ्य आगे रख कर स्वास्थ्य विभाग अपनी जिम्मेवारियों से पीछे नहीं हट रहा है और वह अपने प्रशासनिक फर्जों को पूरी तरह से निभा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग राज्य में किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ३३ लैबोरेट्रियों में २२००० सैंपलों का मुफ़्त डेंगू टैस्ट किया गया है और सरकारी अस्पतालों में डेंगू के मरीज़ों को मुफ़्त इलाज भी मुहैया करवाया जा रहा है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ की तरफ से मच्छरों की ब्रीडिंग का पता लगाने के लिए १५.५ लाख घरों का दौरा किया गया और जिसमें से ३७००० प्रभावित घर जिनमें मच्छरों की ब्रीडिंग पाई गई, की जानकारी स्थानीय निकाय विभाग को सप्रे और फोगिंग करने के लिए दी गई जिससे यह विभाग समय अनुसार अन्य अपेक्षित कार्यवाही भी कर सके।
उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में फोगिंग करने की पूरी जि़म्मेदारी स्थानीय निकाय विभाग की है और इसी तरह ग्रामीण इलाकों में फोगिंग करने की जि़म्मेदारी ग्रामीण विकास विभाग की है। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उनकी तरफ से हर साल संबंधित विभागों को अर्ध -सरकारी पत्र भेजने के बावजूद भी सम्बन्धित विभागों की तरफ से कोई भी रिपोर्ट उनके साथ साझा नहीं की गई। इस सम्बन्ध में उनकी तरफ से स्थानीय निकाय और ग्रामीण विकास विभाग का नाम विशेष तौर पर लिया गया।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डेंगू और पानी से होने वाली बीमारियों को रोकने और काबू करने के लिए स्टेट स्तर की टास्क फोर्स गठित की गई जिसके अधीन स्थानीय निकाय, ग्रामीण विकास एवं पंचायतों, वाटर स्पलाई और सेनिटेशन, ट्रांसपोर्ट, पशु पालन, मैडीकल शिक्षा और खोज, शिक्षा, श्रम और इंडियन मैडीकल एजुकेशन की जि़म्मेदारी है कि वह डेंगू और पानी से होने वाली बीमारियों की सुचारू ढंग से जांच करें जिससे समय पर ही होने वाले नुक्सान को रोका जा सके।
दूसरों के अलावा इस मीटिंग में श्री अमरदीप सिंह चीमा चेयरमैन पंजाब हैल्थ सिस्टम कार्पोरेशन, श्री सतीश चंद्रा अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, श्री अमित कुमार मिशन डायरैक्टर एन.एच.एम, श्री मनवेश सिंह सिद्धू विशेष सचिव स्कूल शिक्षा, श्री करनेश शर्मा, डायरैक्टर स्थानीय निकाय, श्री जसकरन सिंह डायरैक्टर ग्रामीण विकास, डा. अवनीश कुमार डायरैक्टर मैडीकल शिक्षा, डा. जसपाल कौर डायरैक्टर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, डा. जगपाल सिंह बस्सी डायरैक्टर ई.एस.आई. और डा. जतिन्दर कांसल विशेष तौर पर उपस्थित थे।