हिमाचल का यह राधा-कृष्ण मंदिर नहीं देखा तो कुछ भी नहीं देखा….

देव भूमि हिमाचल प्रदेश भारत के लोगों की आस्था का केन्द्र है। हिमाचल में सुशोभित पावन प्रसिद्ध शक्तिपीठों और प्राचीन मंदिरों के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। आज हम आपको हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित भगवान श्री कृष्ण से संबंधित मंदिर के बारे में जानकारी देंगे।

कांगड़ा शहर भारत के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। कांगड़ा शहर में स्थित मां ब्रजेश्वरी मंदिर और इससे कुछ दूरी पर ही स्थित मां चामुंडा के मंदिर के बारे में तो पूरा विश्व जानता है। लेकिन कांगड़ा में कुछ ऐसे मंदिर भी हैं जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता है। एक ऐसा ही मंदिर बाबा बड़ोह के नाम से विख्यात है।

इसे भी देखें…ऐसा मंदिर जिसकी सीढ़ियों पर पैर रखते ही निकलते हैं संगीत के स्वर

बाबा बड़ोह मंदिर

कांगड़ा से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बडोह नामक स्थान पर श्री कृष्ण और राधा को समर्पित भव्य मंदिर पर्यटकों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है। इस स्थान पर बने दो मंजिला प्रमुख मंदिर में श्री कृष्ण और राधा के साथ ही मां दुर्गा की अष्ट धातु की मूर्ति के दर्शन होते हैं। मंदिर के निचले भाग में श्री कृष्ण और राधा की अदभुत मूर्ति स्थापित है और ऊपरी भाग में मां दुर्गा विराजमान है। इसे महिषासुर मदिनी के नाम से जाना जाता है।

मंदिर का वास्तु शिल्प

सफेद संगमरमर से बना यह मंदिर दूर से ही दिखाई देता है। एक ऊंचे स्थान पर बना यह भव्य मंदिर वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। सफेद संगमरमर को तराश कर की गई नक्काशी हर श्रद्धालु को अपनी ओर खींचती है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर लाल पत्थर को तराश कर बनाई गई भगवान विष्णु के दस अवतारों की मूर्तियां भी विशेष दर्शनीय हैं। मंदिर की सीढ़ियों से पहले बने द्वार पर भगवान गणेश जी के दर्शन होते हैं।

मंदिर का निर्माण

मंदिर के निर्माण के बारे में जानकारी देते हुए मंदिर के पुजारी राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि राधा-कृष्ण मंदिर का निर्माण बलीराम शर्मा ने अपनी कोई मनोकामना पूरी होने पर करवाया था। इस मंदिर का निर्माण कार्य 1982 में शुरू हुआ था और 1992 में यह मंदिर बनकर तैयार हुआ। मंदिर के निर्माण में तकरीबन 9 साल 6 महीने का समय लगा था।

इसे भी देखें…ऐसा गणेश मंदिर जिसके आसपास के क्षेत्र में नहीं टिकती कोई ‘बुरी शक्ति’

अन्य मंदिर भी हैं दर्शनीय

भगवान श्री कृष्ण राधा मंदिर और मां दुर्गा मंदिर के अलावा मंदिर के प्रांगण में भगवान शिव का मंदिर भी विशेष दर्शनीय है। इस मंदिर में भगवान शिव की अष्ट धातु की मूर्ति के साथ ही पावन शिवलिंग स्थापित है साथ ही नंदी जी भी विराजमान हैं। इस स्थान पर साईं बाबा का मंदिर भी बना हुआ है। इसमें स्थापित साई बाबा की मूर्ति साईं बाबा के साक्षात बैठे होने का आभास करवाती है। मंदिर के प्रांगण में बजरंग बली जी अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हुए दिखाई देते हैं। इस मंदिर से प्राकृति के मनोरम दृश्यों को भी निहारा जा सकता है।

मंदिर के त्योहार

मंदिर में प्रमुख रूप से जन्माष्टमी का त्योहार श्रद्धा और धूमधाम साथ मनाया जाता है। इसे अलावा भी इस मंदिर में जुलाई महीने में कई मेलों का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा मंगलवार , शनिवार और रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

मंदिर तक कैसे पहुंचें

हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध शहर कांगड़ा तक पंजाब के रोपड़ नंगल से होते हुए बस या टैक्सी के द्वारा पहुंच सकते हैं। इसके अलावा पठानकोट से भी सीधा सड़क मार्ग कांगड़ा तक जाता है। पठानकोट से एक छोटी रेल गाड़ी कांगड़ा से होते हुए जोगिन्द्र नगर तक जाती है। कांगड़ा से पालमपुर को जाने वाले मार्ग पर एक कस्बा है नगरोटा बगवां इस कस्बे से पहले ही बडोह मंदिर को रास्ता जाता है जिसे बडोह रोड़ कहा जाता है। इसी रास्ते से होते हुए बडोह मंदिर तक पहुंचते हैं। मंदिर तक जाने के लिए कांगड़ा या बडोह रोड से टैक्सी भी बुक की जा सकती है और प्राईवेट हिमाचल राज्य परिवहन की बसें भी बाबा बडोह मंदिर तक जाती हैं।

इसे भी देखें…अदभुत् और अविश्वसनीय…. इस ‘दुर्गा मंदिर’ में नहीं होती मां दुर्गा की पूजा

धर्मेन्द्र संधू

LEAVE A REPLY