हिन्दू धर्म में कई प्रकार के देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। देवी-देवताओं की पूजा की यह परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। पूजा में कई प्रकार की सामग्री का उपयोग किया जाता है। हिन्दू धर्म व शास्त्रों के अनुसार पूजा के समय इस्तेमाल होने वाली सामग्री में प्रयुक्त होने वाली प्रत्येक वस्तु का विशेष महत्व है। पूजा की सामग्री में नारियल का भी खास महत्व रहता है। नारियल का जितना महत्व पूजा में है उतना ही मानव शरीर के लिए भी है। नारियल को प्रसाद रूप में भी बांटा जाता है। किसी शुभ कार्य की शुरूआत से पहले नारियल फोड़ने की प्रथा भी प्रचलित है।
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नारियल में माना जाता है देवताओं का वास
नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। मान्यता के अनुसार जब भगवान विष्णु ने धरती पर अवतार लिया तो नारियल, लक्ष्मी और कामधेनु साथ लेकर आए थे। माना जाता है कि नारियल में ब्रह्मा, विष्णु व महेश का वास होता है। नारियल भगवान शिव का प्रिय फल है। इसके ऊपर बनी तीन आंखों की तुलना भगवान शिव के तीन नेत्रों से की जाती है।
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क्यों चढ़ाया जाता है देवी मां को नारियल ?
नारियल की संरचना मानव के सिर की तरह मानी जाती है। नारियल की बाहरी जटा की तुलना सिर के बालों, बाहरी सख्त हिस्से की तुलना खोपड़ी, अंदर के पानी की तुलना खून व अंदरूनी नर्म भाग की तुलना दिमाग से की जाती है।
एक कथा के अनुसार माता का एक ध्यानु नामक भक्त माता के दर्शनों के लिए जा रहा था तो उस समय के मुगल शासक अकबर के सिपाहियों द्वारा उसे रोककर पूछा गया कि वह कहां जा रहा है तो ध्यानु के यह कहने पर कि वह देवी मां के दर्शन करने ज्वाला जी जा रहा है। सिपाहियों ने उसे अकबर के दरबार में पेश किया। वहां ध्यानु देवी मां की महिमा का गुणगान करने लगा तो अकबर ने कहा कि अगर तुम्हारी देवी मां में सचमुच कोई शक्ति है तो घोड़े का कटा हुआ सिर जोड़कर दिखाए। इसके बाद ध्यानु भक्त ने मां के दरबार में प्रार्थना की कि मैं आपके प्रति राजा के इस संदेह को मन में लेकर नहीं जी सकता। और अपना सिर काटकर देवी मां को भेंट कर दिया। ध्यानु भक्त की भक्ति से प्रसन्न होकर मां ज्वाला ने उसका सिर फिर से जोड़ दिया। इस पर ध्यानु भक्त ने देवी मां से प्रार्थना की कि हे देवी मां मेरे जैसी कठिन परीक्षा हर भक्त नहीं दे पाएगा तो देवी मां ने मानव सिर के रूप में नारियल की भेंट स्वीकार करने को कहा था इस लिए मान्यता के अनुसार आज तक देवी मां को नारियल भेंट किया जाता है।
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क्यों फोड़ा जाता है नारियल?
प्राचीन समय में धार्मिक अनुष्ठानों व शुभ कार्यों की शुरूआत में बलि देने की प्रथा प्रचलित थी। कहा जाता है कि इसके बाद शंकराचार्य द्वारा इस अमानवीय प्रथा को समाप्त करते हुए प्रतीक रूप में नारियल फोड़ने की शुरूआत की गई। माना जाता है कि नारियल फोड़ने का अर्थ है कि हम खुद को व अपने अहंकार को भगवान के आगे समर्पित कर रहे हैं। कहा जाता है कि नारियल फोड़ने से प्रतीक रूप में मानव के अहंकार व अज्ञानता का कवच टूटता है और आत्मा की शुद्धता व ज्ञान का रास्ता खुलता है। जिसे प्रतीक रूप में नारियल के अंदर के सफेद भाग के रूप में देखा जा सकता है।
औरतें क्यों नहीं फोड़तीं नारियल?
हिन्दू धर्म में औरतों द्वारा नारियल फोड़ना मना है। इसके पीछे कुछ कारण मौजूद हैं। माना जाता है कि नारियल एक फल ना होकर एक बीज है और औरत तो खुद जननी है वह बीज को नष्ट नहीं कर सकती। दूसरा नारियल को प्रतीक रूप में बलि के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। और हिन्दू धर्म के अनुसार बलि केवल पुरुष ही दे सकते हैं। तीसरा नारियल के ऊपर तीन बिन्दु अंकित होते हैं इन्हें ब्रह्मा, विष्णु व महेश माना जाता है। इस लिए भी औरतों का नारियल फोड़ना मना है।
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एकाक्षी नारियल का महत्व
आम तौर पर नारियल के बाहर दो या तीन आंख रूपी छेद होते हैं। एकाक्षी नारियल में केवल एक छेद या आंख होती है। इस एकाक्षी नारियल का पूजा व तांत्रिक अनुष्ठानों में विशेष महत्व है। एकाक्षी नारियल को सर्व सिद्धिदायक माना जाता है। लक्ष्मी पूजा में मुख्य रूप से एकाक्षी नारियल का प्रयोग विशेष फलदायक माना जाता है। एकाक्षी नारियल को मां लक्ष्मी का साक्षात स्वरूप माना जाता है। कहा जाता है कि एकाक्षी नारियल को स्थायी रूप में घर में रखने से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। नारियल की शिखाओं में सकारात्मक ऊजा पाई जाती है इसलिए शुभ कार्यों में कलश के साथ नारियल की स्थापना की जाती है। यह घर से वास्तु दोष को दूर करता है।
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नारियल सेहत के लिए भी है लाभदायक
नारियल की तासीर ठंडी होती है। इसके सेवन से शरीर को कई प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं। नारियल पानी व गिरि से डीहाईड्रेशन की समस्या दूर होती है। नारियल की गिरि खाने से कब्ज दूर होती है। नकसीर फूटने पर नारियल दवाई की तरह काम करता है। नारियल दिल व पेट के लिए रामबाण है। नारियल खाने से हर प्रकार की एलर्जी दूर होती है और याददाश्त भी बढ़ती है। नारियल के सेवन से पेट के कीड़े मरते हैं। नारियल अनिद्रा की समस्या को भी दूर करता है।
धर्मेन्द्र संधू