चंडीगढ़, 6 अप्रैलः
पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार क्ल्याण विभाग द्वारा आज यहाँ दफ़्तरों और काम वाले स्थानों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम बारे वर्कशॉप का आयोजन किया गया।
डॉ. प्रोफ़ैसर पाम राजपूत जोकि एक नीति विश्लेषक, ट्रेनर और सार्वजनिक वक्ता हैं, के द्वारा वर्कशॉप के मुख्य वक्ता के तौर पर बताया गया कि की सेक्शूअल हैरासमेंट ऑफ वूमन ऐट वर्कप्लेस (प्रीवेंशन, प्रोहिबीशन एंड रीड्रेसल) ऐक्ट 2013 भारत में एक वैधानिक एक्ट है जोकि महिलाओं को उनके काम वाली जगह पर यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाया गया है। यह एक्ट 9 दिसंबर, 2013 से लागू है। परंतु बहुत से दफ़्तरों या संस्थाओं ने कानूनी ज़रूरत के बावजूद इस कानून को लागू नहीं किया है। इस कानून के अनुसार किसी भी काम वाली जगह पर यदि 10 से अधिक कर्मचारी हैं तो वहाँ इस कानून के सभी उपबंध लागू करने लाज़िमी हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सबसे सीनियर महिला कर्मचारियों के नेतृत्व में आंतरिक समिति का गठन किये जाने की ज़रूरत है जिसमें आधे से ज़्यादा महिला मैंबर हों। इसमें बाहरी मैंबर होने के साथ-साथ कानूनी पृष्ठभूमि वाला एक मैंबर होना चाहिए।
यह वर्कशॉप डॉ. जी.बी. सिंह डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं के नेतृत्व में आयोजित की गई। इस मौके पर उन्होंने मसले की गंभीरता का हवाला देते हुए हर काम वाली जगह पर इस ऐक्ट के पालन के महत्व बारे बताया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग पंजाब के स्टेट हैड क्वार्टर में यह ऐक्ट पूर्ण तौर पर कार्यशील है और इस सम्बन्धी समिति सदस्यों को वी.वी. गिरी नेशनल लेबर इंस्टीट्यूट नोइडा द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है।
विभाग की समिति मैंबर डॉ. बलजीत कौर ने इस ऐक्ट को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए भविष्य के कदमों बारे बात की।
उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसे नौकरी प्रदाताओं के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं जो इस कानून का पालन करने में असफल रहते हैं। उन्होंने कहा कि सभी संस्थाओं में आंतरिक समिति होनी चाहिए जिसको समय-समय पर अपनी सालाना रिपोर्ट संस्था के प्रमुख को प्रस्तुत करनी चाहिए।
वर्कशॉप में स्वास्थ्य विभाग के सीनियर अधिकारियों, मुख्य कार्यालय के स्टाफ मैंबर और जिलों के सिविल सर्जनों द्वारा शिरकत की गई। यह वर्कशॉप कोविड-19 की पाबंदियों के कारण ऑनलाइन आयोजित की गई। सभी भागीदारों को काम वाली जगह पर महिलाओं के सम्मान को यकीनी बनाने के लिए विस्तारपूर्वक इस एक्ट बारे जागरूक किया गया।
-NAV GILL