25 MAY 2021,
कोरोना की पहली सर्ज के समय से हमारे एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर में हमने जो इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया था । वह तो वैसे ही चल रहा था। बेशक पिछले साल बच्चों में कोविड के केस कम थे, लेकिन हमारी तैयारी किसी भी हालत से निपट लेने की थी। अच्छी बात यह भी रही कि 0 से 20 साल तक के 80 फीसदी बच्चे एसिम्टोमेटिक ही रहे। वह दौर खत्म हुआ तो हमें सेकंड सर्ज का अंदेशा था । हम लोग इसके लिए मानसिक रूप से तैयार भी थे।
इस लहर में बच्चों के केस तो बढ़े हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि हालात काबू में न रहे हों। बता रही थीं, PGI की पीडियाट्रिक कोविड मैनेजमेंट कमेटी की चेयरपर्सन प्रो. जयश्री इन दिनों सेकेंड वेव से जूझते हुए लोगों के मन में थर्ड वेव के प्रति भय है। ऐसी आंशका जताई जा रही है। कि इसमें बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे। इस बारे में आप क्या सोचती हैं ? प्रोफेसर जयश्री ने कहा- अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा ।
पौराणिक मान्यताएं और वैज्ञानिक तर्क, क्यों बैठती हैं औरतें दाहिनी ओर || Dr. kabir ||
क्योंकि सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि वायरस किस तरह से म्यूटेट करेगा। इस वायरस में म्यूटेशन लगातार बदल रहा है। और उसी हिसाब से केस भी घटते या बढ़ते हैं। इसलिए अभी यह कहना बहुत सही नहीं होगा कि थर्ड वेव में बच्चे प्रभावित होंगे। लेकिन यह कहकर हम बेफिक्र होकर नहीं बैठ सकते। हम हर स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार हैं । चाइल्ड कोविड मैनेजमेंट की जिम्मेदारी होने के चलते काम में कैसी चुनौतियां शामिल हो गई हैं?
वे बोलीं- PGI में 8 से 5 की ड्यूटी है, लेकिन हमारे लिए कोई टाइम फिक्स नहीं है। देर रात तक पीडियाट्रिक सेंटर से कॉल आती रहती हैं। लेकिन मैं यह भी कहूंगी कि हम एक टीम वर्क की तरह काम रहे हैं। इसमें हमारे SR, JR, नर्सिंग ऑफिसर, HA और SA सभी का रोल अहम रहता है। मैं तो यह मानकर चलती हूं कि अगर में कहीं बिजी हूं तो मेरी टीम मेरे पीछे भी उसी तरह से काम कर रही है जैसा मेरी मौजूदगी में करते हैं।
-NAV GILL