भारतीय रसोई में भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए कई प्रकार के मसालों का प्रयोग किया जाता है। यह मसाले भोजन के स्वाद को बढ़ाने के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद हैं। आयुर्वेद में कुछ मसालों का प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है। ऐसा ही एक मसाला है ‘जायफल’। जायफल के प्रयोग से सेहत संबंधी कई प्रकार की समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
जायफल एक एशियाई मसाला है। यह एक पेड़ का फल होता है। अक्सर लोग जायफल और जावित्री को एक ही समझते हैं। लेकिन यह दोनों मसाले अलग-अलग हैं। इनमें एक समानता जरूर है कि यह दोनों मसाले एक ही पेड़ का हिस्सा हैं। जावित्री फल का बाहर का छिलका या हिस्सा होता है जबकि जायफल अंदर का बीज होता है। दोनों का स्वाद भी एक जैसा ही होता है लेकिन जायफल की तासीर जावित्री की तुलना में अधिक गर्म होती है।
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जायफल के फायदे
बच्चों का दिमाग करे तेज़
प्राचीन समय में यूनानी और रोमन सभ्यता में जायफल का प्रयोग दिमाग को तेज़ करने वाले टानिक के रूप में किया जाता था। इसके सेवन से दिमाग की नसें उत्तेजित होती हैं जिससे याददाश्त बढ़ती है। इसमें मौजूद मैरिस्टिकिन नामक यौगिक एकाग्रता को बढ़ाता है और मानसिक रोग होने की संभावना भी कम होती है।
पाचन तंत्र के लिए है फायदेमंद
जायफल के प्रयोग से पाचन संबंधी समस्याओं अपच, गैस, सूजन, उल्टी और दस्त में फायदा होता है। इसके लिए पाचन संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए किसी पीने वाले पदार्थ में चुटकी भर जायफल का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से फायदा मिलता है।
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मुंहासों व झुर्रियों को करे दूर
चेहरे पर मुंहासे होना त्वचा की सबसे आम समस्या है। इसके लिए जायफल का प्रयोग करना फायदेमंद हो सकता है। जायफल में मौजूद एंटीआक्सीडेंट त्वचा संबंधी समस्याओं से निजात दिलाते हैं और चेहरे के मुंहासें ठीक होते हैं। इसके लिए नियमित रूप से जायफल के पाउडर और शहद का बराबर मात्रा में पेस्ट बनाकर प्रभावित स्थानों पर लगाने से फायदा होता है। साथ ही नियमित रूप से जायफल को पीसकर लेप बनाकर चेहरे पर लगाने से झुर्रियां भी दूर होती हैं।
अनिद्रा की समस्या होगी दूर
रात के समय पूरी नींद लेने के लिए जायफल का सेवन लाभदायक रहता है। जायफल में पाए जाने वाले तत्व प्राकृतिक व गहरी नींद लाने में सहायक होते हैं। इसके लिए सोने से पहले नियमित रूप से गर्म दूध में एक चम्मच जायफल पाउडर मिलाकर पीना फायदेमंद रहता है।
दांत दर्द से दिलाए राहत
दांत के दर्द को दूर करने में भी जायफल लाभदायक है। इसी लिए टुथपेस्ट में जायफल और दालचीनी का प्रयोग किया जाता है। दांत के दर्द में जायफल के तेल का प्रयोग किया जा सकता है। दांत के दर्द में जायफल के तेल को रूई के साथ दांत की जड़ में लगाने से दर्द से राहत मिलती है।
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गुर्दे और लीवर के लिए है लाभदायक
जायफल गुर्दों और लीवर को साफ करने यानि हानिकारक और ज़हरीले तत्वों को बाहर निकालने का काम करता है। क्योंकि आधुनिक जीवन शैली के कारण और खान-पान की गलत आदतों के कारण लीवर और गुर्दों में ज़हरीले तत्व जमा हो जाते हैं। साथ ही जायफल का सेवन गुर्दे की पथरी को बनने से रोकता है और पथरी को बाहर निकालने में भी मदद करता है।
आंखों की रोशनी को बढ़ाए
आंखों की कम हो रही रोशनी को बढ़ाने में भी जायफल का प्रयोग लाभदायक सिद्ध होता है। इसके लिए जायफल को पानी के साथ पत्थर पर घिसकर लेप बनाकर आंखों की पलकों पर लगाने और आंखों के चारों ओर लगाने से फायदा होता है।
दर्द को करे दूर
जायफल में दर्द नाशक गुण भी पाए जाते हैं। दर्द से राहत पाने के लिए जायफल के तेल का प्रयोग फायदेमंद रहता है। जोड़ों के दर्द, गठिया, मांसपेशियों के दर्द व सिर दर्द के अलावा सूजन, पेट दर्द व घाव होने पर भी जायफल का प्रयोग करने से फायदा होता है।
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भूख ना लगने पर करें इसका सेवन
भूख ना लगने पर जायफल का सेवन करने से फायदा होता है। भूख ना लगने पर एक चुटकी जायफल का पाउडर या जायफल का टुकड़ा चूसने से पाचक रसों में वृद्धि होती है। जिससे भूख बढ़ती है और भोजन सही ढंग से पचता है।
गले संबंधी समस्याओं में है फायदेमंद
जायफल के प्रयोग से गले संबंधी समस्याओं में फायदा होता है और आवाज़ की गुणवत्ता में सुधार होता है। एक चम्मच जायफल के पाउडर को गर्म पानी में घोलकर गरारे करने से गले की समस्याओं में फायदा होता है और गला साफ होता है साथ ही गले को आराम भी मिलता है।
जायफल के सेवन के नुकसान
यहां जायफल का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद है वहीं इसका अधिक मात्रा में किया गया प्रयोग नुकसानदायक भी हो सकता है। जायफल की तासीर गर्म होती है। इसके अधिक सेवन से घबराहट , उल्टी और चक्कर आने जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। बड़ी उम्र के लोगों के लिए 250 से 500 मिलीग्राम जायफल का प्रयोग करना फायदेमंद रहता है। इसका सेवन सुबह नाश्ते के बाद करना चाहिए। अगर आप नियमित रूप से भोजन में जायफल का प्रयोग मसाले के तौर पर कर रहें हैं तो काफी है। इसके अलावा अलग से इसका सेवन करने की आवश्यकता नहीं है।
धर्मेन्द्र संधू