चंडीगढ़, 9 अप्रैलः
पंजाब के सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अल्पसंख्यक और वन मंत्री स. साधु सिंह धर्मसोत की तरफ से पंजाब राज्य औद्योगिक विकास निगम के चेयरमैन श्री कृष्ण कुमार बावा की स्वै-जीवनी ‘संघर्ष दे 45 साल’ का लोकार्पण किया गया।
आज यहाँ पंजाब भवन में सादे परन्तु प्रभावशाली समागम के दौरान इस पुस्तक का लोकार्पण करते हुये स. धर्मसोत ने कहा कि उनकी श्री बावा के साथ 35 वर्षों की सांझ है जब वह यूथ कांग्रेस के दिनों से इकठ्ठा होते थे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के काले दिनों के खिलाफ लड़ाई लड़ने से लेकर लड़कियों की लोहड़ी मनाने और बाबा बन्दा सिंह बहादुर के जीवन और अमीर विरासत से समाज को अवगत करवाने का श्री बाबा की तरफ से उठाया अभ्यान खुली किताब की तरह है। उन्होंने कहा कि यह पाठकों के लिए पृथक तोहफा है जहाँ उनको श्री बावा के जीवन का हर पहलू उनकी ही लिखित के द्वारा पढ़ने के लिए मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक नौजवानों और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगी जिसके द्वारा उनको संघर्षमय जीवन का पता लगेगा। उन्होंने कहा देश की एकता और अखंडता के लिए शरीर पर गोलियां खाने वाले बावा जी जिंदा शहीद हैं।
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श्री कृष्ण कुमार बावा ने कहा कि उन्होंने यह पुस्तक लिखते हुये कोई भी पहलू छिपाया नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस समय पर उन्होंने लड़कियों की लोहड़ी मनानी शुरू की तो लोगों ने बहुत हैरानी अभिव्यक्त की थी और आज उनको खुशी होती है कि जब कोई लड़कियों की लोहड़ी मनाता है तो उसे विशेष मेहमान के तौर पर बुलाया जाता है। उनको इस बात पर मान है कि बाबा बन्दा सिंह बहादुर अंतरराष्ट्रीय फाउंडेशन के जरिये महान सिख योद्धो की जीवन संबंधी लोगों को अवगत करवाने का संयोग मिला और पंडित श्रद्धा राम फिलौरी का दिन पहली बार मनाया।
प्रिंसिपल कुलदीप सिंह ने कहा कि लेखक जो राजनीतिज्ञ भी है और समाज सेवी भी, ने खुले दिल से अपनी जिन्दगी की घटनाएँ लिखी हैं। पूर्व विधायक हरजिन्दर सिंह ठेकेदार ने कहा कि इस पुस्तक के द्वारा श्री बावा की तरफ से अमीर विरासत पर प्रकाश भी डाला गया है।
हरिन्दर सिंह हंस ने कहा कि यह पुस्तक न सिर्फ एक सखशियत की जीवनी है बल्कि पंजाब के पाँच दशकों का इतिहास भी संभाली बैठी है। बावा रवीन्द्र नंदी ने कहा कि कृष्ण कुमार बावा शांत स्वभाव के धरती से जुड़े हुए इंसान हैं। उमराव सिंह छीना ने कहा कि यह कृष्ण कुमार बावा ने लिखित रूप में इतिहास संभाल कर बड़ा प्रयास किया है।
संपूर्ण चिकित्सा || Dr. Vijata Arya ||
पुस्तक से अवगत करवाते हुये प्रसिद्ध रंगकर्मी डा. निर्मल जोढ़ा ने कहा कि कृष्ण कुमार बावा ने जिंदगी के हर पहलू को जिस बेबाकी से लिखा है, वह काबिले तारीफ है।
इस मौके पर रवीन्द्र सिंह रंगूवाल ने बोलते हुये कहा कि यह पुस्तक जिंदगी के संघर्ष के साथ-साथ सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक जीवन पर भी रौशनी डालती है। इस समागम में हरिन्दर सिंह हंस, परमिन्दर जीत सिंह चीमा, अर्जुन बावा, मनोज स्वामी, संजीव भावरी, सुरिन्दर बैरागी, विक्रम सिंह, अनिल वर्मा, बूटा सिंह बैरागी और पवन गर्ग समेत बावा के दोस्त-मित्र शामिल थे।
अंत में कृष्ण कुमार बावा ने प्रत्येक का धन्यवाद किया।
-NAV GILL