सांस महकाए, पिंपल भगाए, त्वचा निखारे यह संजीवनी बूटी

-गर्मी, बरसात में विशेष गुणकारी है तीस जातियों, 500 प्रजातियों वाली जड़ी
-साल के सभी माह में उपलब्ध खुशबूदार जड़ी है पुदीना
स्वाद, सौन्दर्य और सुगंध का अनूठा संगम माने जाने वाले गर्मी, बरसात में विशेष गुणकारी तीस जातियों, 500 प्रजातियों वाले मेंथा वंश से संबंधित बारहमासी पुदीना को संजीवनी बूटी कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। पुदीना में सांस महकाने, पिंपल भगाने, त्वचा निखारने जैसे कई अनूठे चमत्कारिक गुणों को आयुर्वेद ने भी स्वीकारा है। इतना ही नहीं पुदीने पर हुए ताजे शोध से यह पता चला है कि इसमें कई एेसे एंजाइम उपलब्ध हैं, जो कैंसर से भी बचा सकते हैं।

पुदीना विश्व में कहां-कहां पाया जाता है
पुदीना एक बारहमासी, खुशबूदार एेसी जड़ी है। जो लगभग तीस जातियों और 500 प्रजातियों में उपलब्ध है। पुदीने के पौधे का सबसे अधिक उत्पादन आज भारत के अलावा ब्राजील, पैरागुए, चीन, अर्जेन्टिना, जापान, थाईलैंड, अंगोला, इंडोनेशिया और पश्चिमी अफ्रीका में किया जा रहा है। इसकी विभिन्न प्रजातियां यूरोप, अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और आस्ट्रेलिया में भी पाई जाती हैं। पिपरमिंट और पुदीना एक ही जाति से संबंधित है। परंतु इनकी प्रजातियां अलग-अलग हैं। पुदीने को स्पियर मिंट के वानस्पतिक नाम से पहचाना जाता है। गौर हो पूरे विश्व का 70 फीसद स्पियर मिंट उत्पादन अकेले संयुक्त राज्य में होता है।

पुदीने में विटामिन एबीसीडीई की प्रचुर मात्री
गर्मी और बरसात की संजीवनी बूटी कहे जाने वाले, स्वाद, सौन्दर्य और सुगंध का संगम माने जाने वाले पुदीना में विटामिन एबीसीडी और ई के अलावा आयरन, फास्फोरस और कैल्शियम भारी मात्रा में उपलब्ध हैं। जापानी मिंट मैन्थोल का प्राथमिक स्रोत है। पुदीने की ताजी पत्ती में 0.4-0.6 फीसद तेल पाया जाता है।

पुदीने में उपलब्ध हैं औषधीय गुण
पुदीने में भारी मात्रा में औषधीय गुण उपलब्ध हैं। संस्कृत में पुदीने को पूतिहा कहा गया है, यानिकि दुर्गंध का नाश करने वाला। इस गुण के कारण ही पुदीना ता च्वीइंगम, टूथपेस्ट में तो प्रयोग किया ही जाता है। इतना ही नहीं मेन्थोल का उपयोग बड़ी मात्रा में दवाईयों, सौदर्य प्रसाधनों, कॉन्फेक्शनरी, पेय पदार्थो, सिगरेट, पान मसाला को सुगंघित बनाने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग भोजन में रायता, चटनी में खास तौर से किया जाता है। चाट, जलजीरे, गन्ने के रस में पुदीने का रस मिलाकर पीना स्वास्थ्यवर्धक माना गया है। कई नहाने के साबुनों, शरीर पर लगाने वाली सुगंधों और एयर फ्रेशनर में भी इसका प्रयोग किया जाता है।

चिकित्सा पद्धिति में हो रहा है विशेष उपयोग
आयुर्वेद में पुदीने को संजीवनी बूटी कहा गया है। यूनानी चिकित्सा पद्धति हिकमत में पुदीने का विशिष्ट प्रयोग अर्क पुदीना बेहद लोकप्रिय है। हकीमों का मानना है कि पुदीना सूजन को नष्ट कर आमाशय को शक्ति प्रदान करता है। हिचकी को बंद करता है। पीलिया को रोकने में भी इसका प्रयोग लाभदायक होता है। आयुर्वेद के अनुसार पुदीने की पत्तियां कच्ची खाने से शरीर की सफाई होती है व ठंडक मिलती है। पुदीने की चाय या पुदीने के अर्क के सेवन से शरीर में से विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। मेंथॉल ऑइल पुदीने का ही अर्क है, जो दांतों से संबंधित रोगों को दूर करने में मदद करता है। जहरीले जंतु के काटने वाले स्थान पर पुदीने का रस लगा देने से विष का असर कम हो जाता है। पुदीने की सुगंध से बेहोशी भी दूर हो जाती है। पुदीने से निकलने वाला तेल पेट की शिकायतों में प्रयोग की जाने वाली दवाइयों, सिरदर्द, गठिया दूर करने के लिए मल्हम तथा खांसी की गोलियां, इनहेलर बनाने के काम आता है।

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सांसों को महकाए
सांसों की दुर्गंध को दूर करने के लिए पुदीने की सूखी पत्तियों के चूर्ण से मंजन करें। यह न केवल आपकी सांसों को ताजा बना महकाता है। बल्कि साथ कई अन्‍य दंत समस्‍याओं से भी छुटकारा दिलाता है। इसके साथ ही इससे मसूड़े भी मजबूत होते हैं।

पिंपल हटा चेहरा दमकाए
पुदीने की कुछ पत्तियां लेकर पीस लें। उसमें दो से तीन बूंद नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर कुछ देर के लिए लगाएं। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। कुछ दिन ऐसा करने से मुंहासे ठीक हो जाएगा। चेहरे भी चमकने लग जाता है।

 

गर्मी, लू लगने से करे बचाव
गर्मी में लू से बचने के लिए पुदीने और प्‍याज की चटनी बनाकर सेवन करने से गर्मी के सीजन में लू लगने से होता है बचाव। अगर इसका सेवन नियमित रूप से किया जाए, तो लू लगने की आशंका पूर्णतौर से खत्म हो जाती है। अधिक गर्मी या उमस के मौसम में जी मिचलाने पर एक चम्मच सूखे पुदीने की पत्तियों का चूर्ण और आधी छोटी इलायची के चूर्ण को एक गिलास पानी में उबालकर पीने से लाभ होता है।

पेट रोगों का करे निदान
पुदीने की पत्तियों का ताजा रस नीबू और शहद के साथ समान मात्रा में लेने से पेट की हर बीमारियों में आराम दिलाता है।

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खांसी जुकाम, बुखार में दे राहत
पुदीने का रस काली मिर्च और काले नमक के साथ चाय की तरह उबालकर पीने से जुकाम, खाँसी और बुखार में राहत मिलती है।

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हिचको करे बंद
इसकी पत्तियाँ चबाने या उनका रस निचोड़कर पीने से हिचकियाँ बंद हो जाती हैं।

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सिरदर्द को दे आराम
सिरदर्द में ताजी पत्तियों का लेप माथे पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है।

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मासिक धर्म की अनियमिता पर लगाए रोक
मासिक धर्म समय पर न आने पर पुदीने की सूखी पत्तियों के चूर्ण को शहद के साथ समान मात्रा में मिलाकर दिन में दो-तीन बार नियमित रूप से सेवन करने पर लाभ मिलता है।

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आवाज को करे साफ
पुदीने के रस को नमक के पानी के साथ मिलाकर कुल्ला करने से गले का भारीपन दूर होता है । और आवाज साफ होती है।

कुमार प्रदीप

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