चंडीगढ़, 8 मार्च:
मिल्कफैड पंजाब की तरफ से दूध की गुणवत्ता में और सुधार करने हेतु वेरका के साथ जुुड़े प्रोग्रेसिव डेयरी फारमर्स को बल्क मिल्क कूलर देने का फ़ैसला लिया गया है, जिसमें पहल के आधार पर 500 किलो से अधिक दूध देने वाले 100 प्रोग्रेसिव डेयरी फारमर्स को ये बल्क मिल्क कूलर सब्सिडी पर दिए जाएंगे। यह फ़ैसला सहकारिता मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा की अध्यक्षता में हुई एक मीटिंग में लिया गया।
स. रंधावा ने यह भी विश्वास दिलाया कि सहकारिता विभाग इसी तरह निरंतर पंजाब के दूध उत्पादकों के लिए अन्य सहूलतें देने के लिए प्रयास करने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कोविड-19 के कठिन समय में मिल्कफैड की तरफ से राज्य के लोगों को दी गई निरंतर सेवाओं के लिए समूह अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी।
मिल्कफैड पंजाब अधीन काम कर रहे वेरका मिल्क प्लांटों के साथ जुड़ी हुई रजिस्टर्ड दूध सभाओं को पिछले 20 सालों से दूध की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए अलग-अलग क्षमता के लगभग 1200 बल्क मिल्क कूलर विभिन्न स्कीमों के अंतर्गत दिए गए हैं। जबसे दूध सभाओं को यह बल्क मिल्क कूलर दूध एकत्रित करने और इसको ठंडा करने के लिए दिए गए हैं, इससे दूध की गुणवत्ता में बहुत सुधार हुआ है, सहकारी सभाओं का लाभ भी बढ़ा है और साथ ही सभाओं के साथ जुड़े हुए दूध उत्पादकों की माली हालत में भी सुधार हुआ है। यह बल्क मिल्क कूलर आम तौर पर दूध सभाओं को सब्सिडी पर दिए जाते हैं और बाकी रकम दूध उत्पादक सभाओं से उनके दूध की कीमत में से आसान किस्तों में काट ली जाती है। वेरका के मिल्क प्लांटों के साथ दूध उत्पादक सहकारी सभाओं के अलावा लगभग 2300 प्रोग्रेसिव डेयरी फारमर्स सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं और जिनको अभी तक यह सुविधा नहीं दी गई थी।
इस मौके पर सहकारी सभाओं के रजिस्ट्रार श्री विकास गर्ग ने अलग-अलग प्लांटों के अधिकारियों को कहा कि मिल्क प्लाटों के काम को और सचारू ढंग के साथ चलाने के लिए आई मुश्किलों को उनके ध्यान में लाया जाए ताकि उनका तुरंत हल निकाला जा सके।
मिल्कफैड के एम.डी. श्री कमलदीप सिंह संघ ने अवगत करवाया कि इच्छुक प्रोग्रेसिव डेयरी फारमर्स इस स्कीम सम्बन्धी ज्यादा जानकारी लेने के लिए अपने पास के वेरका मिल्क प्लांट के मैनेजर दूध प्राप्ति के साथ संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि गत समय में कोविड-19 के कारण पैदा हुए संकट दौरान मिल्कफैड की तरफ से दूध उत्पादकों की सेवा में कड़ी मेहनत की गई जिसके फलस्वरूप आने वाला समय डेयरी पेशे के लिए लाभप्रद होगा।