इसकी जानकारी देते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह ‘दाखिला सप्ताह’ बीते दिन आरम्भ हुआ और यह 27 मार्च तक चलेगा। इसका उद्देश्य लोगों को अपने बच्चे सरकारी स्कूलों में दाखिल करने के लिए प्रेरित करना है। प्रवक्ता के अनुसार ‘दाखिला सप्ताह’ में अध्यापकों की तरफ से अहम भूमिका निभाई जा रही है। इस दौरान अध्यापकों की तरफ से घर-घर जाने, गाँवों में दाखिलों संबंधी फ्लैक्स लगाने, स्कूलों के पुराने विद्यार्थियों और आदरणिय सज्जनों के साथ मिलने और आंगणवाड़ी वर्करों की मदद से 3 से 5 साल के बच्चों को ई-पंजाब पर रजिस्टर करने का प्रोग्राम निर्धारित किया गया है।
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सरकारी स्कूलों में दाखिलों की मुहिम चलाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से ‘इन्नरोलमैंट बूस्टर टीमों’ का गठन पहले ही किया जा चुका है। इस मुहिम को चलाने के लिए सरकारी स्कूलों की विशेषताओं को दर्शाते हुए पोस्टर, वीडीयोज़, शार्ट फिल्में तैयार करवा के सोशल मीडिया के द्वारा प्रचार किया जा रहा है। इसके साथ ही गाँवों और शहरों के सांझे स्थानों, बाजारों और सड़कों पर फ्लैक्स लाने और पंचों -सरपंचों, काउंसलरों और अन्य आदरणियों के साथ मीटिंगों की जा रही हैं। प्रवक्ता के अनुसार पिछले सैशन के दौरान आरंभ की गई ‘ईच वन, बरिंग वन’ मुहिम को बड़ी सफलता मिली थी और इसके नतीजे के तौर पर प्री-प्राईमरी से लेकर बारहवीं तक दाखिलों में 15 प्रतिशत का रिकार्ड विस्तार हुआ था। इस साल भी पिछले साल का रिकार्ड टूटने की उम्मीद है।