26 MARCH 2021,
संसद के बजट सत्र, 2021, जिसकी शुरुआत 29 जनवरी 2021 (शुक्रवार) को हुई थी, को आज यानी 25 मार्च 2021 (गुरुवार) को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।
इस दौरान, राज्यसभा और लोकसभा अवकाश के लिए क्रमशः 12 फरवरी, 2021 (शुक्रवार) एवं 13 फरवरी, 2021 (शनिवार) को स्थगित रही और विभिन्न मंत्रालयों / विभागों से संबंधित अनुदान मांगों की पड़ताल करने और उसकी रिपोर्ट देने में विभिन्न विभागों से जुड़ी स्थायी समितियों को समर्थ बनाने के लिए 8 मार्च, 2021 (सोमवार) को फिर से बैठी।
बजट सत्र के बारे में बोलते हुए, केन्द्रीय संसदीय मामलों के मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि पूरे बजट सत्र, 2021 के दौरान लोकसभा की 24 बैठकें और राज्यसभा की 23 बैठकें हुईं। बजट सत्र के पहले भाग में लोकसभा की कुल 12 और राज्यसभा की 11 बैठकें हुईं। सत्र के दूसरे भाग में क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा की 12 बैठकें हुईं।
इस सत्र, जिसकी बैठकें मूल रूप से 8 अप्रैल, 2021 तक होनी थी, को दोनों सदनों में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की मांग के कारण स्थगित किया गया ताकि सदस्य कुछ खास राज्यों / केन्द्र – शासित प्रदेशों में चल रही चुनावी प्रक्रिया में भाग ले सकें।
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धन्यवाद प्रस्ताव:
इस वर्ष का पहला सत्र होने के नाते, राष्ट्रपति ने 29 जनवरी, 2021 को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। लोकसभा में श्रीमती लॉकेट चटर्जी द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया और डॉ. वीरेंद्र कुमार द्वारा इसका समर्थन किया गया। लोकसभा में इसपर निर्धारित 15 घंटे के बजाय 16 घंटे 58 मिनट तक चर्चा हुई। राज्यसभा में, धन्यवाद प्रस्ताव को श्री भुवनेश्वर कलिता द्वारा पेश किया गया और श्री विजय पाल सिंह तोमर ने इसका समर्थन किया। राज्यसभा ने इस पर निर्धारित 15 घंटे के बजाय 15 घंटे 41 मिनट तक चर्चा की। दोनों सदनों द्वारा इस सत्र के पहले भाग के दौरान धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की गई और उसे स्वीकार किया गया।
केन्द्रीय बजट की प्रस्तुति:
वित्तीय वर्ष 2021- 22 के लिए केन्द्रीय बजट 1 फरवरी, 2021 (सोमवार) को पेश किया गया। इस सत्र के पहले भाग में दोनों सदनों में केन्द्रीय बजट पर आम चर्चा हुई। लोकसभा में इस पर निर्धारित 10 घंटे के बजाय 14 घंटे 44 मिनट तक चर्चा हुई। राज्यसभा में निर्धारित 10 घंटे के बजाय 10 घंटे 56 मिनट तक इस पर चर्चा हुई।
लोकसभा में, रेलवे, शिक्षा और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालयों से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा हुई और उन्हें अलग – अलग स्वीकार किया गया। इसके बाद, बाकी के मंत्रालयों / विभागों की अनुदान मांगों पर बुधवार, 17 मार्च, 2021 को सदन में मत – विभाजन किया गया। संबंधित विनियोग विधेयक भी 17.03.2021 को लोकसभा में पेश किया गया और उस पर विचार करने के बाद उसे पारित किया गया।
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वित्तीय वर्ष 2020-21 के अनुदानों के लिए अनुपूरक मांगों से संबंधित विनियोग विधेयक; केन्द्र – शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 के अनुदान मांगों और वर्ष 2020-21 के अनुदानों की अनुपूरक मांगों और केन्द्र – शासित प्रदेश पुडुचेरी के लिए वर्ष 2020-21 के अनुदानों के लिए अनुपूरक मांगों तथा वर्ष 2021-22 के लिए लेखानुदान (वोट ऑन अकाउंट) मांगों को उनकी स्वीकृति के बाद लोकसभा में उसपर विचार करके उसे 18.03.2021 को पारित किया गया।
दिनांक 23.03.2021 को लोकसभा ने वित्त विधेयक, 2021 पारित किया। राज्यसभा ने भी 23.03.2021 को सभी विनियोग विधेयकों और 24.03.2021 को वित्त विधेयक, 2021 को वापस कर दिया। संपूर्ण वित्तीय प्रक्रियाएं 31 मार्च, 2021 से पहले संसद के दोनों सदनों में पूरी कर ली गईं।
इस सत्र में पारित विधेयक:
इस सत्र के दौरान कुल 20 विधेयक (लोकसभा में 17 और राज्यसभा में 03) पेश किए गए। 18 विधेयकों को लोकसभा द्वारा और 19 विधेयकों को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया। संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयकों की कुल संख्या 18 है। लोकसभा / राज्यसभा में पेश विधेयकों, लोकसभा द्वारा पारित विधेयकों, राज्यसभा द्वारा पारित विधेयकों, दोनों सदनों से पारित विधेयकों और राज्यसभा में वापस लिए गए विधेयकों की सूची अनुलग्नक में संलग्न है।
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संसद के सदनों द्वारा पारित किए गए कुछ महत्वपूर्ण विधेयक इस प्रकार हैं: –
आर्थिक क्षेत्र / इज ऑफ़ डूइंग बिजनेस से संबंधित कदम
खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक, 2021 तेजी से आर्थिक विकास के लिए खनन क्षेत्र को उसकी पूर्ण क्षमता के साथ विकसित करने का प्रावधान करता है।
बीमा (संशोधन) विधेयक, 2021 का उद्देश्य भारतीय बीमा कंपनियों में विदेशी निवेश की सीमा को मौजूदा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करना और सुरक्षा उपायों के साथ विदेशी स्वामित्व और नियंत्रण की अनुमति देकर सरकार की एफडीआई नीति के उद्देश्य को प्राप्त करना है।
मध्यस्थता एवं सुलह (संशोधन) विधेयक, 2021 मध्यस्थता एवं सुलह (संशोधन) अधिनियम, 2019 के लागू होने के बाद विभिन्न हितधारकों द्वारा उठाए गए चिंताओं का समाधान करता है।
नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट विधेयक, 2021 भारत में दीर्घकालिक गैर-पुनरावृत्ति अवसंरचना वित्तपोषण (लॉन्ग-टर्म नॉन – रिकोर्स इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग) के विकास को समर्थन देने के लिए नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट की स्थापना का प्रावधान करता है।
प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक, 2021 (मेजर पोर्ट ऑथोरिटीज बिल, 2021) का उद्देश्य प्रमुख बंदरगाहों को अधिक स्वायत्तता, लचीलापन प्रदान करना और मेजर पोर्ट ट्रस्ट्स एक्ट, 1963 को निरस्त करके उनके प्रशासन को पेशेवर बनाना है।
स्वास्थ्य क्षेत्र
गर्भ का चिकित्सकीय समापन (संशोधन) विधेयक, 2021 गर्भावस्था की समाप्ति के लिए गर्भ काल की ऊपरी सीमा को बढ़ाता है और सुरक्षित गर्भपात की सेवा और गुणवत्ता से समझौता किये बिना व्यापक गर्भपात देखभाल तक महिलाओं की पहुंच को मजबूत करता है।
नेशनल कमीशन फॉर एलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशन्स बिल, 2021 संबद्ध और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों द्वारा शिक्षा एवं सेवाओं के मानकों के विनियमन और रखरखाव, संस्थानों का मूल्यांकन, एक केंद्रीय रजिस्टर एवं राज्य रजिस्टर के रखरखाव और बेहतर पहुंच, अनुसंधान एवं विकास और नवीनतम वैज्ञानिक उन्नति और उससे जुड़ी गतिविधियों को अपनाने के लिए उपयुक्त प्रावधान करता है।
सामाजिक न्याय से जुड़े सुधार
संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2021 तमिलनाडु राज्य के संबंध में संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 में संशोधन करता है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) विधेयक, 2021 अधिनियम, 2011 को तीन साल की अवधि के लिए 01.01.2021 से 31.12.2023 तक के लिए आगे बढ़ाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2021 राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधायिका और कार्यपालिका के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देगा।
लोकसभा में नियम 193 के तहत ‘महिलाओं के सशक्तीकरण’ पर अल्पकालिक चर्चा हुई, जोकि अनिर्णायक रही।
श्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि पूरे बजट सत्र, 2021 में लोकसभा की उत्पादकता लगभग 114% और राज्यसभा की उत्पादकता 90% की रही।
-NAV GILL