श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों में नहीं आएगी कोई परेशानी, जानिए कैसे ?

 डॉ.धर्मेन्द्र संधू

9 नवंबर 2019 का दिन सिक्ख धर्म से संबंधित लोगों के लिए ऐतिहासिक सिद्ध हुआ। इस दिन सिक्खों की वर्षों की अरदास पूरी हुई और श्री गुरु नानक देव जी के 550 साला शताब्दी समागम के मद्देनजर पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब का रास्ता देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। हम आपको जानकारी देंगे कि पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करने के लिए किस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

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अगर आप पंजाब के शहर श्री अमृतसर साहिब से श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए जाना चाहते हैं तो आप यहां से ट्रेन, बस या टैक्सी के द्वारा डेरा बाबा नानक पहुंच सकते हैं। डेरा बाबा नानक से श्री हरमंदिर साहिब की ओर से निशुल्क बस सेवा दरबार साहिब डेरा बाबा नानक तक शुरू की गई है। यह बस श्रद्धालुओं को डेरा बाबा नानक तक पहुंचाती है। यहीं से श्री करतारपुर साहिब की यात्रा आरंभ होती है। इस पावन स्थान से पाकिस्तान के लिए बस रवाना होती है।

यह बस भारत की ओर से स्थापित किए गए इमीग्रेशन दफ्तर तक जाती है। यहीं पर भारत से जाने वाले श्रद्धालुओं की रजिस्ट्रेशन इत्यादि की जाती है। इसके बाद एक छोटी गाड़ी से श्रद्धालु भारत-पाक सीमा पर पहुंचते हैं। यहां एक बार फिर से श्रद्धालुओं के डाक्यूमेंट्स इत्यादि की जांच होती है और कुछ ही दूरी पर भारत व पाकिस्तान के मुख्य गेट आते हैं।

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पाकिस्तान में प्रवेश करते ही एक बस पाकिस्तान सरकार द्वारा स्थापित इमीग्रेशन ऑफिस तक लेकर जाती है। इस स्थान पर सबसे पहले पाकिस्तान द्वारा निर्धारित 20 डालर की फीस जमा करवानी पड़ती है। भारतीय श्रद्धालु यहां से भारतीय करंसी चेंज भी करवा सकते हैं। इमिग्रेशन करवाने के बाद पाकिस्तान सरकार द्वारा एक बस में बैठा कर श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब तक ले जाया जाता है। इसी बस के द्वारा ही श्रद्धालु 4 किलोमीटर का सफर तय करते हुए गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब की दर्शनी ड्योढ़ी यानी मुख्य दरवाजे तक पहुंचते हैं। दर्शनी ड्योढ़ी के बाहर तैनात कर्मियों द्वारा भारतीय श्रद्धालुओं का स्वागत किया जाता है और गुरुद्वारा साहिब के दर्शनों से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदान की जाती है। जोड़ा घर में जूते जमा करवाने के बाद श्रद्धालु श्री करतारपुर साहिब के दर्शन कर खुद को धन्य समझते हैं।

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यहां होते हैं पावन कुएं व खेतों के दर्शन

गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब में उस पावन कुएं के दर्शन भी होते हैं जिसके पानी से गुरु नानक देव जी खेतों में सिंचाई किया करते थे। साथ ही उन खेतों के दर्शन भी होते हैं जहां पर गुरु साहिब ने खुद अपने हाथों से फसलें उगाई थी। आज भी इन खेतों में फसलें व सब्जियां उगाई जाती हैं।

गुरुद्वारा साहिब के बिल्कुल नजदीक एक छोटी सी मार्किट भी मौजूद है जहां से श्रद्धालु ड्राई फ्रूट, कपड़े व पाकिस्तान की बनी विशेष सजावटी वस्तुएं खरीद सकते हैं। इस मार्किट में खाने-पीने की वस्तुएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा यहां शौचालय की सुविधा भी है।

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