चंडीगढ़, 2 अप्रैलः
विश्व बैंक और एशियन इंफ्रास्टरक्कचर इंवेस्टमैंट बैंक (ए.आई.आई.बी.) ने पंजाब म्यूंसिपल सेवाओं सुधार प्रोजैक्ट के अंतर्गत नहरी पानी पर आधारित पीने वाले पानी की स्कीमों के लिए 300 मिलियन अमरीकी डालर के कर्जे को मंजूरी दे दी है। इस प्रोजैक्ट का उद्देश्य पीने वाले गुणवत्ता भरपूर पानी की 24 घंटे सप्लाई को यकीनी बनाने और पवित्र नगरी अमृतसर और औद्योगिक हब लुधियाना के लिए पानी के नुकसान को घटाना है।
पेट की सभी बीमारियों में होगा तुरंत आराम || Abdomen pain || Dr. AK Jain ||
जिक्रयोग्य है कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने विश्व बैंक और ए.आई.आई.बी. का कर्ज हासिल करने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष जोरदार ढंग से पैरवी की थी जिससे इन शहरों के नागरिकों के लिए पीने वाला साफ पानी यकीनी बनाया जा सके। नहरी पानी की सप्लाई वाले दो अन्य प्रोजैक्ट जालंधर और पटियाला में पहला ही कार्य अधीन हैं।
जिक्रयोग्य है कि इस समय पर अमृतसर और लुधियाना को ट्यूबवैलों के द्वारा भूजल की सप्लाई की जा रही है। सैंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिर्पोट के मुताबिक भूजल का बहुत ज्यादा प्रयोग किया जा चुका है और पीने वाले पानी का मानक बिगड़ गया है जिस करके सेहत पर प्रभाव पड़ रहा है। इस कारण पानी की सप्लाई भूजल की बजाय नहरी पानी से करने को प्रस्तावित किया गया जिससे शहरी इलाकों में पीने वाले साफ पानी की निर्विघ्न सप्लाई निश्चित की जा सके।
अमृतसर और लुधियाना में नहरी पानी पर आधारित जल सप्लाई प्रोजैक्ट के लिए 300 मिलियन अमरीकी डालर के कुल अनुमानित प्रोजैक्ट संबंधी विस्तार में जानकारी देते हुये प्रवक्ता ने बताया कि समूचे प्रोजैक्ट के लिए आई.बी.आर.डी (विश्व बैंक) की तरफ से 105 मिलियन अमरीकी डालर का कर्ज, ए.आई.आई.बी. की तरफ से भी 105 मिलियन अमरीकी डालर का कर्ज जबकि पंजाब सरकार के 90 मिलियन अमरीकी डालर के फंड हैं।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि अमृतसर के प्रोजैक्ट के लिए पानी लेने का स्रोत अप्पर बारी दोआब नहर होगी जिसके अंतर्गत नहरी पानी को साफ करने के लिए जिले के गाँव वल्ल्हा में 440 मिलियन लीटर पानी प्रति दिन संशोधित के सामर्थ्य वाला जल संशोधन प्लांट स्थापित किया जायेगा। इस पानी को संशोधित करने के बाद इसको ओवर हैड सर्विसेज़ रिजरवरज (ओ.एच.एस.आर.) में डाल दिया जायेगा जो आगे शहर निवासियों को पानी की सप्लाई के लिए इस्तेमाल किया जाया करेगा।
इस संबंधी बुनियादी ढांचा ऐसे ढंग से बनाया गया है जिससे 30 सालों के लिए पानी की माँग को पूरा किया जा सके। इससे अमृतसर के लिए 2025 तक 14.51 लाख और 2055 तक 22.11 लाख की अनुमानित जनसंख्या के अंतर्गत नागरिकों को लाभ मिलता रहेगा। इस समय पर अमृतसर के लिए नहरी पानी पर आधारित जल सप्लाई प्रोजैक्ट 784.33 करोड़ रुपए की राशि के साथ मैसर्ज लार्सन एंड टूब्रो लिमटेड को दिया गया है।
इसी तरह लुधियाना प्रोजैक्ट के लिए पानी की सप्लाई का स्रोत सरहिन्द नहर होगी और नहरी पानी को सुधारने के लिए 580 मिलियन लीटर प्रति दिन सुधारने के सामर्थ्य वाला जल संशोधन प्लांट भी बनाया जायेगा। इस पानी को संशोधित करने के बाद इसको ओवर हैड सरविसज रिजरवरज (ओ.एच.एस.आर.) में डाल दिया जायेगा जो आगे शहर निवासियों को पानी की सप्लाई के लिए इस्तेमाल किया जाया करेगा।
इस संबंधी बुनियादी ढांचा ऐसे ढंग से बनाया गया है जिससे 30 सालों के लिए पानी की माँग को पूरा किया जा सके। इससे लुधियाना के लिए 2025 तक 20.76 लाख और 2055 के लिए 29.35 लाख तक की अनुमानित जनसंख्या के अंतर्गत नागरिकों को लाभ मिलता रहेगा। लुधियाना प्रोजैक्ट की अनुमानित निर्माण कीमत 1093.92 करोड़ रुपए है और इसको 36 महीनों के समय में पूरा किया जाना है। इसको 10 सालों के लिए चलाने और संभाल के लिए अनुमानित कीमत 270.73 करोड़ रुपए है। इस प्रोजैक्ट पर कुल 1364.65 करोड़ रुपए की लागत आयेगी।
इस समय पर लुधियाना के लिए नहरी आधारित जल सप्लाई प्रोजैक्ट विनती के प्रस्ताव के अंतिम पड़ाव अधीन है जिसको जल्द ही जारी कर दिया जायेगा।
-Nav Gill
Post Views:
572