वित्त मंत्री द्वारा दो विशेष वैब पोर्टलों की शुरुआत

चंडीगढ़, 10 नवंबर:

वित्त और योजना मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने आज पंजाब भवन में एक समागम के दौरान दो जी.आई.एस (भौगोलिक सूचना व्यवस्था) वैब पोर्टलों की शुरुआत की। यह समागम पंजाब के योजना विभाग के आर्थिक और सांख्यिकीय संगठन (ईएसओ), द्वारा भास्करचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान और भू-सूचना विज्ञान (बी.आई.एस.ए.जी), इलैक्ट्रॉनिक्स और इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी (एमईआईटीवाई) मंत्रालय, भारत सरकार और पंजाब रिमोट सेंसिंग सैंटर, लुधियाना के सहयोग से करवाया गया।

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इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ‘पंजाब जी.आई.एस’ और ‘विलेज जी.आई.एस’ नामक वैब पोर्टल राज्य के विभिन्न विभागों को सुचारू प्रशासन और लोक समर्थकीय सेवाएं देने में लाभकारी सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि इनका प्रयोग राज्य के सर्वपक्षीय विकास और लोगों की ख़ुशहाली के लिए होगा क्योंकि विभिन्न स्कीमें बनाने और लोगों को अच्छा प्रशासन देने में इन वैब पोर्टलों से लिया डाटा सकारात्मक भूमिका अदा करेगा। उन्होंने बताया कि पोर्टल द्धह्लह्लश्चह्य://1स्रश्चह्वठ्ठद्भड्डड्ढ.ठ्ठष्शद्द.द्दश1.द्बठ्ठ /द्यशद्दद्बठ्ठ ईएसओ द्वारा तैयार किया गया है और इस पर डाली गई जानकारी ज़मीनी स्तर पर गाँवों की व्यापक योजनाबंदी और विकास के लिए सहायक होगी। इसी तरह पोर्टल द्धह्लह्लश्चह्य://श्चह्वठ्ठद्भड्डड्ढ.ठ्ठष्शद्द.द्दश1.द्बठ्ठ /ड्डस्रद्वद्बठ्ठ /द्दद्बह्यरूशस्रह्वद्यद्ग में राज्य सरकार के प्रमुख विभागों जैसे कि पशु पालन विभाग, नहरी, जनगणना, शिक्षा, स्वास्थ्य, सेवा केंद्र, एम.पी.एल.ए.डी, पर्यटन और जल संसाधन विभागों की जानकारी शामिल है।

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वित्त मंत्री ने कहा कि जी.आई.एस तकनीक से ज़मीनी स्तर पर फ़ैसले लेने में मदद मिलेगी। पंजाब सरकार में योजनाबंदी और अन्य फ़ैसले लेने के लिए जी.आई.एस. तकनीक को अपनाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब के सभी बड़े विभागों की जानकारी जी.आई.एस के पहले पड़ाव में शामिल कर ली गई है। उन्होंने उम्मीद प्रकट करते हुए कहा कि यह दोनों पोर्टल ‘पंजाब जी.आई.एस’ और ‘विलेज जी.आई.एस’ राज्य में योजनाबंदी के उद्देश्यों के लिए काफ़ी लाभदायक साबित होंगे।

समागम के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव शासन सुधार अनिरुद्ध तिवाड़ी ने जी.आई.एस और आई.टी टैक्नॉलॉजी को एकीकृत करने पर ज़ोर दिया, जिससे लोगों के लाभ के लिए मज़बूत नीतियाँ बनाने में सरकार की मदद हो सके। उन्होंने कृषि, जल संसाधन, ग्रामीण और शहरी विकास योजनाबंदी में जी.आई.एस तकनीक की और ज्य़ादा कुशलता के साथ प्रयोग करने पर ज़ोर दिया।

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अपने संबोधन में पंजाब सरकार के आर्थिक सलाहकार एम.एल. शर्मा ने कहा कि भौगोलिक जानकारी प्रणाली (जी.आई.एस) नीतिगत ढांचे और रोज़मर्रा की योजनाबंदी के लिए प्रभावशाली फ़ैसले लेने में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि जी.आई.एस तकनीक प्राकृतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक भिन्नताओं को समझने और भविष्य की चुनौतियों के लिए रूप रेखा तैयार करने के लिए एक शानदार प्रयत्न है।

भारत सरकार के इलैक्ट्रॉनिक्स और आई.टी. मंत्रालय के राष्ट्रीय ई-गवर्नैंस डिविजऩ के प्रैज़ीडैंट और सी.ई.ओ अभिषेक सिंह और बिसाग-एन, इलैक्ट्रॉनिक्स और आई.टी. मंत्रालय के डायरैक्टर जनरल डॉ. टी.पी सिंह ने जी.आई.एस डाटाबेस तैयार करने के लिए पंजाब सरकार के यत्नों की सराहना की।

  इस मौके पर आर्थिक और संख्यिकीय संगठन के संयुक्त डायरैक्टर हरविन्दर सिंह और प्रोजैक्ट नेता डॉ. आर.के. सेतिया ने कहा कि इन वैब पोर्टलों की शुरुआत एक ऐतिहासिक फ़ैसला है, क्योंकि यह प्रभावशाली ढंग से पंजाब के व्यापक विकास को यकीनी बनाने में अहम भूमिका अदा करेंगे।

-NAV GILL

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