चंडीगढ़, 23 अगस्त:
राज्य में स्वच्छ वातावरण को यकीनी बनाने और पराली को जलाने के कारण पैदा होने वाले प्रदूषण (जिससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी घटती है) को घटाने के लिए पंजाब सरकार ने वायु (प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण) ऐक्ट, 1981 के अंतर्गत कम्बाईन हारवैस्टर पर सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट (एस.एम.एस) लगाना अनिवार्य कर दिया है।
इस संबंधी कृषि विभाग के सचिव और कृषि अवशेष जलाने के खिलाफ मुहिम के नोडल अधिकारी स. काहन सिंह पन्नू ने कहा कि राज्य के कुल 13 हजार में से कुछ कम्बाईन मालिक पैसा और समय बचाने के लिए एस.एम.एस प्रणाली को फिट नहीं करते।
उन्होंने बताया कि पंजाब में 67 लाख एकड़ क्षेत्रफल धान की काश्त अधीन है और धान की कटाई शुरू होने को अभी एक महीना बाकी है। उन्होंने चेतावनी दी कि एस.एम.एस. के बगैर किसी को भी कम्बाईन के साथ फसल की कटाई करने की आज्ञा नहीं दी जायेगी और ऐसा करने वालों की कम्बायनें जब्त करने के अलावा भारी जुर्माने किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि हुक्मों का उल्लंघन करने वाले कम्बाईन मालिकों के खिलाफ अदालत में केस दर्ज कराए जाएंगे, जिसके अंतर्गत छह साल तक की कैद हो सकती है।
एस.एम.एस. प्रणाली की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कृषि विभाग के सचिव ने बताया कि यह प्रणाली हैपी सिडर, सुपर सिडर और जीरो टिल सीड ड्रिल जैसी मशीनों के द्वारा गेहूँ की सीधी बिजवाई करने में मददगार है और इस तरह किसानों के समय और पैसों की बचत होती है। श्री पन्नू ने बताया कि एस.एम.एस. वाली कम्बाईनों के साथ कटी हुई फसल वाले खेतों में पराली का प्रबंधन करना बहुत आसान है और इसलिए किसानों को अवशेष जलाने की जरूरत नहीं पड़ती।
राज्य सरकार की तरफ से दी जा रही रियायतों बारे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इस साल पंजाब सरकार की तरफ से फसलों की अवशेष प्रबंधन वाली 23500 मशीनों की खरीद पर 50 से 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा प्रांतीय सरकार की तरफ से कम्बाईनों पर यह सिस्टम लगवाने पर 50 फीसद सब्सिडी दी जा रही है।
कम्बाईन मालिकों को कम्बाईनों पर सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम लगाने की अपील करते हुए स. पन्नू ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से स्वच्छ और हरे-भरे वातावरण के लिए किये जा रहे प्रयासों में किसान भाई पूरा सहयोग दें।
-Nav Gill
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