ग्रामीण और खेत मज़दूर यूनियनों के सांझे मोर्चो के साथ मीटिंग के दौरान माँगों पर विस्तार में चर्चा
चंडीगढ़ : पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा भारतीय रिज़र्व बैंक के निष्पक्ष उधार अभ्यास कोड का उल्लंघन करने वाली कर्ज़ देने वाली फर्मों को चेतावनी दी कि यदि ऐसे उल्लंघन का कोई भी मामला सरकार के ध्यान में आने पर सख़्त कार्यवाही की जायेगी। वित्त मंत्री ने यह चेतावनी ग्रामीण और खेत मज़दूर यूनियनों के सांझे मोर्चो की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये दी। फ्रंट ने मंत्री को अवगत करवाया कि कुछ माईक्रोफाईनांस फर्मों समेत बहुत सी उधार देने वाली फर्में घटिया चालों और नाजायज वसूली अभ्यासों का सहारा ले रही हैं।
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इसका गंभीर नोटिस लेते हुये स. चीमा ने वित्त विभाग को हिदायत की कि ऐसी किसी भी घटना की रिपोर्ट भारतीय रिज़र्व बैंक को की जाये और ऐसे अदारों के पूरे भारत के लायसेंस को रद्द करने समेत सख़्त कार्यवाही की सिफ़ारश की जाये।
दो घंटे तक चली इस उच्च स्तरीय मीटिंग के दौरान वित्त मंत्री की तरफ से फ्रंट की माँगों के बारे विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। इस मीटिंग में पुलिस, सामाजिक सुरक्षा, बिजली, सहकारिता, ख़ाद्य और सिवल सप्लाई, ग्रामीण विकास और वित्त विभागों के सीनियर अधिकारी उपस्थित थे। वित्त मंत्री ने इन अधिकारियों को हिदायत की कि जिन मुद्दों पर तुरंत कार्यवाही संभव है ऐसीं सभी माँगों पर तुरंत कार्यवाही यकीनी बनाई जाये।
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स. चीमा ने फ्रंट की अन्य जायज़ माँगों की पूर्ति के लिए वित्तीय और कानूनी उलझनों पर सम्बन्धित विभागों को रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा। उन्होंने फ्रंट के मसलों के जल्दी हल के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को फ्रंट के नुमायंदों के साथ समय-समय पर मीटिंगें करने के निर्देश भी दिए। वित्त मंत्री ने ग्रामीण और खेत मज़दूर यूनियन के सांझे मोर्चे को यह भी भरोसा दिया कि उनकी माँगों पर विचार करने के लिए, जिनका हल मुख्यमंत्री के स्तर पर ही हो सकता है, वह जल्दी ही मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ फ्रंट की मीटिंग तय करवाएंगे। इस मीटिंग में ए. डी. जी. पी लॉ एंड आर्डर अर्पित शुक्ला और विशेष सचिव वित्त यशनजीत सिंह भी मौजूद थे।